ओलंपिक खत्म होने के बाद भारत को मिला एक और सिल्वर मेडल
डोप करके खेलने वाले खिलाड़ियों, ओलंपिक में धोखा देना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है.
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फोटो - thelallantop
4 साल बाद सिल्वर पाने का कारण रशियन पहलवान
ये अनोखा अपग्रेडेशन हुआ लंदन ओलंपिक में 60 किलो फ्री स्टाइल कुश्ती के सिल्वर विजेता रूसी पहलवान बेसिक कुदुखोव की वजह से. वैसे वैसे कुदुखोव की 2013 में 27 साल की उम्र में एक कार एक्सीडेंट में मौत भी हो गई थी. पर हुआ यूं कि इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी यानी IOC ने इस महीने रियो ओलंपिक से पहले 4 बार के वर्ल्ड चैंपियन रह चुके इस रशियन पहलवान के सैंपल को फिर से टेस्ट किया जो कि लंदन ओलंपिक के दौरान लिए गए थे. ये जो दोबारा किया जाने वाला टेस्ट है वो एक स्टैंडर्ड प्रैक्टिस है. इसके जरिए जो सैंपल एक बार जुटा लिए जाते हैं उनको दस साल तक सिक्योर रखा जाता है ताकि जब नई-नई जांच की तकनीक आए तो उससे टेस्ट करके देखा जाए कि कहीं कोई खिलाड़ी धोखा देने में सफल तो नहीं हो गया.जब ये जांच इस बार हुई तो 5 पहलवानों के सैंपल पॉजिटिव निकले. इन 5 में रूस के बेसिक कुदुखोव और उज्बेकिस्तान के अरतुर तयमाजोव भी शामिल थे. तयमाजोव 2008 बीजिंग ओलंपिक के 120 किलो भारवर्ग के गोल्ड मेडलिस्ट थे. अब इन दोनों लोगों के मेडल छीन लिए जाएंगे. यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग यानी UWW जो कि दुनिया भर में कुश्ती की संस्था है, उसके सूत्रों ने ये खबर 'इंडियन एक्सप्रेस' को दी है. ऑफिशियल ऐलान के बाद सुशील कुमार योगेश्वर भी पहलवान सुशील कुमार और शूटर विजय कुमार वाले सिल्वर मेडल वाले ओलंपियन ग्रुप में शामिल हो जाएंगे.योगेश्वर से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने अभी इस पर कोई भी कमेंट करने से मना कर दिया है. लंदन में योगेश्वर प्री-क्वार्टरफाइनल में कुदुखोव से हार गए थे. जब कुदुखोव इसके बाद फाइनल में पहुंचे तब उनको ब्रौंज के लिए लड़ने का मौका मिला था. और इस भिडंत में प्यूर्टो रिको के फ्रैंकलिन गोमेज को हराकर देश को ब्रौंज मेडल दिलाया था. अब उनकी जगह ईरानी या उत्तर कोरियाई पहलवान को ब्रौंज मिलेगा.