दुनिया के तमाम देश प्रदर्शन और प्रतिरोध की आवाजों को दबाने के लिए गोपनीय तरीके से तरह-तरह की महंगी हैकिंग तकनीकियों का सहारा ले रहे हैं. ये टूल्स न सिर्फ व्यक्ति के मोबाइल फोन, लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक इिवाइस को हैक कर सकते हैं, बल्कि ये उनके सिस्टम में 'आपत्तिजनक' सामग्री भी डाल सकते हैं. इसका मतलब ये है कि यदि आप पुलिस या प्रशासन के निशाने पर हैं, तो भले ही आपने कोई गैरकानूनी गतिविधि नहीं की होगी, लेकिन आपके सिस्टम को हैक करके ऐसी चीजें उसमें डाली जा सकती हैं, जो कि देश विरोधी या फिर किसी आतंकी, उग्रवादी या माओवादी गतिविधियों से जुड़ी होंगी. और फिर इसी आधार पर पुलिस आपको गिरफ्तार भी कर लेगी. ये पूरी कार्यवाही बेहद सुनियोजित तरीके से आपके साथ की जाती है. ये कहानी हम आपको इसलिए बता रहे हैं क्योंकि चर्चित भीमा कोरेगांव-एल्गार परिषद मामले को लेकर पुणे पुलिस पर भी इसी तरह के गंभीर आरोप लगाए गए हैं.देखें वीडियो.