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किरेन रिजिजू जिस पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय में भेजे गए, वो काम क्या करता है?

किरेन रिजिजू हटे तो सब चौंके, अब उनके नए मंत्रालय के बारे में जान लो...

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Rijiju was replaced by Arjun Ram Meghwal
मोदी सरकार के कैबिनेट में फेरबदल के बाद रिजिजू को हटा कर अर्जुन राम मेघवाल कानून मंत्री बनाए गए (तस्वीर: इंडिया टू़डे)
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18 मई 2023 (Updated: 18 मई 2023, 15:06 IST)
Updated: 18 मई 2023 15:06 IST
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मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में गुरूवार, 18 मई को बड़ा फेरबदल हुआ. केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू का मंत्रालय बदल कर उन्हें पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (Ministry of Earth Sciences) दे दिया गया. उनकी जगह अर्जुन राम मेघवाल को कानून मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया. अर्जुन राम मेघवाल वर्तमान में केंद्रीय संस्कृति एवं संसदीय कार्य मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे थे. मेघवाल बीकानेर से जीतकर लोकसभा आए हैं. वो राजस्थान में भाजपा के बड़े दलित चेहरे के तौर पर देखे जाते हैं. 

क्यों हटे किरेन रिजिजू?

कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को हटा कर किरेन रिजिजू को कानून मंत्रालय सौंपा गया था. इससे पहले वो केंद्रीय खेल मंत्री हुआ करते थे. माना जा रहा है कि किरेन रिजिजू के न्यापालिका के कॉलेजियम सिस्टम पर सवाल उठाने, सुप्रीम कोर्ट पर टिप्पणी करने और CJI चंद्रचूड़ से उलझने के चलते सरकार और न्यायपलिका के बीच संघर्ष का संदेश जा रहा था. सरकार का फैसला इस टकराव को कम करने, सरकार और न्यायपालिका के बीच सामंजस्य का संदेश देने की कोशिश कही जा सकती है. 

किरेन रिजिजू को अब पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय दिया गया है. इस मंत्रालय के बारे में आम लोग कम ही जानते हैं. हम आपको बताएंगे पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (Ministry of Earth Sciences), क्या काम करता है? कौन लोग रिजिजू से पहले ये मंत्रालय संभाल चुके हैं? और ये मंत्रालय कब और किस लिए बनाया गया?

क्या है पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (Ministry of Earth Sciences)

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (MoES) भारत सरकार का वह मंत्रालय है जो मौसम, जलवायु, जल विज्ञान, भूकंप विज्ञान, महासागर और समुद्र के तटीय राज्यों का अध्ययन करता है. प्राकृतिक आपदाओं और खतरों से बचने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सेवाएं प्रयास और शोध कराने की जिम्मेदारी भी इसी मंत्रालय की है. इसके अलावा समुद्री इलाकों और समुद्र के भीतर सभी जीवित और निर्जीव संसाधनों का सस्टनेबल तरह से दोहन किया जा सके, ये भी इसी के जिम्मे है.  

कब बना ये मंत्रालय?

यह मंत्रालय पहले महासागर विकास विभाग (Department of Ocean Development- DOD) नाम से 1981 में बना था. उस वक्त प्रधानमंत्री के प्रभार के तहत कैबिनेट सचिवालय के हिस्से के तौर पर इसे बनाया गया था. 1983 में इसे कैबिनेट सचिवालय से स्वतंत्र करते हुए अलग विभाग बना दिया गया. फिर ये विभाग मौसम, जलवायु, समुद्र विज्ञान और प्राकृतिक आपदा के लिए काम करने वाले शोध संस्थानों की नोडल एजेंसी के तौर पर काम करता था. फरवरी 2006 में इस विभाग को भारत सरकार ने मंत्रालय बना दिया और नाम दिया महासागर विकास मंत्रालय ( Ministry of Ocean Development). जुलाई 2006 में इस मंत्रालय को पुनर्गठित किया गया और नाम दिया गया पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (MoES). इस मंत्रालय के अंडर भारत का मौसम विभाग, भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (The Indian Institute of Tropical Meteorology, IITM), और नेशनल सेंटर फॉर मीडियम रेंज वेदर फोरकास्टिंग (NCMRWF) आता है.

कौन-कौन रह चुका है इस मंत्रालय का मंत्री?

इस मंत्रालय में सबसे पहले मंत्री थे कपिल सिब्बल. और रिजिजू के ठीक पहले जितेंद्र सिंह पृथ्वी विज्ञान मंत्री थे. इस पद पर विलास राव देशमुख, पवन कुमार बंसल, पृथ्वीराज चौहान और हर्षवर्धन जैसे नेता रह चुके हैं. 
 

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