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WHO ने कोवैक्सीन की सप्लाई पर रोक क्यों लगाई?

भारत बायोटेक ने वैक्सीन के प्रोडक्शन को धीमा कर दिया है.

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कोवैक्सीन. (फोटो- आजतक)
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सौरभ
3 अप्रैल 2022 (Updated: 3 अप्रैल 2022, 06:20 AM IST)
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भारत की स्वदेशी कोरोना वैक्सीन Covaxin की अंतर्राष्ट्रीय सप्लाई पर WHO ने रोक लगा दी है. रोक लगाने के पीछे WHO ने गुड मैन्यूफैक्चरिंग प्रैक्टिस में कमी का हवाला दिया है. यानी कोवैक्सीन को बनाने के दौरान अच्छे तरीकों का इस्तेमाल में कमी बताई है. UN के माध्यम से इस वैक्सीन की सप्लाई गरीब देशों में की जाती है. WHO की तरफ से ये फैसला दो अप्रैल को लिया गया है. WHO ने कोवैक्सीन की सप्लाई पर रोक लगाने का फैसला EUL यानी इमरजेंसी यूज़ लिस्टिंग इंस्पेक्शन के बाद किया है. EUL ने 14 से 22 मार्च तक कोवैक्सीन का निरीक्षण किया. WHO का कहना है कि EUL की रिपोर्ट के आधार पर कोवैक्सीन की सप्लाई का रोक लगाई गई है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक WHO ने कहा है,
"भारत बायोटेक GMP में कमियों को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है और वो ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) और WHO को इसके लिए एक प्लान तैयार करके भी देगा. एहतियात के तौर पर भारत बायोटेक ने निर्यात के लिए कोवैक्सिन के अपने उत्पादन को बंद करने की बात कही है."
आपको बता दें कि 1 अप्रैल को भारत बायोटेक ने एक स्टेटमेंट जारी कर कहा था कि कोवैक्सीन के उत्पादन में बेहतरी के लिए प्रोडक्शन को कुछ समय के लिए धीमा किया जा रहा है. WHO के रोक लगाने के बाद कोवैक्सीन ने अपने बयान में कहा,
"WHO ने जो रिस्क असेसमेंट किया, वो वैश्विक स्तर पर कोवैस्कीन की करोड़ों खुराक की आपूर्ति पर आधारित है. इस दौरान कोवैक्सीन ने हर मायने में बेहतर प्रदर्शन किया है."
इस पूरे मामले में भारत बायोटेक के लिए राहत की बात ये है कि WHO ने कोवैक्सीन की इफिकेसी पर कोई सवाल नहीं उठाया है. WHO ने फिलहाल ये भी साफ नहीं किया है कि कोवैक्सीन की GMP में क्या कमी रही है. आपको बता दें कि WHO ने 3 नवंबर को कोवैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी थी.

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