बिहार का मधुबनी (Madhubani) जिला. यहां की एक अदालत ने रेप का प्रयास करने के एक आरोपी के ज़मानत के लिए एक यूनीक शर्त रखी है. कोर्ट ने कहा है कि जमानत के एवज में आरोपी को दो हजार महिलाओं के कपड़े न केवल धोने पड़ेंगे बल्कि उनको प्रेस भी करना होगा. एडिशनल सेशन जज अविनाश कुमार ने यह आदेश सुनाया है.
न्यूज एजेंसी IANS की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले के आरोपी का नाम ललन कुमार है. ललन लौकाहा पुलिस थाने के तहत आने वाले एक गांव का निवासी है. बचाव पक्ष के वकील परशुराम मिश्रा ने बताया कि ललन ने 17 अप्रैल की रात को अपने गांव की एक महिला का बलात्कार करने की कोशिश की. एक दिन बाद पीड़िता ने उसके खिलाफ FIR दर्ज करा दी. जिसके बाद 19 अप्रैल को ललन को गिरफ्तार कर लिया गया. तब से वो जेल में है.
वकील परशुराम मिश्रा ने आगे बताया कि इस मामले में उन्होंने जमानत याचिका दाखिल की. जज ने जेल में ललन के अच्छे व्यवहार और कोर्ट में दाखिल किए गए माफीनामे को ध्यान में रखते हुए ललन को जमानत दे दी. हालांकि, इस दौरान एक शर्त भी रखी. शर्त के तहत ललन को दो हजार महिलाओं के कपड़े धोने होंगे, उन्हें प्रेस करना होगा.
गांव की मुखिया नजर रखेंगी
कोर्ट ने बेल ऑर्डर की एक प्रति ललन के गांव की मुखिया नसीमा खातून को भेजी है. बेल ऑर्डर में लिखा है कि कपड़े धोने के लिए साबुन और डिटरजेंट का इंतजाम ललन को ही करना होगा. साथ ही प्रेस भी खुद ही खरीदनी होगी. गांव की मुखिया नसीमा खातून को नजर रखनी होगी कि ललन अपना काम ढंग से करे.
IANS की रिपोर्ट के अनुसार, नसीमा खातून ने कोर्ट के इस फैसले को अच्छा बताया है. उन्होंने कहा कि यह फैसला औरतों का सम्मान करने का संदेश देगा और महिला विरोधी मानसिकता रखने वाले पुरुषों के मन में ग्लानि पैदा करेगा. उन्होंने कहा कि वो नियमित तौर पर आरोपी के ऊपर नजर रखेंगी. खातून ने आगे बताया कि उनके गांव में 425 महिलाएं रहती हैं और हर महिला तब तक अपने कपड़े देगी, जब तक दो हजार कपड़ों की संख्या पूरी नहीं हो जाती.
ललन को यह काम अगले छह महीने में पूरा करना है. जिसके बाद नसीमा खातून इस संबंध में एक रिपोर्ट जमा करेंगी. ललन को नसीमा खातून और स्थानीय पुलिस थाने से सर्टिफिकेट हासिल करना होगा. जिसे बाद में उसे अदालत में जमा करना होगा.
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