उन्नाव वाले कुछ परेशान चल रहे हैं. पूरे देश में चाय की टपरियों पर उनके शहर का नाम इधर कुछ दिनों से ‘गैंगरेप’ के साथ ही लिया जा रहा है. ये सब खत्म होता उस से पहले ही उनके सांसद जी से भी एक कांड हो गया. या यों कहें कि उन्होंने कांड मोल ले लिया.
उन्नाव के सांसद होते हैं साक्षी महाराज. महाराज बाबा हैं. साधुओं के एक अखाड़े (श्री निर्मल पंचायती अखाड़ा) के आचार्य हैं. इसलिए दुनियावी चीज़ों से दूर रहते हैं. भगवा पहनते हैं. लेकिन 15 अप्रैल के रोज़ महाराज जी ने लखनऊ में एक क्लब का फीता काट दिया. क्लब का नाम था ‘लेट्स मीट’.
कहीं से खबर चल दी कि महाराज ने जिस क्लब का उद्घाटन किया है, वहां शराब परोसी जाएगी और डांस फ्लोर भी रहेगा. माने जहां लोग अंधेरे में नृत्य करते हैं और उनपर इधर-उधर से लाइट पड़ती है.
ये खबर जब चलते-चलते दौड़ पड़ी तो साक्षी महाराज ने तुरंत पल्ला झाड़ते हुए कह दिया कि भैया मैं फ्लाइट पकड़ने की जल्दी में था. मुझे एक आदमी हाथ पकड़कर उद्धाटन कराने के लिए ले गया तो मैंने भी हां कर दी. थोड़ी देर के लिए गया था बस. वो भी इसलिए कि अगले ने कहा कि रेस्टोरेंट का फीता काटना है. मुझे तो मीडिया से मालूम चला कि जहां हो आया हूं वो रेस्टोरेंट नहीं, बार है.

महाराज यहीं नहीं रुके. उन्होंने लखनऊ एसएसपी को एक लेटर लिख दिया कि उन्होंने रेस्टोरेंट के मालिक सुमित सिंह और अमित गुप्ता से लाइसेंस भी मांग लिया है, जो वो न दे सके तो ये मान लिया जाए कि सब कुछ अनधिकृत रूप से चलाया जा रहा है. इस लेटर की सबसे मार्मिक लाइन वो है जहां महाराज जी बोल्ड में लिखते हैं,
”महोदय मेरी पवित्रतम छवि को बहुत ही गहरा आघात लगा है”
वैसे जो बोल्ड नहीं है, वो भी कम मज़ेदार नहीं है. महाराज जी ने दोषी पाए जाने पर रेस्टोरेंट / बार मालिकों के खिलाफ ‘सख्त से शख्त दण्डात्मक कार्यवाही’ की मांग की है. एसएसपी साहब लेटर को सीरियसली लें, इसलिए इसका सीसीकरण एक और भगवाधारी को किया गया है – उत्तम प्रदेश के तारणहार योगी आदित्यनाथ.

ये तो था, जो घटा, उसका बयान. लेकिन दो बातें और हैं जो लल्लनटॉप अपने दिल से कहना चाहता है. पहली ये कि अगर सरकार पूरे होशो हवास में होश खोने के लिए चलने वाले बार चलाने का लाइसेंस देती है और उस से टैक्स वसूलकर जनता के काम में लगाती है, तो जनता के प्रतिनिधि इनसे इतनी कन्नी काटते क्यों हैं? न शराब न नाच अनिवार्यतः बुरे हैं. नाच तो कतई नहीं.
और ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है. मई 2017 में उत्तर प्रदेश की महिला विकास राज्यमंत्री स्वाति सिंह ने लखनऊ में एक बीयर बार का उद्धाटन किया था. तब भी उन्हें डैमेज कंट्रोल की कोशिशों में लगना पड़ा था. मानो उन्होंने कोई अपराध किया हो.
दूसरी बात हमसे पहले पत्रकार सोपान जोशी के दिमाग में आ गई. हमने वहां पढ़ा और अपने दिल में उतार ली. सो हमारे दिल की दूसरी बात ये रही कि राष्ट्रीय स्तर का एक वीरता पुरस्कार लेट्स मीट के मालिकों को अलग से दिया जाए. वो इसलिए कि उन्होंने अपने बार (अगर वो बार ही है तो) का उद्घाटन एक ऐसे आदमी से करवा लिया जो कह चुका है कि सार्वजनिक जगहों पर लड़के-लड़कियों के ‘अश्लील बर्ताव’ से रेप पनपता है.
वैसे साक्षी महाराज दिलचस्प बाबा हैं. रोचक बयान देते रहते हैं. किसी-किसी महीने समाचार एजेंसियों का खर्च उन्हीं के चलते वसूल हो जाता है. लेकिन उनके बयान बाद के लिए छोड़ देते हैं. अभी तो हम महाराज जी के साथ दिलो जान से हैं. उन्होंने फीता काटकर कुछ गलत नहीं किया.
कुलदीप साक्षी महाराज तुम संघर्ष करो…
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