नियंत्रक और महालेखा परीक्षक यानी कैग (CAG). इसकी एक रिपोर्ट संसद में पेश की गईहै. इसमें कहा गया है कि केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (CPSE) की ओर सेसरकारी स्कूलों में 1 लाख 40 हजार टॉयलेट का निर्माण किया गया. लेकिन सीएजी ने ऑडिटमें पाया कि इनमें से 40 प्रतिशत टॉयलेट या तो ‘गायब’ हैं या उनका निर्माण कार्यपूरा नहीं हुआ है या किसी वजह से इस्तेमाल में नहीं लाए जाते. बुधवार, 23 सितंबर कोसंसद में पेश एक ऑडिट रिपोर्ट में कैग ने कहा कि 70% से अधिक टॉयलेट में पानी कीसुविधा नहीं है, जबकि 75% टॉयलेट में साफ-सफाई नहीं है. पूरी खबर देखिए वीडियो में.