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कश्मीर में हिन्दुओं की हत्या पर क्या कर रही केंद्र सरकार?

कश्मीर में लगातार हत्याएं हो रही हैं

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When will the killings in Kashmir stop?
कश्मीर में हो रही हत्याएं कब रुकेंगी?
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2 जून 2022 (Updated: 2 जून 2022, 12:08 AM IST) कॉमेंट्स
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जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में एक व्यक्ति के ऊपर फायरिंग की गई उनका नाम विजय कुमार था. वो मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले थे. यहां कुलगाम के मोहनपोरा में 'इलाक़ाई देहाती बैंक' में काम करते थे. गोली लगने से उनकी मौत हो गई. कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स नाम के आतंकी संगठन ने बैंक कर्मी विजय कुमार की हत्या की जिम्मेदारी ली है. एक पत्र जारी कर KFF ने धमकी दी है कि कि जो भी कश्मीर के डेमोग्राफिक बदलाव में शामिल होगा उसका यही अंजाम होगा.

दो दिन पहले इसी तरह से कुलगाम के ही एक सरकारी स्कूल में घुसकर एक टीचर रजनी बाला की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. रजनी बाला का परिवार 1990 में हुए पलायन में घाटी छोड़ कर चला गया था. 27 साल बाद रजनी वापस लौटी थीं. उन्हें केंद्र सरकार के पैकेज के तहत नौकरी दी गई थी. रजनी बाला से भी पहले 12 मई को बड़गाम के एक सरकारी दफ्तर में घुसकर आतंकियों ने राजस्व अधिकारी राहुल भट्ट की गोली मारकर हत्या कर दी थी.

एक के बाद एक लगातार हो रही इन हत्याओं को 'टारगेट किलिंग्स' का नाम दिया जा रहा है. टारगेट किलिंग्स यानी कि लोगों को चिन्हित करके उनकी हत्या करना. ताकि लोगों में दहशत बनी रहे. इसमें आतंकियों के निशाने पर सरकारी कर्मचारी, कश्मीरी हिंदू, चर्चित लोग, कश्मीर से बाहर के लोग और वे सब हैं जो आतंकियों की दहशत के लिए खतरा हैं. इंडिया टुडे से बात करते हुए एक टीचर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पिछले दो महीने से बाहरी लोगों के लिए सोशल मीडिया पर धमकी सर्कुलेट हो रही है. धमकाया जा रहा है कि जम्मू डिविजन के लोग जितनी जल्दी हो सके, घाटी छोड़ दें. वरना नतीजे भुगतने के लिए तैयार रहें.

एक दूसरे टीचर ने कहा कि आतंकी, घाटी में बाहरी वर्सेस कश्मीरी का माहौल तैयार कर रहे हैं. आर्मी से तो वे लड़ नहीं सकते इसलिए उनके सबसे आसान टारगेट हम ही हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक इस साल घाटी में अब तक 16 लोग टारगेट किलिंग्स का शिकार हो चुके हैं. इसमें से 8 तो केवल मई के ही महीने में हुई हैं. टारगेट किलिंग्स का ये नया दौर 1990 जैसे माहौल की याद दिलाता है. जिससे सरकारी कर्मचारी, कश्मीरी हिंदू डरे सहमे हुए हैं. आज श्रीनगर से कुछ ऐसे वीडियो भी आए जिनमें लोग अपना सामान समेटकर घाटी से बाहर जा रहे हैं. ये पूरा माहौल सरकार के केंद्र की मोदी सरकार के उन तमाम दावों की हवा निकाल देता है जो लगातार घाटी में हालात सामान्य होने का दावा करते हैं. एक के बाद एक, निशाना बनाकर हो रही हत्या, खुलेआम आतंकी संगठन की ओर से दी जा रही धमकियां, लोगों के मन में व्याप्त दहशत मोदी सरकार के सामने बड़ी चुनौती बनकर खड़ा है.

आज बैंककर्मी विजय कुमार की हत्या के बाद विपक्षी दलों ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि रोज चुन-चुन कर लोगों को निशाना बनाया जा रहा है और सरकार को फिल्म के प्रमोशन से फुर्सत नहीं है. राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा,

"बैंक मैनेजर, टीचर और कई मासूम लोग रोज मारे जा रहे हैं. कश्मीरी पंडित पलायन कर रहे हैं. जिनको इनकी सुरक्षा करनी है, उनको फिल्म के प्रमोशन से फुर्सत नहीं है. भाजपा ने कश्मीर को सिर्फ अपनी सत्ता की सीढ़ी बनाया है. कश्मीर में अमन कायम करने के लिए तुरंत कदम उठाइए, प्रधानमंत्री जी." 

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी विजय कुमार की मौत पर शोक जताया और NDA सरकार को असफल बताते हुए ट्वीट किया.

AIMIM अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर कश्मीर में हो रही हत्याओं के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय को जिम्मेदार बताया. लिखा,

"कश्मीरी पंडितों का दूसरा पलायन जारी है. इसके लिए पीएमओ अकेले जिम्मेदार है. उनकी सरकार 1989 की गलतियों को दोहरा रही है. मोदी सरकार सिर्फ फिल्मों के प्रचार में जुटी हुई है." 

इस बीच खबर आई है कि गृहमंत्री अमित शाह कल यानी 3 जून को जम्मू कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक करने वाले हैं. इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, जम्मू कश्मीर के DGP दिलबाग सिंह, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, CRPF के DG कुलदीप सिंह और BSF के हेड पंकज सिंह भी मौजूद रहेंगे. कल होने वाली इस मीटिंग से पहले आज दिल्ली में भी एक बैठक हुई जिसमें गृहमंत्री अमित शाह, NSA अजीत डोभाल और खुफिया एजेंसी RAW के प्रमुख मौजूद थे.

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