कानपुर में बीती 3 जून को हुई हिंसा (Kanpur Violence) को लेकर विवाद जारी है. आजतक से जुड़े संतोष शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक अब तक मामले में जो भी सबूत सामने आए हैं, उनसे साफ पता चलता है कि ये हिंसा पहले से प्लान की गई एक गहरी साजिश का नतीजा थी. तमाम दावों और अटकलों के बीच एक कथित वॉट्सऐप ग्रुप चैट भी सामने आ रही है. चैट की डिटेल से पता चलता है कि बीते शुक्रवार को कानपुर में हुई पत्थरबाजी पहले से तय थी. कानपुर के कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने आजतक से बातचीत में खुद माना कि हिंसा पूर्व नियोजित थी. वहीं हयात जफर हाशमी की बहन का कहना है कि यूपी पुलिस ने उनके भाई के पर झूठे आरोप लगाएं हैं. उन्होंने अपने भाई को आखिरी बार 4 दिन पहले देखा था. ये वॉट्सऐप ग्रुप मुख्य आरोपी जफर हयात हाशमी का बताया जा रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक चैट में वो बाजार बंद करवाने का मैसेज फॉरवर्ड कर रहा था. वो लगातार ग्रुप मेंबर को बता रहा है कि कहां-कहां बाजार बंद हो रहे हैं. मुस्लिम समुदाय को अलर्ट किया जा रहा था कि वो दुकान बंद कर लें और सावधान हो जाएं.