20 अगस्त, 1995. उत्तर रेलवे का दिल्ली-कानपुर सेक्शन. आगरा से तकरीबन 40 किलोमीटर दूर एक छोटा सा स्टेशन है- फिरोजाबाद. ट्रेन अभी-अभी फिरोजाबाद स्टेशन के प्लेटफॉर्म से आगे बढ़ी थी. मौसम साफ था. घड़ी सुबह के तीन बजाने ही वाली थी. कालिंदी एक्सप्रेस में सफर कर रहे उन तमाम यात्रियों में शायद ही कोई होगा, जो उस वक्त जगा हो. यकायक ड्राइवर ने देखा कि बीच पटरी पर एक नीलगाय खड़ी है. पूरी रफ्तार से आ रही ट्रेन नीलगाय से टकराई.