मुस्लिमों के ट्रिपल 'तलाक़' के खिलाफ उतरेगा RSS का मुस्लिम विंग
RSS राष्ट्रीय मुस्लिम मंच की महिला विंग ने शुरू किया ये कैंपेन
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Credit: reuters
तलाक़ देने का हक सिर्फ आदमियों को मिला हुआ है. इस वजह से कई छोटी-छोटी लड़कियों की जिदगियां बर्बाद हुई हैं. औरतें हर वक़्त इस डर में रहती हैं की कब उनके पति तीन बार 'तलाक़' कह कर उनको छोड़ देंगे. सिर्फ तीन बार एक शब्द कह देने से कोई रिश्ता कैसे ख़त्म हो सकता है. इस्लाम में कहीं भी इस तरह से तलाक़ देने की इजाज़त नही है. शरीयत का ये कानून औरतों के खिलाफ है. इसलिए हम इसमें बदलाव चाहते हैं. जिस तरह से शादी के समय दो वकील मौजूद रहते हैं उसी तरह तलाक़ के वक़्त भी वकील होने चाहिए. और तलाक़ लेने का फैसला आदमी और औरत दोनों का होना चाहिए.दिसम्बर 2015 में अजमेर में एक कन्वेंशन के दौरान महिला विंग ने ये फैसला लिया था. उनका इरादा था कि जल्द से जल्द इस पर काम शुरू हो. अब इस पर एक ठोस कैंपेन शुरू हो गया है. जून में होने वाली संघ की मीटिंग के दौरान इस मामले में आगे फैसला लिया जाएगा.