लिमका पियोगे गोरे हो जाओगे. कोका कोला पिओगे काले हो जाओगे!
मीशा शफी के नए गाने 'जालिमा कोका कोला पिला दे' के बहाने एक विशुद्ध बकैती.
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मीशा शफी की आवाज में गाना हुआ वायरल
जालिमा कोका कोला पिला दे सोणेयां कोका कोला पिला दे
मीशा शफी गा रही हैं. सुना कि नहीं? मीशा शफी, वही पाकिस्तानी सिंगर जिन्होंने 'दश्त-ए-तनहाई' का दूसरा सबसे अच्छा वर्जन गाया है. अब उनकी आवाज़ में 'जालिमा कोका कोला पिला दे' पाकिस्तान में खूब चल रिया है. ये एक्चुली विज्ञापन है कोक स्टूडियो और कोका कोला का. वीडियो में एक्टर उमेर जायसवाल भी दिख रहे हैं.
पहले सुनो, फिर काम की बात करेंगे.
https://www.youtube.com/watch?v=615u6cU2Vxs
गाना ऐसा चला है कि लोग-बाग इस गाने पर अपने बच्चों को परफॉर्म करवा रहे हैं और वीडियो धड़ाधड़ यूट्यूब पर डाल रहे हैं.
लेकिन मेरा मन तो 'जालिमा कोका कोला पिला दे' वाली लाइन पर ही अटका है. नायिका का निष्ठुर प्रेमी के लिए ये कैसा मासूम निवेदन! इस गाने के बहाने मैं कोका कोला के सिरे पकड़कर भूत-भविष्य में घुसना चाहता हूं. आओ उंगली पकड़ लो, चलते हैं.लिमका पियोगे, गोरे हो जाओगे. कोका कोला पिओगे तो काले हो जाओगे.बचपन की सबसे डरावनी अफवाह थी ये. इसके असर से एक उम्र तक मैंने काली कोल्ड ड्रिंक को मुंह न लगाया. पीने लगे 'फैंटा' और 'माज़ा'. लेकिन फिर वो दिन आया, जब साथ के लड़कों ने मजाक उड़ा दिया. 'ऑरेंन्ज वाली पीता है, लड़की है क्या?' एक नाबालिग किशोर ने ये बात अपने पौरुख पर ले ली. हमने पेप्सी का रुख करना चाहा तो कहा गया- 'पगलेट के पिस्टन. ये मीठी होती है. ई लेओ कोका कोला. एका पियो, गटई छोलत चला जात है.' उसके बाद हम गटागट कोका कोला गटकने लगे. चिल्ड कोला पीते हुए आंखों में आंसू आ जाते थे, पर मजाल कि फैंटा की तरफ नजर भी जाए. दोस्तों की मंडली में फैंटा मांगने में शर्म आती थी. मन न भी हो तब भी कोका कोला ही ऑर्डर करते थे. बाद में किसी ने बताया, 'शॉर्ट में बोला करो बे, 'कोक'. सब जानते हैं कोक का मतलब कोका कोला.' बाद में 'लगान' वाले भुवन ने बताया कि ठंडा का मतलब कोका कोला होता है. लंबे टाइम तक हम इस फेर में फंसे रहे.
जब हम वर्दी पहनकर इस्कूल जाते थे तो चॉकलेट बड़ी चीज मानी जाती थी. वो लड़कियों को साल में एक बार देने के लिए होती थी, सिर्फ वैलेंटाइंस डे पर. बाकी दिनों में लड़कियों को दो ही चीजों की पेशकश की जाती थी, एक पैटी (जिसे हम पेटीज कहते थे) और उसके साथ कोका कोला.किशोरवय आशिकों के लिए कोका कोला की पहली उपयोगिता यही थी. और इसी का विस्तार तो इस गाने में है. अभी जब मैं ये लिख रहा हूं, मेरे बगल में बैठे ऋषभ प्रतिपक्ष ने एक दिलचस्प संभावना गढ़ी है. उन्होंने कहा कि नायक ने 'कोका कोला' पिलाकर नायिका को इसकी लत लगा दी है. अब वह शायद अपने खड़ूस पिता के घर में कैद है और कोका कोला की तलब से तड़प रही है. तब वह नायक को फोन करके कहती होगी, 'जालिमा कोका कोला पिला दे.'
असली तड़प तो नूरजहां की आवाज़ में थी!
अरे एक जरूरी बात तो मिस कर दी! बल्कि क्रांतिकारी बात! ये गाना मीशा शफी का ओरिजिनल नहीं है. इसे सबसे पहले गाया था 'मल्लिका-ए-तरन्नुम' बेगम नूरजहां ने. उनकी आवाज़ में ग़ज़लें सुनने की आदत है, ये मस्ती वाला गाना सुनते हैं तो रोम-रोम में करंट सा लगता है. मीशा शफी के गाने की अहमियत बस ये है कि इसकी पूंछ पकड़कर आप नूरजहां के गाने तक आ सकते हैं, जहां असल सौंदर्य नफ़ासत और शरारत के ब्लेंड के साथ मिलता है. लीजिए, रस पाइए. https://www.youtube.com/watch?v=2dSqN6m98NM इस गाने के बोल देखें: