The Lallantop
Advertisement

अडानी के 8 लाख करोड़ उड़ने की पूरी टाइमलाइन, कैसे टूट रहा निवेशकों का भरोसा?

हफ्ता भर और अडानी तीसरे से 22वें पर आ गए. कंपनियों की रेटिंग लगातार गिर रही

Advertisement
adani group crash time line
अमेरिकी इन्वेस्टमेंट बैंक सिटी ग्रुप ने अडानी समूह को लोन देना बंद किया | फाइल फोटो: आजतक
3 फ़रवरी 2023 (Updated: 3 फ़रवरी 2023, 22:37 IST)
Updated: 3 फ़रवरी 2023 22:37 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

गौतम अडानी (Gautam Adani). भारतीय उद्योगपति. एक हफ्ते पहले तक ये भारत के सबसे अमीर व्यक्ति थे और दुनिया के तीसरे. लेकिन, अब नहीं हैं. इन्हें ये तगड़ा झटका दिया है अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग ने. उसका कहना है कि उसने अडानी समूह की कंपनियों की गुप्त जांच की, सब कुछ गड़बड़ मिला. इस पूरे मामले को हफ्ता बीत चुका है. और महज इतने समय में अडानी को आठ लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हो चुका है. जानते हैं कब क्या हुआ? और कैसे अडानी हफ्ते भर में तीसरे से 22वें नंबर पर आ गए?

24 जनवरी: अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसमें आरोप लगाया गया कि अडानी समूह "कॉर्पोरेट इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला" कर रहा है. इस रिपोर्ट में दावा किया गया कि अडानी समूह स्टॉक में हेरफेर, अकाउंट्स में धोखाधड़ी, टैक्स हेवन का गलत इस्तेमाल और मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल रहा है. हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप की कंपनियों को ओवरवैल्यूड भी बताया.

26 जनवरी: अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग के आरोपों को दुर्भावनापूर्ण और गलत बताया. कानूनी कार्रवाई की धमकी दी. अडानी ग्रुप के लीगल हेड जतिन जलुंधवाला ने कहा, 'हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के खिलाफ हम कार्रवाई की तैयारी कर रहे हैं. इसके लिए हम अमेरिकी और भारतीय कानूनों के तहत कार्रवाई करेंगे.'

27 जनवरी: अडानी ग्रुप द्वारा कानूनी कार्रवाई किए जाने की बात पर अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग ने कहा कि उनकी रिपोर्ट सही है. अडानी के पास कानूनी कार्रवाई का कोई आधार नहीं है. हिंडनबर्ग की ओर से ट्वीट कर कहा गया,

“अगर अडानी ग्रुप हमारे खिलाफ सच में कार्रवाई करना चाहता है, तो उसे अमेरिका में कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए. हम अमेरिका में ही काम करते हैं. हम कानूनी कार्रवाई के दौरान कई दस्तावेज की मांग भी करेंगे.”

28 जनवरी: अडानी ग्रुप की कंपनियों पर हिंडनबर्ग के आरोप के बाद सिर्फ 2 दिन में Adani Group के मार्केट कैप में बड़ी गिरावट आई. अडानी समूह को 48 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है. और Gautam Adani की संपत्ति में 29 अरब डॉलर की कमी आई. दुनिया के सबसे अमीर कारोबारियों की सूची में गौतम अडानी अब सातवें नंबर पर पहुंच गए.

29 जनवरी: अडानी ग्रुप ने 413 पन्नों में हिंडनबर्ग के सवालों के जवाब दिया. समूह ने 88 में से 68 सवालों के फर्जी बताया. कंपनी ने कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ‘गलत जानकारी और झूठे आरोपों’ के आधार पर बनी है. अडानी समूह ने जवाब में लिखा कि यह रिपोर्ट किसी खास कंपनी पर किया गया बेबुनियादी हमला नहीं है, बल्कि यह भारत पर किया गया सुनियोजित हमला है. यह भारतीय संस्थानों की आजादी, अखंडता और गुणवत्ता पर किया गया हमला है. यह भारत के विकास की कहानी और उम्मीदों पर हमला है.

30 जनवरी: हिंडनबर्ग ने अडानी के आरोपों का जवाब दिया. कहा,

'अडानी ग्रुप की रिपोर्ट में लिखी बातें जरूरी मुद्दों से ध्यान भटका रही हैं. राष्ट्रवादी एंगल देकर हमारी रिपोर्ट को भारत पर हमला बता दिया गया. अडानी ग्रुप ने तो भारत की सफलता को सीधे-सीधे अपने अध्यक्ष गौतम अडानी की संपत्ति से जोड़ दिया. अडानी समूह ने हमारे सवालों का तो जवाब दिया ही नहीं.'

30 जनवरी: अबु धाबी की इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी (IHC) ने ऐलान किया कि वो अडानी इंटरप्राइजेज के फॉलोऑन ऑफर (Adani Enterprises FPO) में 400 मिलियन डॉलर  (3261.29 करोड़ रुपये) की रकम निवेश करने जा रही है. निवेशकों को खुश करने की इन कोशिशों के बावजूद अडानी समूह का बाजार घाटा करीब 65 अरब डॉलर तक पहुंच गया.

31 जनवरी: अडानी इंटरप्राइजेज का फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) बंद हुआ. 20 हजार करोड़ रुपये की कीमत वाला FPO अपने ऑफर के अंतिम दिन 1.12 गुना ओवर सब्सक्राइब हुआ. आंकड़ों के मुताबिक अडानी इंटरप्राइजेज ने 4.55 करोड़ शेयरों के लिए पेशकश थी, जबकि निवेशकों ने 4.62 करोड़ शेयर की मांग की.

1 फरवरी: अडानी ग्रुप ने अपने फ्लैगशिप FPO को वापस लेने का ऐलान किया. FPO को वापस लेने के फैसले का ऐलान करते हुए अडानी ग्रुप की तरफ से कहा गया कि ये फैसला मार्केट में मची उथल-पुथल के मद्देनजर लिया गया है. कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मीटिंग हुई थी. इसमें निवेशकों के हित को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया. कम्पनी ने निवेशकों को पैसा वापस लौटाने का भी ऐलान किया.

2 फरवरी: अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी गुरुवार, 2 फरवरी को कंपनी के निवेशकों के सामने आए. उन्होंने कहा कि बाजार की हालत देखते हुए FPO को जारी रखना नैतिक तौर पर सही नहीं था. अडानी ने कहा,

"अपने 4 दशक के आन्त्रप्रन्योर करियर में मुझे इन्वेस्टर्स की ओर से काफी सपोर्ट मिला है. ये स्वीकार करना जरूरी है कि मुझे जो कुछ भी सफलता मिली है, वो इन्वेस्टर्स के भरोसे की वजह से ही मिली है. मेरे लिए अपने निवेशकों का हित ही सबसे बड़ा है. इसलिए निवेशकों को किसी भी तरह के नुकसान से बचाने के लिए हमने FPO रद्द करने का फैसला लिया है. इस फैसले का कंपनी के वर्तमान और भविष्य की योजनाओं पर कोई असर नहीं होगा."

2 फरवरी: SEBI ने हिंडनबर्ग के आरोपों की जांच शुरू करने का फैसला किया. वहीं, भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों से पूछा कि उन्होंने अडानी समूह को कितना लोन दे रखा है. उधर, संसद में विपक्ष ने एक संयुक्त संसदीय समिति या सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एक पैनल के द्वारा पूरे मामले की जांच कराने की मांग की.

3 फरवरी: अडानी इंटरप्राइजेज के शेयर की कीमत 35 फीसदी तक गिर गई. एक हफ्ते से शेयरों में भारी गिरावट के बाद अडानी ग्रुप कंपनियों की कुल बाजार पूंजी 10 लाख करोड़ रुपये से नीचे चली गई है. 24 जनवरी को ग्रुप की कंपनियों का मार्केट कैप 19 लाख 20 हजार करोड़ रुपये था.

गौतम अडानी की साख को कैसे हो रहा नुकसान?

अडानी की कंपनियों के वैल्यूएशन में पिछले तीन सालों के दौरान जबरदस्त उछाल आया. आलम ये था कि अप्रैल 2020 और अगस्त 2022 के बीच, कंपनी के शेयरों की कीमत लगभग 4000% बढ़ गई. अब जबकि शेयर गिर रहे हैं, इन कंपनियों को रेटिंग में गिरावट का सामना करना पड़ रहा है. साख दांव पर है.

अमेरिकी मीडिया के मुताबिक अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज डाउ जोंस ने अडानी इंटरप्राइजेज को सस्टेनबिलिटी इंडेक्स से बाहर कर दिया है. अमेरिकी इन्वेस्टमेंट बैंक सिटी ग्रुप पहले ही अडानी समूह की कंपनियों को लोन देना बंद कर चुका है.

दो दिन पहले क्रेडिट स्विस ने अडानी ग्रुप की कंपनियों के बॉन्ड्स के बदले मार्जिन लोन देने पर रोक लगा दी है. ब्लूमबर्ग में आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ एंडी मुखर्जी ने लिखा है कि स्विस ने अडानी समूह की कुछ कंपनियों की 75% लेंडिंग वैल्यू आंकी थी. अब उसने वो वैल्यू शून्य कर दी है. क्रेडिट स्विस एक ग्लोबल इन्वेस्टमेंट बैंक और फाइनेंशियल सर्विसेज फर्म है. इसका हेडक्वार्टर स्विट्ज़रलैंड में है. कुल मिलाकर ऐसी खबरों का मतलब ये है कि अब अडानी समूह के लिए पैसा जुटाना मुश्किल हो जाएगा.

बहरहाल, साख की बात है तो जानकारों का कहना है कि अब ये तभी सुधरेगी, जब इस मामले की जांच होगी और रिपोर्ट जनता के सामने रखी जाएगी.

वीडियो: अडानी ग्रप के ऑयल स्टोरेज टैंक और पाइपलाइन तोड़ने का आदेश जारी

thumbnail

Advertisement

election-iconचुनाव यात्रा
और देखे

Advertisement

Advertisement

Advertisement