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केंद्र सरकार का नया आदेश, एयरपोर्ट पर सिख कर्मचारी भी रख सकते हैं कृपाण

पहले क्या आदेश आया था जिसे पलट दिया गया?

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अब सिख यात्रियों के अलावा सिख कर्मचारी भी एयरपोर्ट परिसर में कृपाण रख सकेंगे ( प्रतीकात्मक फोटो- आज तक)
15 मार्च 2022 (Updated: 15 मार्च 2022, 06:40 IST)
Updated: 15 मार्च 2022 06:40 IST
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बीती 4 मार्च 2022 को सिख कर्मचारियों के एयरपोर्ट पर कृपाण (Kirpan) रखने पर सरकारी पाबंदी लगाई गई थी. सिखों (Sikhs) के धार्मिक संगठनों के विरोध के बाद अब इस बैन को हटा लिया गया है. अब सिख यात्रियों के साथ-साथ एयरपोर्ट पर काम करने वाले सिख कमर्चारी भी एयरपोर्ट परिसर में अपने साथ कृपाण रख सकेंगे. सिविल एविएशन मिनिस्ट्री (Ministry of Civil Aviation) ने इसके लिए नई गाइडलाइन जारी कर दी है. क्या है पूरा मामला? 4 मार्च, 2022. भारतीय एयरपोर्ट और फ्लाइट्स के सिक्योरिटी रेगुलेटर, ब्यूरो ऑफ़ सिविल एविएशन (BACS) ने एयरपोर्ट्स और हवाई यात्राओं के दौरान सिखों के कृपाण रखने संबंधी कुछ नियम जारी किए थे. इनमें कहा गया था,
‘देश के अंदर घरेलू उड़ानों के दौरान सिख यात्री अपने साथ कृपाण रख सकते हैं. कृपाण के ब्लेड की लंबाई 6 इंच और कृपाण की कुल लंबाई 9 इंच से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.’
साथ ही इस आदेश में जोड़ा गया था कि,
'यह छूट सिर्फ सिख यात्रियों के लिए है. सिख कर्मचारी या अन्य कोई हितधारक किसी भी डोमेस्टिक या इंटरनेशनल टर्मिनल पर काम करने के दौरान कृपाण नहीं रख सकेंगे.'
जिसके बाद अमृतसर के श्री गुरु रामदास जी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एक सिख कर्मचारी को कृपाण के साथ ड्यूटी करने से रोक दिया गया था. सिख संगठनों ने इसका विरोध किया था. और 9 मार्च को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (Shiromani Gurdwara Parbandhak Committee, SGPC) के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी (Harjinder Singh Dhami) ने एविएशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) को पत्र लिखा. इस पत्र में सिख कर्मचारियों के कृपाण रखने पर बैन लगाने वाले सरकारी नोटिफिकेशन की निंदा की गई और कहा गया कि ये सिखों की धार्मिक आजादी पर हमला है. इसे किसी भी कीमत पर लागू नहीं होने दिया जाएगा. इसके बाद बीती 12 मार्च को BCAS ने ये बैन हटा लिया है. नई गाइडलाइन में बाकी नियमों के साथ सिख कर्मचारियों पर बैन वाला हिस्सा अब नहीं है. संविधान क्या कहता है? बता दें कि सिख धर्म में पांच ककार धार्मिक महत्व के विषय हैं. इन्हीं में से एक है कृपाण. जिसे धारण करना सिखों के लिए धार्मिक उत्तरदायित्व माना जाता है. भारतीय संविधान के आर्टिकल 25 में दिए गए धार्मिक स्वतन्त्रता के अधिकार के तहत सभी को अपने धर्म के लिए जरूरी वेशभूषा और आचरण की छूट है. सिखों का कृपाण रखना भी इस धार्मिक स्वतंत्रता के दायरे में आता है. उन्हें कृपाण रखने से रोका नहीं जा सकता. लेकिन कई बार सिखों के कृपाण रखने पर पाबंदियों की खबरें आती हैं. विदेशी उड़ानों के दौरान भी अलग-अलग नियमों के चलते सिखों को कृपाण रखने से बचने की सलाह दी जाती है. हालांकि एयरपोर्ट से यात्रा करने के नियम कुछ अलग हैं. जिनके मुताबिक़ कोई धारदार हथियार, कैंची, लाइटर, माचिस या अन्य कोई ज्वलनशील पदार्थ, हॉकी स्टिक या अन्य कोई इसी तरह का सामान जिसका इस्तेमाल हमला करने के लिए किया जा सकता हो, आदि पर प्रतिबंध है. लेकिन भारत में घरेलू उड़ानों के दौरान सिखों के कृपाण रखने पर पाबंदी नहीं है. बशर्ते इसकी कुल लंबाई 9 इंच से अधिक नहीं होनी चाहिए.

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