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कौन है ये 'पाताल लोक' का हाथीराम चौधरी, जिसने धरती लोक पर तूफान मचा दिया है?

फिल्मों में विलन बनने वाले जयदीप अहलावत, जिन्हें हीरो बनने में 12 साल लग गए.

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एमेज़ॉन प्राइम वीडियो की वेब सीरीज़ 'पाताल लोक' का नायक हाथीराम चौधरी उर्फ जयदीप अहलावत.
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श्वेतांक
19 मई 2020 (Updated: 19 मई 2020, 12:08 PM IST)
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'पाताल लोक' के हाथीराम चौधरी ने धरती लोक पर तूफान मचा रखा है. ये वही शख्स है, जिसकी वजह से मॉडर्न एपिक 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' का जन्म हुआ. एक्टर का नाम- जयदीप अहलावत. जयदीप इन दिनों खूब चर्चा में हैं अपनी एमेज़ॉन प्राइम सीरीज़ 'पाताल लोक' को लेकर. इस पॉलिटिकल थ्रिलर सीरीज़ में जयदीप ने दिल्ली के आउटर जमुना पार थाने के इंस्पेक्टर हाथीराम चौधरी का रोल किया है. इसे दूसरी तरह से ऐसे भी कह सकते हैं कि वो इस सीरीज़ के हीरो हैं. लेकिन अजय देवगन और अक्षय कुमार जैसे हीरो लोग के साथ काम कर चुके जयदीप को खुद हीरो बनने में 12 साल लग गए.
जग सूना सूना लागे, छन से जो टूटे कोई सपना!
जयदीप हरियाणा की मिडल क्लास फैमिली से आते हैं. बचपन से एक ही सपना था. आर्मी में जाना है. कई बार एसएसबी (Services Selection Board) की परीक्षा में बैठे लेकिन पार नहीं कर पाए. आर्मी में जाने की अपनी आखिरी कोशिश के बाद जयदीप डिप्रेस हो गए. उन्हें लगने लगा कि वो जीवन में कुछ नहीं कर पाएंगे. यहीं उनकी लाइफ में आती है एक्टिंग. अपने शुरुआती दिनों से ही जयदीप नाटकों में हिस्सा लिया करते थे. कॉलेज में ड्रामा वगैरह करते थे. जब आर्मी का सपना टूटने के बाद स्टेज पर चढ़े, तो उन्हें ठीक लगने लगा. लगा कि जितनी फ्रस्ट्रेशन है, गुस्सा है, वो इन किरदारों के माध्यम से निकाल सकते हैं. कॉलेज खत्म होने के बाद वो एक्टिंग को लेकर सीरियस हुए और एफटीआईआई (Film and Television Institute of India) में दाखिला ले लिया.
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प्रियदर्शन डायरेक्टेड फिल्म 'खट्टा मीठा' के एक सीन में जयदीप. इन्होंने फिल्म के खलनायक संजय राणे का रोल किया था.


शुरुआती अनुभव काफी 'खट्टा मीठा' रहा
2008 मे FTII पुणे से पास आउट होने के बाद जयदीप मुंबई आए. कई प्रोडक्शन हाउसों की खाक छानने के बाद उनके हिस्से दो फिल्में आईं. पहली 'आक्रोश' और दूसरी 'खट्टा-मीठा'. 'आक्रोश' में वो अजय देवगन, अक्षय खन्ना और फिल्ममेकर प्रियदर्शन के साथ काम कर रहे थे. रोल छोटा था लेकिन पहले इंडस्ट्री में ये मैसेज भेजना ज़रूरी था कि उन्हें एक्टिंग आती है. उन्हें प्रियदर्शन ने अगली फिल्म 'खट्टा मीठा' में अक्षय कुमार के सामने मेन विलन का रोल दिया. लेकिन इन फिल्मों से उन्हें कुछ फायदा नहीं हुआ. 2012 में जयदीप 'चटगांव' (Chittagong) नाम की पीरियड फिल्म में मनोज बाजपेयी, नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी और राजकुमार राव के साथ नज़र. असल मायनों ये फिल्म में उनके लिए गेम चेंजर साबित हुई. इसलिए नहीं कि उनका रोल बहुत जाबड़ था या फिल्म के लिए उन्हें बहुत पैसे या तारीफ मिली. इसलिए कि उन्हें इस फिल्म में मनोज बाजपेयी के साथ काम करने का मौका मिला. वही मनोज बाजपेयी, जो जयदीप की ज़िंदगी में नहीं आते, तो शायद इस आर्टिकल का इंट्रो कुछ और ही होता. या ये आर्टिकल ही न होता!
फिल्म 'चटगांव' के एक सीन में नवाज, मनोज, जयदीप और राजकुमार (बाएं से दाएं).
फिल्म 'चटगांव' के एक सीन में नवाज, मनोज, जयदीप और राजकुमार (बाएं से दाएं).


शाहिद खान के बदले ने, जयदीप का करियर बदला
'गैंग्स ऑफ वासेपुर' की कास्टिंग चल रही थी. मनोज, अनुराग के साथ सुलह कर ऑनबोर्ड आ चुके थे. बाकी के एक्टर्स की कास्टिंग का जिम्मा मशहूर कास्टिंग डायरेक्टर मुकेश छाबड़ा के कंधों पर था. शाहिद खान के किरदार के लिए एक्टर की तलाश थी. ऐसे में मनोज बाजपेयी ने 'चटगांव' वाले अनुभव के आधार पर अपने बाप यानी शाहिद खान के रोल के लिए जयदीप अहलावत का नाम अनुराग को सुझाया. जयदीप बुलाए गए. स्क्रीनटेस्ट-ऑडिशन हुआ और बात बन गई. फिल्म में जयदीप का किरदार दिखता तो थोड़ी ही देर के लिए है लेकिन उसका ज़िक्र पूरी कहानी में लगातार आता रहता है. साथ ही ये कहानी उसी के बदले से शुरू से होकर आगे बढ़ती है. इस फिल्म से इंडस्ट्री को ये पता लग गया कि कोई एक्टर है, जो वाकई एक्टिंग कर सकता है. 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' से जयदीप का एक सीन आप यहां देख सकते हैं:

जयदीप अहलावत- द स्टार
जयदीप को अब फिल्मों में काम मिलने लगा था. इस कड़ी में उनकी पहली मेनस्ट्रीम फिल्म रही विद्युत जामवाल स्टारर 'कमांडो' (2013). इसमें जयदीप का रोल थोड़े क्रेज़ी-फनी विलन का था. इसके बाद वो कमल हासन की 'विश्वरूपम' में एक बार फिर से नेगेटिव कैरेक्टर में नज़र आए. उनकी इस स्ट्रीक को तोड़ा अक्षय कुमार की 'गब्बर इज़ बैक' ने. इसमें जयदीप एक पुलिसवाले बने थे. फिर वो शाहरुख के साथ 'रईस' में भी एक छोटे से रोल में दिखाई दिए. ये सबकुछ चल तो रहा था लेकिन काम का जो मज़ा आना चाहिए, वो नहीं आ रहा था. ऐसे में मेघना गुलज़ार ने जयदीप को अपनी फिल्म 'राज़ी' ऑफर की. ये लीड रोल तो नहीं था लेकिन चैलेंजिंग था. फिल्म में उन्होंने आलिया के ट्रेनर खालिद मीर का किरदार निभाया था. ये कैरेक्टर बहुत पसंद किया गया. लोगों ने माना कि 'राज़ी' की खोज जयदीप अहलावत रहे. क्योंकि उन्हें लोग स्क्रीन पर थोड़ा और देखना चाहते थे. अब जयदीप एक्टर के साथ-साथ स्टार भी थे. इसका फायदा उन्हें डिजिटल प्लैटफॉर्म पर भी खूब मिला. वो नेटफ्लिक्स फिल्म 'लस्ट स्टोरीज़' में दिबाकर बैनर्जी के सेग्मेंट में दिखाई दिए. शाहरुख खान के प्रोडक्शन में बनी सीरीज़ 'बार्ड ऑफ ब्लड' में काम किया. और अब 'पाताल लोक'.
फिल्म 'राज़ी' के एक सीन में आलिया भट्ट के साथ जयदीप अहलावत.
फिल्म 'राज़ी' के एक सीन में आलिया भट्ट के साथ जयदीप अहलावत.




वीडियो देखें: पाताल लोक इंटरव्यू- अनुराग की यादें साझा कर रहे हैं जयदीप अहलावत और नीरज कबी 

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