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कोरोना गया नहीं, WHO ने अब मंकीपॉक्स को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया

75 देशों में 16836 लोग अबतक मंकीपॉक्स की चपेट में आ चुके हैं.

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Monkey-Pox
मंकीपॉक्स की सांकेतिक तस्वीर. (Photo: AP/PTI)
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24 जुलाई 2022 (Updated: 24 जुलाई 2022, 12:25 IST)
Updated: 24 जुलाई 2022 12:25 IST
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मंकीपॉक्स (Monkey Pox) के बढ़ते मामलों को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस बीमारी को वैश्विक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है. WHO के चीफ टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने 23 जुलाई को मंकी पॉक्स के संबंध में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. ट्रेडोस ने कहा,

75 देशों में 16,000 से ज्यादा मामले रिपोर्ट किए गए हैं. दुनियाभर में फैलते मंकीपॉक्स के प्रकोप के मद्देनजर, मैंने इमरजेंसी कमेटी का पुनर्गठन किया है. अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियम मानदंड को ध्यान में रखते हुए मैंने इस प्रकोप को ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित करने का निर्णय लिया है.

ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी को सरल भाषा में समझें, तो दुनिया भर में मंकीपॉक्स की वजह से आपात स्थिति पैदा हो गई है. दो साल में ऐसा दूसरी बार हुआ है, जब WHO ने किसी बीमारी को हेल्थ इमरजेंसी की श्रेणी में रखा हो. कोविड का प्रकोप दुनियाभर में शांत होने से पहले ही WHO को एक और बीमारी को इमरजेंसी घोषित करना पड़ा है.

कितने देशों में फैला मंकीपॉक्स?

अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी सेंटर्स फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के आंकड़ों के मुताबिक, 22 जुलाई,2022 तक मंकीपॉक्स के सबसे ज्यादा केस स्पेन में हैं. स्पेन में 3125 लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं. इसके बाद अमेरिका में 2890, जर्मनी में 2268, ब्रिटेन में 2208 और फ्रांस में 1567 केस अबतक सामने आ चुके हैं. दुनियाभर में 11 देश ऐसे हैं, जहां मंकीपॉक्स के 100 से ज्यादा मामले आ चुके हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक महीने पहले ये बीमार सिर्फ 11 देशों तक सीमित थी और 3040 केस ही आए थे.

ट्रेडोस ने आगे कहा, 

WHO का आकलन है कि दुनियाभर में अभी मंकीपॉक्स का प्रकोप मॉडरेट है, सिवाय कुछ यूरोपीय देशों में ,जहां रिस्क ज्यादा हैं.

WHO के चीफ़ ने इस दौरान ये भी बताया कि किन परिस्थितियों में किसी बीमारी को ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया जाता है और मंकीपॉक्स को क्यों आपातकाल घोषित किया गया. उन्होंने कहा कि कई देशों से आई जानकारी के मुताबिक ये पता चलता है कि मंकी पॉक्स कई देशों में तेज़ी से फैल रहा है. और ऐसा पहले नहीं देखा गया. उन्होंने कहा कि किसी भी बीमारी को हेल्थ इमरजेंसी घोषित करने के लिए इंटरनेशनल हेल्थ रेगुलेशन्स के तीन क्राइटेरिया होते हैं, जिन्हें मंकी पॉक्स पूरा कर रहा है.

भारत में मंकीपॉक्स के अब तक चार मामलों की पुष्टि हुई है.

वीडियो: क्या दुनिया को मंकीपॉक्स से डरने की जरूरत है?

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