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पहली बार सेक्स करते हुए लड़की को खून आ जाए, ये सुनिश्चित करने के लिए गोली बिक रही है

क्या इससे घृणित भी कुछ हो सकता है?

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लड़कियों के 'कुंवारेपन' को लेकर गढ़ा गया मिथ उन्हें शरीर से ही नहीं, मन से भी कुंठित कर रहा है. और बाज़ार इसका फायदा उठाने में व्यस्त है. (तस्वीर: एमेजॉन/पिक्साबे)
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14 नवंबर 2019 (Updated: 14 नवंबर 2019, 10:56 IST)
Updated: 14 नवंबर 2019 10:56 IST
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वर्जिनिटी. यानी कौमार्य. यानी एक ऐसा ‘कॉन्सेप्ट’ जिसका मतलब है कि जब तक लड़कियां शारीरिक सम्बन्ध नहीं बना लेतीं, तब तक वो ‘वर्जिन’ होती हैं. अनछुई. और किस तरह उनका कौमार्य उनके लिए एक बेहद ज़रूरी ‘थाती’ है जिसे उन्हें संभालकर रखना होता है. ताकि वो शादी के बाद अपने पति को इसे ‘गिफ्ट’ कर सकें. साबित कर सकें कि वो ‘पवित्र’ हैं.
क्या होती है वर्जिनिटी?
बायोलॉजी के हिसाब से वर्जिनिटी का मतलब होता है हाइमन का अक्षत होना. हाइमन एक टिश्यू होता है डोनट के आकार का. ये वजाइना के अंदर होता ज़रूर है, पर डोनट की तरह, इस में भी एक छोटा सा छेद होता है. उसी की बदौलत पीरियड में खून वजाइना के बाहर आ पाता है. हाइमन को एक प्लास्टिक की थैली समझिए. ये इलास्टिक की तरह खींची जा सकती हैं. फट सकती है. पर टूट नहीं सकती. ठीक वैसे ही हाइमन होता है. अगर आपको लगता है कि हाइमन पहली बार सेक्स करते ही गायब हो जाता है, तो आप गलत हैं. ये कहीं जादू से गायब नहीं होता. ये वहीं रहता है. बस वक़्त के साथ-साथ पतला होता जाता है. कई बार पहली बार शारीरिक संबंध बनाते समय हाइमन के खिंचने या उस पर जोर पड़ने से खून आ जाता है. लेकिन ज़रूरी नहीं है कि हर बार ऐसा हो ही.
Delish Donuts डोनट ऐसे दिखते हैं. कुछ कुछ ऐसा ही होता है हाइमन. (तस्वीर: डेलिश डोनट्स )


अब आते हैं इस बात पर कि इस हाइमन की बात हम क्यों कर रहे हैं.
एक प्रोडक्ट है जो एमेजॉन पर बिक रहा है. नाम हम आपको नहीं बताएंगे. क्योंकि वो जरूरी नहीं है. जरूरी है ये जानना कि ये प्रोडक्ट करता क्या है. ये वादा करता है कि जब आप शादी के बाद पहली बार शारीरिक सम्बन्ध बनाएंगी, तो इस पिल का इस्तेमाल करके आप खुद को वर्जिन दिखा सकती हैं.
I V 2 700 वो प्रोडक्ट जिसे ऑनलाइन बेचा जा रहा है. इसके डिस्क्रिप्शन में लिखा है कि 'शेड्यूल किए हुए ट्रैफिक के 2 घंटे पहले ' इसका इस्तेमाल करें. (तस्वीर साभार: Amazon)


ये कैसे?
चूंकि वर्जिनिटी को लेकर एक हौव्वा बना दिया गया है, तो बाज़ार इसके लिए भी उपाय ले आया है. हाइमनोप्लास्टी नाम की सर्जरी जिसमें दो-तीन तरीकों से हाइमन जोड़ दिया जाता है.एक में बचा हुआ हाइमन इस्तेमाल किया जाता है, उसे वापस स्टिच लगाकर सिल दिया जाता है. दूसरे इसमें जेलेटिन की कैप्सूल्स इस्तेमाल की जाती हैं जिनमें लाल रंग भरा होता है और इंटरकोर्स के दौरान वो फट जाती हैं. ताकि पतिदेव को लगे कि पत्नी ब्लीड कर रही है और सबकुछ सही है.तीसरा, वजाइना के फ्लैप्स का इस्तेमाल करके हाइमन ठीक किया जाता है. इसे ठीक होने में समय लगता है. इसमें कम से कम तीन महीनों तक शारीरिक सम्बन्ध बनाने से बचने की सलाह दी जाती है.
जिस पिल की बात हम कर रहे हैं, वो इन तरीकों में शामिल नहीं है. इसे ब्लड पाउडर वाली पिल कहकर बेचा जा रहा है. इस पिल को शारीरिक सम्बन्ध बनाने से थोड़ी देर पहले अपनी वजाइना में रखना होता है. उसके बाद शारीरिक सम्बन्ध बनाते समय ये पिल ऐसा आभास देती है मानों आपको खून आ रहा हो. और इसी के साथ, आप वर्जिन साबित हो जाएंगी.
क्योंकि एक औरत का पूरा अस्तित्व उसकी योनि और उसके इस्तेमाल के चारों तरफ ही तो घूमता है.
Hymenoplasty Manhattan Centre हाइमनोप्लास्टी वाली सर्जरी का एक नमूना. (तस्वीर साभार: Manhattan Centre for Vaginal Surgery)


दिक्कत क्या है इसमें?
महाराष्ट्र के कंजरभाट समुदाय में जब दूल्हा-दुल्हन सुहागरात मनाने जाते हैं, तो उनके बिस्तर पर सफ़ेद चादर बिछाई जाती है. ताकि अगले दिन ये चेक किया जा सके कि दुल्हन को ब्लीडिंग हुई या नहीं, यानि वो ‘वर्जिन’ है या नहीं. खून न निकलने पर बहुत बेइज्जती सहनी पड़ती है दुल्हन को. रिश्ता टूटने की नौबत आ जाती है. जबकि ऐसा कहीं नहीं लिखा कि हाइमन से खून आना ही वर्जिनिटी की निशानी है. कई औरतें बिना हाइमन के पैदा होती हैं, कई का हाइमन खेल कूद की वजह से टूट जाता है.
इन सब पर बहस तब हो रही है, जबकि वर्जिनिटी एक मुद्दा होना ही नहीं चाहिए. एक आदर्श समाज में.
ये सिर्फ भारत की दिक्कत नहीं है. हाल में ही TI  नाम के अमेरिकी रैपर ने सबके सामने ये घोषणा की थी कि वो अपनी 18 साल की बेटी का हर साल हाइमन चेक करवाते हैं. डॉक्टर के पास ले जाकर. ताकि ये तस्दीक कर सकें कि उनकी बेटी ने अभी तक किसी के साथ सेक्स नहीं किया. 1865 में ज्यूइश-ऑस्ट्रियन फिजिशियन जेकब पोलैक ईरान के राजसी दरबार में काम करते थे. उन्होंने बताया कि कुछ दूल्हे हाइमन को लेकर दुल्हन के परिवार को ब्लैकमेल करते थे और उनसे मोटा दहेज़ मांगते थे. जिन परिवारों के पास साधन होते थे, वो पहले से ही तैयार कर लेते थे. वो लड़की को शादी से पहले ही बच्चा पैदा करने वाली दाई के पास ले जाते थे. वो बता देती थी कि लड़की वर्जिन है या नहीं. अगर वो वर्जिन नहीं होती थी, किसी भी कारण से, तो उसका हाइमन वापस सिलवा दिया जाता था. यानी ये घटिया प्रथा नई नहीं है.
I V 6 700 खुद को वर्जिन साबित करने के लिए लड़कियां मजबूर क्यों होती हैं, किसी से छुपा नहीं है. (तस्वीर: Amazon)


ये प्रोडक्ट अपनी तरह का इकलौता नहीं है. ऐसे कई प्रोडक्ट मार्केट में उपलब्ध हैं. कई ऐसे ही क्लिनिक हैं जो सीक्रेट में आपका हाइमन ठीक करने का वादा करते हैं. ऐसा ही ऐड कुछ दिन पहले फेसबुक पर भी चला था. रह-रह कर आते रहते हैं ऐड. कुछ दिन बमचख मचती है. फिर सब कुछ शांत हो जाता है. डॉक्टर्स भी इस पिल को सेफ नहीं बताते. उनकी नज़र में ये एक स्कैम (धोखाधड़ी) है. डॉक्टर की सलाह के बिना ऐसा कोई भी प्रोडक्ट इस्तेमाल ना कीजिए जो आपकी सेहत और शरीर पर असर डाल सकता हो.
वर्जिनिटी के इस एक कॉन्सेप्ट के लिए लड़कियां चुपचाप सिर झुकाए सर्जरी कराने पहुंच जाती हैं. होठों के साथ हाइमन भी सिलवा लेती हैं. एक से रिसती चुप्पी, दूसरे से रिसता खून ही दुनिया के बाज़ार में उनकी कीमत होती है.


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