ऑस्कर जीतने वाली 'स्लमडॉग मिलियनेयर' वाला ये बच्चा सड़क पर रहने को क्यों मजबूर है?
फिल्म की टीम ने इन्हें घर गिफ्ट किया और हर महीने पैसे भी मिलते थे.
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फिल्म 'स्लमडॉग मिलियनेयर' के एक सीन में रेड लाइट पर भीख मांगता सलीम उर्फ अजहरुद्दीन मोहम्मद इस्माइल.

'स्लमडॉग मिलियनेयर' के पोस्टर पर देव पटेल और फ्रीडा पिंटो.
हो ये रहा है कि जिस अजहरुद्दीन मोहम्मद इस्माइल ने फिल्म में सलीम का सेकंड लीड रोल किया था, वो बेघर हो गए हैं. उनका घर बिक गया. वो घर जो फिल्म की टीम ने उन्हें दिया था. अजहर मुंबई के गरीब नगर स्लम से आते हैं. उन्हें डैनी बॉयल की कास्टिंग टीम ने सबसे पहले यहीं देखा था. 300 बच्चों का ऑडिशन करने के बाद सलीम के रोल के लिए अजहर का सेलेक्शन हुआ. अजहर के अलावा स्लम की ही एक और बच्ची रुबिना अली कुरैशी को भी फिल्म में लिया गया था. फिल्म बनी रिलीज़ हुई. मक़बूल हुई. जो बच्चे ट्रेन में बैठकर कभी मुंबई से बाहर तक नहीं गए थे, वो फ्लाइट से उड़कर अमेरिका गए अकैडमी अवॉर्ड सेरेमनी में हिस्सा लेने. लौटे और सब कुछ वैसा ही हो गया जैसा था. अजहर ने उसके बाद 'कल किसने देखा' (2009) नाम की एक और फिल्म की. और फिर बैक टु पवेलियन. वही 10 बाय 10 की खोली. वही गरीबी. वही गंदगी. वही ज़िंदगी.

फिल्म 'स्लमडॉग मिलियनेयर' के एक सीन में आयुष खेड़ेकर के साथ अजहर (बाएं). फिल्म में इन्होंने स्लम से आए बच्चे का ही रोल किया था.
ये सब देखकर इंडिया में बहुत बवाल कटा. कहा गया कि 'स्लमडॉग मिलियनेयर' की टीम ने इंडिया के चाइल्ड एक्टर्स को ढंग से पैसे नहीं दिए. हंगामा मच गया. इसके बाद डायरेक्टर डैनी ने प्रोड्यूसर के साथ अजहर और रुबिना के लिए 'जय हो' नाम का एक ट्रस्ट शुरू किया. इसके तहत उन्हें मुंबई के सांता क्रूज़ इलाके में घर दिए गए. साथ ही बच्चों के 18 साल के होने तक उन्हें हर महीने 9000 रुपए भी मिलते थे, ताकि उनका गुज़र-बसर बिना किसी दिक्कत के होता रहे. दोनों बच्चे 18 साल के हो गए. 'जय हो' ट्रस्ट वाला घर उनके नाम पर रजिस्टर करवाने के बाद ट्रस्ट बंद कर दिया गया. इसके साथ हर महीने मिलने वाली रकम भी बंद हो गई.

बेस्ट फिल्म का ऑस्कर अवॉर्ड जीतने के बाद पूरी फिल्म की टीम के साथ अजहर (अनिल कपूर के पास).
मुंबई मिरर की एक रिपोर्ट
के मुताबिक रुबिना जहां मेक अप आर्टिस्ट के तौर पर अपना करियर बनाने की कोशिशों में लगी हुई हैं. वहीं अजहर को पढ़ाई-लिखाई में इंट्रेस्ट नहीं था, वो बिज़नेस करना चाहते थे. उन्होंने काम शुरू किया. लेकिन वो चला नहीं. अजहर गलत संगति में पड़कर ड्रग्स करने लगे. बीमार रहने लगे. इलाज के लिए परिवार के पास पैसे नहीं. क्योंकि घर में कमाने वाले इकलौता मेंबर अजहर ही थे. उनके पापा की डेथ 'स्लमडॉग मिलियनेयर' की रिलीज़ के साल भर बाद ही हो गई थी. टीबी से.

'स्लमडॉग मिलियनेयर' वाला बच्चा अब बड़ा हो गया है. अपनी मां के साथ अजहर.
अजहर अब 21 के हैं. 6 महीने पहले उन्होंने 49 लाख रुपए में अपना घर बेच दिया. वो वापस से अपनी फैमिली को लेकर बांद्रा के एक स्लम में शिफ्ट हो गए. लेकिन स्लम में रहने की आदत छूट चुकी थी. लगातार बीमार पड़ने लगे. बच्चे की सेहत में कोई सुधार न होता देख, उनकी मां उन्हें लेकर अपने गांव जालना (औरंगाबाद, महाराष्ट्र) चली गईं. वो अब भी अपनी मां के साथ वही रहते हैं.
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