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AAP की वो 8 महिला नेता, जिन पर अरविंद केजरीवाल को पूरा भरोसा है

कोई पूर्व कांग्रेसी नेता है, तो किसी के पति कांग्रेसी विधायक रह चुके हैं.

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आम आदमी पार्टी की वो महिलाएं जो चुनाव लड़ रही हैं. पिछली बार आप ने 6 महिलाओं को उतारा था, इस बार 8 को उतारा है.
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15 जनवरी 2020 (Updated: 15 जनवरी 2020, 16:42 IST)
Updated: 15 जनवरी 2020 16:42 IST
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दिल्ली विधानसभा चुनाव 8 फरवरी को होने वाले हैं. नतीजे 11 फरवरी को आएंगे. आम आदमी पार्टी ने सभी 70 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान भी कर दिया है. मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया,
70 में से 46 सीटों पर मौजूदा विधायक चुनाव लड़ेंगे. 15 मौजूदा विधायकों की जगह और 9 खाली सीटों पर नए चेहरे होंगे. इनमें 8 महिलाएं हैं. 2015 में 6 महिलाएं थीं.
2015 के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 6 महिलाओं को चुनाव में उतारा था. सभी जीती भी थीं. अगर प्रतिशत में बात की जाए तो केवल 8 फीसद सीटों पर महिलाओं को उतारा था. पांच साल बाद इनकी संख्या 8 कर दी है. प्रतिशत के हिसाब से 11 फीसद सीटों पर महिलाओं को जगह दी है. सिर्फ 11 प्रतिशत महिलाओं को टिकट देकर सिसोदिया ने अपने ट्वीट में इसका स्पेशल मेंशन भी कर दिया. खैर.
फिलहाल बात करते हैं उन 8 महिलाओं के बारे में, जिन्हें आप ने टिकट दिए हैं?
#राखी बिड़ला
कहां से लड़ेंगी- मंगोलपुरी विधानसभा सीट अभी क्या हैं- मंगोलपुरी की विधायक और विधानसभा की डिप्टी स्पीकर आप में कब आईं- पार्टी की बड़ी नेता हैं. तब से ही आप के साथ हैं, जब से पार्टी बनी. जन लोकपाल बिल के लिए हुए आंदोलन में हिस्सा लिया था. इसी आंदोलन से आप पैदा हुई थी. राखी पत्रकारिता छोड़कर राजनीति में आई थीं.
Rakhi Bidlan 1
राखी बिड़ला शुरुआत से ही आप के साथ हैं. 49 दिन की सरकार में राखी महिला एवं बाल विकास मंत्री भी बनी थीं. फोटो- ट्विटर.


राजनीतिक करियर
पहली बार चुनाव 2013 में लड़ा था. आम आदमी पार्टी ने मंगोलपुरी विधानसभा सीट से टिकट दी थी. चार बार के कांग्रेसी विधायक राज कुमार चौहान को हराया था. लेकिन सरकार 49 दिन ही चली थी. फिर 2014 लोकसभा चुनाव में आप ने नॉर्थ वेस्ट दिल्ली से राखी को उतारा था. मुकाबला बीजेपी के उदित राज से था. राखी जीत न सकीं. 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में आप ने फिर राखी को मंगोलपुरी सीट से उतारा, वो जीत गईं. 10 जून, 2016 के दिन राखी को दिल्ली विधानसभा का डिप्टी स्पीकर बनाया गया. 10 जून को ही राखी का बर्थडे होता है. इसलिए वो जब डिप्टी स्पीकर बनीं, तो कहा गया कि उन्हें जन्मदिन का तोहफा मिला है.
विवाद-
राखी के पिता भूपेंद्र पर एक महिला ने रेप के आरोप लगाए थे. कहा था कि उन्होंने चुनाव का टिकट देने के बहाने उसका रेप किया था. हालांकि बाद में दिल्ली के एक कोर्ट ने भूपेंद्र को बरी कर दिया था.
#वंदना कुमारी
कहां से लड़ेंगी- शालीमार बाग सीट अभी क्या हैं- शालीमार बाग की सिटिंग विधायक आप में कब आईं- 2013 में. सोशल वर्कर के तौर पर वंदना आप में शामिल हुई थीं.
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AAP से जुड़ने के पहले सोशल वर्क करती थीं. दाएं वाली तस्वीर साल 2015 की है.


राजनीति करियर-
शालीमार बाग विधानसभा सीट पर 1993 से बीजेपी का कब्जा था. 1998 से बीजेपी के रविंदर नाथ बंसल इस सीट से लगातार जीत रहे थे. 2013 में वंदना ने रविंदर को हराकर ये सीट अपने नाम की.
वंदना को आप महिला शक्ति का प्रेसिडेंट भी बनाया गया था. 49 दिन की सरकार के बाद जब 2015 में विधानसभा चुनाव हुए, तो आप ने फिर से शालीमार बाग सीट से वंदना को उतारा. मुकाबला बीजेपी की रेखा गुप्ता से था. रेखा किसी जमाने में काफी कद्दावर छात्र नेता होती थीं. दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन (DUSU) की प्रेसिडेंट रह चुकी थीं. ABVP से जुड़ी हुई थीं. नगर निगम का चुनाव भी लड़ा था, जिसमें उन्हें जीत मिली थी. खैर, 2015 में वो वंदना के आगे नहीं टिक पाईं.
विवाद-
2015 में विधायक बनने के तुरंत बाद ही वंदना खबरों में आ गई थीं. उनके पति सज्जन कुमार के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया था. सज्जन के ऊपर आरोप लगे थे कि उन्होंने एक स्टूडेंट के एडमिशन के चलते शालीमार बाग के सर्वोदय विद्यालय के प्रिंसिपल को धमकी दी थी.
#धनवती चंदेला
कहां से लड़ेंगी- राजौरी गार्डन विधानसभा सीट अभी क्या है- उम्मीदवार आप में कब आईं- आप का नया चेहरा हैं. धनवती पिछले साल अगस्त में ही आप में शामिल हुई हैं.
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अगस्त 2019 की तस्वीर. ये तब की तस्वीर है, जब धनवती ने आप जॉइन की थी. उनके साथ गोपाल राय बैठे हैं. साथ में संजय सिंह भी हैं.


राजनीतिक करियर-
राजौरी गार्डन से ही तीन बार निगम पार्षद रह चुकी हैं. पति का नाम दयानंद चंदेला है. राजौरी गार्डन के पूर्व विधायक हैं. कांग्रेस की टिकट पर 2008 में विधानसभा चुनाव लड़ा था, जीत मिली थी. पार्टी का कहना था कि धनवती आप के पांच साल के कामकाज से इतनी ज्यादा प्रभावित हुईं, कि उन्होंने पार्टी में आने फैसला कर लिया. जब उन्होंने आप जॉइन की थी, तभी कहा जा रहा था कि उन्हें राजौरी गार्डन से विधानसभा चुनाव का टिकट दिया जाएगा. उस वक्त पार्टी ने कुछ नहीं कहा था. 2015 में इस सीट से आप ने जरनैल सिंह को उतारा था, वो जीते भी थे, लेकिन 2017 में उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था. क्योंकि वो आप की तरफ से पंजाब विधानसभा चुनाव में प्रकाश सिंह बादल के खिलाफ लड़ने वाले थे. इस चुनाव में जरनैल को हार का सामना करना पड़ा था. राजौरी गार्डन विधानसभा सीट पर फिर उपचुनाव हुए, जिसमें बीजेपी के मजिंदर सिंह सिरसा जीते थे.
#राजकुमारी ढिल्लों
कहां से लड़ेंगी- हरि नगर विधानसभा सीट अभी क्या हैं- उम्मीदवार आप में कब आईं- उम्मीदवारों के नाम के ऐलान के एक दिन पहले ही यानी 13 जनवरी को ही आप में शामिल हुई हैं. महज 24 घंटे के अंदर ही विधानसभा चुनाव का टिकट पाने वाले 5 नेताओं में से एक हैं.
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24 घंटे के अंदर टिकट मिल गया. ये तस्वीर 13 जनवरी की ही है. केजरीवाल ने ट्वीट की थी ये तस्वीर.


राजनीतिक करियर-
आप की नई महिला नेता हैं. पहले कांग्रेस के साथ थीं. वेस्ट दिल्ली के हरि नगर वॉर्ड से 2012 में पार्षद भी चुनी गई थीं. दिल्ली की हरिनगर विधानसभा सीट से 2015 में AAP के जगदीप सिंह विधायक बने थे. उन्होंने बीजेपी के अवतार सिंह को करीब 26 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था. विवाद-
24 घंटे के अंदर कैसे विधानसभा चुनाव का टिकट मिल गया? इन्हें लेकर ये सवाल घूम रहा है.
#भावना गौर
कहां से लड़ेंगी- पालम विधानसभा सीट अभी क्या हैं- पालम की सिटिंग विधायक आप में कब आईं- तब से पार्टी के साथ हैं, जब आप ने पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा था. यानी 2013 से.
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भावना गौर के ऊपर फेक डिग्री का आरोप लगा था.


राजनीतिक करियर-
आम आदमी पार्टी का पुराना चेहरा हैं. 2013 में पालम से आप के टिकट पर पहली बार चुनाव लड़ा था, लेकिन बीजेपी के धरम देव सोलंकी से हार का सामना करना पड़ा था. 2015 में पहली बार विधायक बनी थीं. बीजेपी के धरम देव को ही 30 हजार वोटों से हराया था.
विवाद-
भावना गौर पर फर्जी डिग्री पेश करने का आरोप लगा था. वकील सामरेंद्र नाथ ने दिल्ली की एक कोर्ट में केस दर्ज कराया था. कहा था कि 2013 के चुनाव में और 2015 के चुनाव में भावना ने जो डिग्री पेश की थी, दोनों में अंतर था. 2013 के एफिडेविट में भावना ने कहा था कि उन्होंने 12वीं तक पढ़ाई की थी, जबकि 2015 के एफिडेविट में उन्होंने कहा था कि दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया है. हालांकि जून 2016 में कोर्ट ने भावना को इस केस से छुटकारा दे दिया था.
#परमीला टोकस (कहीं-कहीं पर प्रमिला टोकस)
कहां से लड़ेंगी- आरके पुरम विधानसभा सीट अभी क्या हैं- आरके पुरम की सिटिंग विधायक आप में कब आईं- 2012 के बाद
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प्रमिला टोकस पार्षद भी रह चुकी हैं.


राजनीतिक करियर-
SDMC में पार्षद रह चुकी हैं. आप का पुराना चेहरा हैं. 2015 में आप ने आरके पुरम विधानसभा सीट से टिकट दिया था. प्रमिला ने बीजेपी के अनिल कुमार शर्मा को 19 हजार वोटों से हराया था.
विवाद-
दिसंबर 2015 में प्रमिला और उनके पति धीरज टोकस के खिलाफ सेंट्रल पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (CPWD) के एक अधिकारी जानी राम ने केस दर्ज कराया था. आरोप लगाया था कि प्रमिला और उनके पति ने एक सरकारी काम में बाधा डाली थी और उनके ऊपर हमला किया था.
#आतिशी मर्लेना
कहां से लड़ेंगी- कालकाजी विधानसभा सीट अभी क्या हैं- उम्मीदवार आप में कब आईं- पार्टी की पैदाइश के साथ ही.
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आतिशी ने पहली बार चुनाव 2019 में लड़ा था.


राजनीतिक करियर
आप का पुराना चेहरा हैं, लेकिन पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं. 2019 लोकसभा चुनाव में आतिशी का नाम काफी ज्यादा चर्चा में रहा था. उन्हें आप ने ईस्ट दिल्ली से उतारा था. मुकाबला बीजेपी के गौतम गंभीर से था. आतिशी को हार का सामना करना पड़ा. 2015 में कालकाजी सीट से आप ने अवतार सिंह को उतारा था.
दिल्ली की हैं. सेंट स्टीफंस कॉलेज से हिस्ट्री में ग्रेजुएशन किया. फिर ऑक्सफ़ोर्ड में जाकर पढ़ाई करके आईं. उसके बाद भारत आकर एनजीओ के साथ काम करने लगीं. हिमाचल प्रदेश में थीं. तब पहली बार प्रशांत भूषण से मिलीं. तभी से आम आदमी पार्टी के साथ काम करना शुरू किया. 2015 में पार्टी का मैनिफेस्टो तैयार करने में मदद की. बाद में मनीष सिसोदिया के साथ काम किया, एजुकेशन एडवाइजर के तौर पर. मीडिया में भी आम आदमी पार्टी के चेहरे के तौर पर नज़र आईं.
विवाद-
लोकसभा चुनाव के वक्त आतिशी के खिलाफ अश्लील पर्चे बांटे गए थे. आप ने गौतम गंभीर के ऊपर आरोप लगाए थे, वहीं गंभीर ने इन आरोपों को सिरे से नकार दिया था.
#सरिता सिंह
कहां से लड़ेंगी- रोहतास नगर विधानसभा सीट अभी क्या हैं- रोहतास नगर की सिटिंग विधायक आप में कब आईं- पार्टी के जन्म के साथ.
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सरिता सिंह की कार पर 2015 में चुनाव प्रचार के दौरान हमला हुआ था.


राजनीतिक करियर-
आप की पुरानी नेता हैं. दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ी हुई हैं. कॉलेज के वक्त दमदार स्टूडेंट लीडर थीं. 2015 में आप ने रोहतास नगर से सरिता को टिकट दिया था. उन्होंने बीजेपी के जितेंदर कुमार को 7 हजार वोटों से हराया था. 2013 में जितेंदर आप के मुकेश हुडा को हराकर रोहतास नगर के विधायक बने थे.
विवाद-
पिछले चुनाव में प्रचार के दौरान सरिता कार पर हमला हुआ था. कार के शीशे तोड़ दिए गए थे. इस मामले को लेकर काफी हंगामा हुआ था. इसके अलावा नवंबर, 2015 में सरिता पर पुलिसकर्मी के साथ गलत बर्ताव का आरोप लगा था.
एक जरूरी बात-
इन 8 महिला उम्मीदवारों में तीन ऐसी हैं, जो पहली बार आप की तरफ से विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं. पांच ऐसी हैं, जो सिटिंग विधायक हैं. हालांकि 2015 में 6 महिलाएं जीती थीं, जिनमें से एक अलका लांबा थीं, लेकिन अब वो आप में नहीं हैं.


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