The Lallantop
Advertisement

अडानी की डूबती नैया को पार कराने की जिम्मेदारी इन दो वकीलों को मिली है

अडानी ग्रुप पर संकट का मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया है.

Advertisement
law firms helping Adani Group
गौतम अडानी (फाइल फोटो: आजतक)
4 फ़रवरी 2023 (Updated: 4 फ़रवरी 2023, 19:12 IST)
Updated: 4 फ़रवरी 2023 19:12 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

पूरा हफ्ता अडानी ग्रुप के शेयरों (Adani group share) की कीमतों में गिरावट और उसके आसपास की खबरों में बीत गया. गौतम अडानी की संपत्ति में भी भारी गिरावट हुई. हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप पर छाए मौजूदा संकट के बादल को छांटने की जिम्मेदारी दो लॉ फर्म को मिली है. एक भारतीय फर्म है और दूसरी अमेरिका की है. बार एंड बेंच की रिपोर्ट ने सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि वो दो लॉ फर्म 'सिरिल अमरचन्द मंगलदास' और 'वाचटेल, लिप्टन, रोसेन और काट्ज़ एलएलपी' (Wachtell, Lipton, Rosen & Katz LLP) हैं.

भारतीय लॉ फर्म Cyril Amarchand Mangaldas का हेडक्वॉर्टर मुंबई में है. वहीं Wachtell, Lipton, Rosen & Katz फर्म अमेरिका के न्यूयॉर्क सिटी में है. ये कॉरपोरेट कानून के लिए जानी जाती है, जो बड़े और जटिल लेनदेन को संभालती है. रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल ट्विटर ने एलन मस्क पर केस के लिए इसी फर्म को चुना था, ताकि मस्क ट्विटर को 44 बिलियन डॉलर में खरीदने की डील पूरी करें.

सिरिल अमरचंद मंगलदास की टीम का नेतृत्व मैनेजिंग पार्टनर सिरिल श्रॉफ कर रहे हैं. वहीं वाचटेल लिप्टन की एक बड़ी टीम पार्टनर एडम ओ एमेरिच के नेतृत्व में वैश्विक स्तर पर अडानी को सलाह दे रही है.

3 फरवरी को वकील एमएल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका डाली. याचिका में SEBI और गृह मंत्रालय को हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ FIR दर्ज करने और जांच का निर्देश देने की मांग की गई है. वकील ने आरोप लगाया कि हिंडनबर्ग रिसर्च के फाउंडर नाथन एंडरसन और भारत में उसके सहयोगियों ने अडानी ग्रुप के स्टॉक को गिराने की साजिश रची.

ये भी पढ़ें- अडानी के 8 लाख करोड़ उड़ने की पूरी टाइमलाइन, कैसे टूट रहा निवेशकों का भरोसा?

भारत के सबसे बड़े कारोबारियों में से एक गौतम अडानी कुछ दिनों से लगातार चर्चा में बने हुए हैं. चाहे वो अमीरों की टॉप लिस्ट में अडानी का नीचे जाना हो या शेयर मार्केट में उनकी कंपनियों के शेयरों के दाम में गिरावट हो. अडानी ग्रुप में ये भूचाल एक रिपोर्ट के कारण आया है. हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट. जो कि एक इन्वेस्टमेंट रिसर्च फर्म है.

24 जनवरी, 2023 को हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आई. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि अडानी ग्रुप कई साल से स्टॉक मैनिपुलेशन और अकाउंटिंग फ्रॉड में शामिल है. भले ही इस रिपोर्ट को अडानी ग्रुप ने ख़ारिज किया था. लेकिन हिंडनबर्ग की इस रिपोर्ट आने के बाद शेयर बाजार में अडानी ग्रुप के शेयरों में उथल-पुथल मची हुई है. इतनी कि गौतम अडानी ने 20 हज़ार करोड़ रुपये के फ़ॉलो ऑन पब्लिक ऑफ़र (FPO) को भी रद्द कर दिया. 

शेयर बाजार में अडानी ग्रुप की कंपनी के शेयरों के भाव में लगातार गिरावट के बाद नियामक एजेंसियां सतर्क हो गई हैं. RBI ने सभी बैंकों से कहा है कि उनकी तरफ से अडानी ग्रुप की कंपनियों को कितना कर्ज दिया गया, इसका पूरा लेखा-जोखा पेश किया जाए. ऐसे में अडानी ग्रुप आगे क्या कदम उठाएगा, इस पर सबकी नज़र बनी हुई है.

वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: अडानी समूह में पैसा लगाकर क्या LIC और SBI पर बर्बाद होने का खतरा? पूरा सच ये रहा

thumbnail

Advertisement

election-iconचुनाव यात्रा
और देखे

Advertisement

Advertisement

Advertisement