7 जून 2016 (Updated: 7 जून 2016, 10:56 AM IST) कॉमेंट्स
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पिछले साल नवंबर के महीने की बात है. कुपवाड़ा में आतंकियों से लड़ते हुए कर्नल संतोष महादिक शहीद हो गए थे. उनकी पत्नी स्वाति महादिक ने उनकी शहादत के बाद कहा था कि वो भी सेना में जाएंगी. ये चौंकाने वाली बात थी. उनके पति शहीद हो चुके थे, घर में 12 साल की बेटी और 6 साल का बेटा था. और उनकी उम्र भी SSB का एक्जाम देने की तय आयु सीमा से ज्यादा थी. SSB का एक्जाम सिर्फ 27 साल तक दिया जा सकता है. उनकी उम्र इससे कहीं ज्यादा हो चुकी थी.
कर्नल महादिक की तरह वो भी सेना में जा सकें, इसके लिए आर्मी चीफ जनरल दलबीर सिंह ने सरकार के पास सिफारिश की. ये कहा गया कि उनको उम्र के मामले में छूट दी जाए. डिफेंस मिनिस्टर ने उनकी बात मान ली. फिलहाल स्वाती एसएसबी का एक्जाम निकाल चुकी हैं. और चेन्नई में ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी में आगे की ट्रेनिंग करेंगी. बेटी का एडमिशन देहरादून और बेटे का पंचगनी के बोर्डिंग स्कूल में करा दिया है.
कौन थे कर्नल महादिक
महाराष्ट्र के सतारा का एक गांव है, पोगरवाडी. वहां एक दर्जी रहा करते थे. सन 1987 की बात है. छठवीं क्लास में उनके बच्चे ने सैनिक स्कूल में एडमिशन लिया. बाद में वो बच्चा सेना में भर्ती हुआ. वही बच्चा आगे जाकर कर्नल संतोष महादिक बने.
2003 तक वो संतोष विशिष्ट 21 पैरा स्पेशल फोर्सेज यूनिट के ऑफिसर बन चुके थे. पूर्वोत्तर में ऑपरेशन 'राइनो' में वीरता प्रदर्शन के लिए उनको सेना का पदक भी मिला था. पिछले साल के 17 नवंबर की बात है. कुपवाड़ा में एलओसी के पास नाका वन एरिया में एक अभियान में मिलिटेंट्स से मुठभेड़ हुई. उनके सिर में गोली लगी थी. बाद में अस्पताल में उनकी मौत हो गई.