टीजे सिद्धू. एक्ट्रेस और रेडियो पर्सनैलिटी हैं. टीवी एक्टर करणवीर बोहरा उनके पति हैं और दोनों की तीन बेटियां हैं. उनकी बेटियों के नाम- बेला, विएना और वेनेसा हैं. बड़ी बेटियां जुड़वां हैं, वो 2016 में पैदा हुई थीं. वहीं छोटी बेटी दिसंबर, 2020 में पैदा हुई. टीजे ने अपने परिवार की एक फोटो इंस्टाग्राम पर पोस्ट की. इस पोस्ट के साथ ही उन्होंने लिंगभेद पर सवाल उठाया है.
टीजे ने हाल का एक इंसीडेंट शेयर करते हुए सवाल किया कि ऐसा क्यों है कि लोग बेटा पैदा हो जाने से परिवार को कम्प्लीट मानते हैं. उन्होंने लिखा,
मेरे एक परिचत कपल की पहले से एक बेटी थी. हाल ही में उनका एक बेटा हुआ. मेरे एक और परिचित ने उन्हें बधाई देते हुए कहा कि अब उनका परिवार पूरा हो गया है. ये सुनकर मुझे थोड़ी निराशा हुई. क्या बेटा होने से ही परिवार पूरा होता है? अगर उस कपल को एक और बेटी हो जाती तो? क्या उनका परिवार अधूरा रहता. एक बच्चा होना भी सौभाग्य की बात है. उसके बाद आपके कितने बच्चे हुए, उनका जेंडर क्या है, ये आपकी पूर्णता कैसे साबित करती है.
मुझे यकीन है कि वो कमेंट बुरा लगने के इंटेंशन से नहीं किया गया था. हो सकता है कि उनके कहने का मतलब हो कि अब उनके पास बेटा, बेटी दोनों हैं, लेकिन ऐसे में ये बात उन्हें और अधिक क्लैरिटी के साथ कहनी चाहिए थी. हमें अपने विचार, अपनी बात रखते हुए अधिक रिस्पॉन्सिबल होना होगा.
टीजे ने लिखा कि ये पोस्ट वो 15 फरवरी को पड़ने वाले फैमिली डे के लिए लिख रही थीं, लेकिन हमेशा की तरह लेट हैं.
वैसे टीजे ने बात सही रखी. कि ऐसा क्यों कि बेटा होने पर ही परिवार को पूरा माना जाता है. अपने आसपास कई परिवार आपको ऐसे मिल जाएंगे जहां चार-चार, पांच-पांच बेटियां हैं. बेटे के इंतज़ार में कपल्स बच्चे पैदा करते गए.
जैसा कि टीजे ने लिखा कि कई बार बात करते वक्त हमारी मंशा लड़का या लड़की में भेदभाव करने की नहीं होती, लेकिन कई बातें हम ऐसी बोल जाते हैं जिन्हें लेकर हमें सावधानी बरतनी चाहिए. और सबसे ज़रूरी बात, आपका या आपके परिवार का पूरा होना संतान होने या नहीं होने या लड़का-लड़की होने पर निर्भर नहीं करता.
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