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इस ऐश-ट्रे से आपको इतनी दिक्कत क्यूं हैं?

ये ऐशट्रे नहीं आसां, बस इतना समझ लीजे, इक जलती सिगरेट है और बुझा के जाना है.

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केतन बुकरैत
7 जून 2017 (Updated: 7 जून 2017, 01:41 PM IST) कॉमेंट्स
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बीते दिनों, तमाम बीते दिनों की तरह सोशल मीडिया पर एक गुबार उठा. हर तरफ धूल ही धूल. वैसी जैसी किसी सुदूर गांव में किसी महंगे नेता के हेलीकॉप्टर आने पर उड़ती थी. जनता उसे देखने को घंटो रहती थी. हफ़्तों उसकी बातें खतम नहीं होती थी. और महीनों उस गुबार से उड़ी धूल मसूढ़ों में चिपकी रहती थी. सोशल मीडिया पर कोई नेता तो नहीं लेकिन एक ऐश-ट्रे की तस्वीर दिखी. घर के झुंडों यानी मोहल्लों में जिन्हें 'शरीफ़ लोग' कहते हैं, उनके ड्राइंग रूम में ऐसी ऐश-ट्रे नहीं दिखती. लेकिन दिक्कत ये उठी कि आखिर ये किसी वेबसाइट पर क्यूं दिख रही थी. इस बारे में कई लॉजिक उठे. कुछ बे-लॉजिक भी थे. लेकिन कह हर कोई रहा था. जो कहा जा रहा था वो कहीं सुना भी जा रहा था. आपने पूजा सिंह का आर्टिकल पढ़ा. एक पक्ष ये भी है.

एक बात बताऊं? संकेत का मतलब समझते हैं? इशारा. संकेतों के मतलब होते हैं. हम इशारे में बहुत कुछ कह देते हैं. "इसकी लेगा?" क्या लेगा, आज तक नहीं समझ आया. लेना और देना क्या होता है, आज तक क्लियर नहीं है. लेकिन "इसकी लेगा?" अपने आप में एक पूर्ण प्रश्न है. मुझे और हम सभी को मालूम है कि इस 'लेने' की क्रिया में योनि में लिंग डाला जाता है. यही इस प्रश्न का हासिल है. पहली अंगुली और अंगूठे को गोल घुमाकर गोला बना कर उसमें दूसरे हाथ की पहली अंगुली बार बार डालने और बाहर करने की क्रिया भी 'लिए जाने' की ओर इशारा करती है. पांचवीं क्लास में ये इशारा समझ पीछे की सीट पर बैठी जमात टीचर के बोर्ड की तरफ मुड़ते ही आगे वाले को और लड़कियों को ये दिखाते हैं. इसका हासिल भी वही है. और इस क्रिया में भी भरपूर हिंसा होती है. यकीन मानिए. ये हिंसा तबसे मन में व्याप्त है. इस बात को नोट कर लिया जाए. और ये क्लास-दर-क्लास मौजूद रहती है. क्लास से बात कॉलेज तक पहुंचती है. फिर और आगे. शादी ब्याह. बीवी बच्चे. नौकरी चाकरी. और जो भी हो सकता है. ये उन सभी के साथ होता है जो उंगली का गोला बनाके उसमें दूसरी उंगली अन्दर बाहर करते हैं. उनके साथ भी ये होता है जो ऐसा नहीं करते थे. इनमें से कितनों ने लड़कियों की योनि में रॉड घुसा दी? रॉड घुसाने वाले अब तक जितने मिले हैं, क्या वो पढ़े-लिखे थे? कितना? अमेज़न पर एक ऐशट्रे बिक रही थी. लड़की नंगी, टांगे खोले लेटी हुई थी. ट्रे का आधा हिस्सा उसने कब्ज़ा करके रखा हुआ था. खुली हुई टांगों के बीच ज़ाहिर है कि उसकी योनि दिख रही होगी. गौर से देखिये तो मालूम चलेगा कि अमेज़न ने उसके निप्पल्स और उसकी योनि ब्लर कर दी थी. उस तस्वीर को देखकर बहुत हो-हल्ला हुआ. किसी ने भी वो ऐश-ट्रे असलियत में नहीं देखी. सभी ने तस्वीर देखी. आहत हो गए. इन तस्वीर देख छाती पीटने वालों में कितने लोग ऐसे थे जिसके मन में उस नंगी लड़की के पुतले को देख उसकी योनि में रॉड घुसा देने का मन किया? या सिर्फ ऐसा मन वहां सिगरेट की राख झाड़ने से ही होता है? अगर ऐसा है तो अमेज़न से डेटा निकलवाया जाए और पूछा जाए कि कितने लोगों ने वो खरीदा है और फिर चेक किया जाये कि उसमें से कितनों ने रेप किये हैं. आपको लगता है कि एक ऐशट्रे से आदमी हैवान बन जायेगा? इस ऐशट्रे के आंखों के सामने आते ही वो हो जायेगा जो सालों से नहीं हो पाया. अचानक उसके सामने एक रॉड और योनि की तस्वीर कौंधेगी और आकाशवाणी में उसे उस रॉड को योनि में घुसा देने का आदेश प्राप्त होगा? क्या ऐसा होगा? इंसान को शराब नहीं पीनी होती है तो वो कितनी भरी महफ़िल में बैठा हो, फ्रूटी पिएगा तो फ्रूटी ही पिएगा. और जिस दिन उसे शराब पीने का मन कर गया, दिल्ली का ठेका 10 बजे बंद हो जाए तो गुड़गांव की ओर गाड़ी भगा देगा. दुनिया के किसी भी हिस्से और बैकग्राउंड का बालक हो, जिस दिन उसका ज़मीर किसी लड़की का रेप करने की इजाज़त दे देगा, वो उस राह पर चल पड़ेगा. उसने जीवन में कभी भी ये ऐश-ट्रे देखी भी नहीं होगी. और मैं ऐसों को भी जानता हूं जो दिल्ली रेप केस के डीटेल्स पढ़ते हुए दहाड़ें मारकर रोने लगे थे. अगर ये ऐश-ट्रे मेरे सामने आएगी तो मैं या तो इसे देखकर हंसूंगा या घृणा की नज़र से देखूंगा क्यूंकि मैंने ऐसा अभी तक तो कुछ नहीं देखा है या हो सकता है कि ध्यान ही न दूं (इसके चान्सेज़ कम हैं). लेकिन क्या तुरंत ही योनि में एक रॉड डाल देना मेरा मकसद बन जायेगा? बिलकुल नहीं. आपको इसमें हिंसा नज़र आती है? अगरबत्ती के स्टैंड में अगरबत्ती घुसाना, सुई में धागा डालना, सुई से कपड़े में छेद करना, बार-बार करते ही जाना, बिजली के सॉकेट में प्लग लगाना, पेन के कैप में पेन घुसाना, पेंसिल छीलना, यहां तक कि गाय दुहना, इन सभी में आपको वही संकेत और वही हिंसा मिलेगी. बस नज़र चाहिए. आप वैसा देखिये, आपको वही दिखेगा. दुनिया में गाय पर चढ़ने वाले भी भतेरे हैं. यूट्यूब खोलिए और बकरियों से सेक्स करने वाले जिहादियों के हीट-टेम्प्रेचर वाले वीडियो देख लीजये. उन्हें अमेज़न ने कौन सी ऐश-ट्रे पहुंचाई, ये ज़रा खोज निकालिए. प्लीज़. अमेज़न पर जब वो ऐश-ट्रे देखी थी तो पहला और बहुत देर तक एकमात्र ख्याल बस एक ही आया था - "ये इतनी महंगी क्यूं है?." उसकी तस्वीर यहां लगी हुई है. मेरा तो ठीक है, नहीं चाहता इसे देखकर आप गीले/गीली हो जाएं या कहीं रॉड ढूंढने निकल पड़ें.

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