कानपुर हिंसा का Whatsapp कनेक्शन, पत्थरबाजी से पहले 'ग्रुप चैट' में दिए गए थे निर्देश
ये वॉट्सऐप ग्रुप मुख्य आरोपी जफर हयात हाशमी का बताया जा रहा है.

कानपुर में बीती 3 जून को हुई हिंसा (Kanpur Violence) को लेकर विवाद जारी है. आजतक से जुड़े संतोष शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक अब तक मामले में जो भी सबूत सामने आए हैं, उनसे साफ पता चलता है कि ये हिंसा पहले से प्लान की गई एक गहरी साजिश का नतीजा थी. तमाम दावों और अटकलों के बीच एक कथित वॉट्सऐप ग्रुप चैट भी सामने आ रही है. चैट की डिटेल से पता चलता है कि बीते शुक्रवार को कानपुर में हुई पत्थरबाजी पहले से तय थी. कानपुर के कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने आजतक से बातचीत में खुद माना कि हिंसा पूर्व नियोजित थी.
वॉट्सऐप ग्रुप में क्या बात हुई?ये वॉट्सऐप ग्रुप मुख्य आरोपी जफर हयात हाशमी का बताया जा रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक चैट में वो बाजार बंद करवाने का मैसेज फॉरवर्ड कर रहा था. वो लगातार ग्रुप मेंबर को बता रहा है कि कहां-कहां बाजार बंद हो रहे हैं. मुस्लिम समुदाय को अलर्ट किया जा रहा था कि वो दुकान बंद कर लें और सावधान हो जाएं.
इंडिया टुडे से जुड़े रंजय सिंह के मुताबिक इस बवाल को भड़काने में कुछ सोशल मीडिया यूजर्स का भी हाथ रहा. अब पुलिस ने उन पर भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. कानपुर कोतवाली में ऐसे 8 सोशल मीडिया यूजर्स के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट डालने की FIR दर्ज की गई है. कानपुर हिंसा मामले में पुलिस की तरफ से दर्ज की गई ये तीसरी FIR है. इसमें दोनों समुदाय के लोग शामिल हैं जिन्होंने बवाल को भड़काने वाली पोस्ट की थी. खबर के मुताबिक मामले में अबतक कुल 38 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं.
इसके अलावा सोमवार को पुलिस ने सीसीटीवी और वीडियो फुटेज खंगालने के बाद 40 संदिग्ध बलवाइयों की तस्वीरें जारी की हैं. इन सबकी उम्र 25 साल से कम बताई जा रही है.

फिलहाल कानपुर पुलिस और प्रशासन ने इस मामले में कानपुर विकास प्राधिकरण के साथ मिलकर इलाके की सभी ऊंची इमारतों के नक्शे और स्वामित्व को लेकर जांच शुरू कर दी है. कानपुर फॉरेंसिक टीम भी घटनास्थल का मुआयना करने पहुंची. टीम हर उस गली और रास्ते का मुआयना करेगी जहां पर पथराव हुआ था.
देखें वीडियो- कानपुर हिंसा को लेकर पुलिस कमिश्नर ने क्या नई बात बताई?