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NDA से गठबंधन टूटने के दो महीने में इस नेता से जेड प्लस सुरक्षा वापस ली गई

अकाली दल ने इस मामले में क्या कहा है?

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सुरक्षा वापस लिए जाने के फैसले को अकाली दल ने राजनाति से प्रेरित बताया है.-ANI
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शाश्वत
21 नवंबर 2020 (Updated: 21 नवंबर 2020, 10:34 IST)
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केंद्र सरकार ने अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की जेड प्लस सुरक्षा वापस ले ली है. शिरोमणि अकाली दल (SAD) द्वारा भाजपा के नेतृत्व वाले NDA छोड़ने के दो महीने से भी कम समय के भीतर केंद्र सरकार ने ये फैसला लिया है. कृषि से जुड़े तीन कानूनों को लेकर आकाली दल बीजेपी से अलग हो गया था. इन कानूनों को लेकर किसान आज भी पंजाब में प्रदर्शन कर रहे हैं.

वहीं अकाली दल का कहना है कि मजीठिया को दी गई सुरक्षा वापस लेने की टाइमिंग से पता चलता है कि यह फैसल राजनीति से प्रेरित है. केंद्र सरकार ने मजीठिया की सुरक्षा को लेकर पंजाब सरकार के पाले में गेंद डाल दी है. पंजाब सरकार बिक्रम सिंह मजीठिया की सुरक्षा को रिव्यू करने के बाद इस पर फैसला लेगी.

शिरोमणी अकाली दल के प्रवक्ता दलजीत सिंह चीमा ने कहा, पार्टी बिक्रम सिंह मजीठिया की जेड प्लस सुरक्षा कवर को वापस लेने के भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के मनमाने, तानाशाही और राजनीति से प्रेरित फैसले की निंदा करता है. मजीठिया की सुरक्षा को वापस इस लिए लिया गया क्योंकि उनकी पार्टी ने केंद्र के कृषि कानून का विरोध किया है.

क्या है मामला?

बिक्रम सिंह मजीठिया को केंद्र की तरफ से सीआईएसएफ की सुरक्षा दी गई थी. मजीठिया गैंगस्टरों और विदेशी आतंकियों की हिट लिस्ट में रहे हैं. उन्हें धमकियां मिलती रही हैं. केंद्र सरकार द्वारा सुरक्षा वापस लिए जाने के बाद राज्य के डीजीपी ऑफिस में उनकी सुरक्षा को रिव्यू करने का फैसला लिया गया है. इस संबंध में डीजीपी दिनकर गुप्ता समेत सुरक्षा विंग और इंटेलिजेंस विंग के आला अधिकारियों की संयुक्त रूप से  होने वाली बैठक में अंतिम रूप दिया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक मजीठिया को वाई या फिर जेड कैटेगरी की सुरक्षा दी जा सकती है. पंजाब में पुलिस को वीआईपी सुरक्षा रिव्यू करने की जरूरत इसलिए भी पड़ी, क्योंकि इसके दुरुपयोग के मामले भी सामने आ रहे थे. माना जा रहा है की मजीठिया की सुरक्षा वापस लेने का फैसला बीजेपी के वरिष्ठ नेता हरजीत सिंह ग्रेवाल के राजपुरा कार्यालय में की गई तोड़फोड़ के बाद लिया गया है. पंजाब पुलिस विभाग पिछले दो सालों के दौरान 1800 पुलिसकर्मियों को वीआईपी लोगों की सुरक्षा से हटा चुका है, लेकिन अभी भी  7000 पुलिसकर्मी सिर्फ वीवीआईपी लोगों की सुरक्षा में लगे हैं. कुछ नेताओं की सुरक्षा कोरोना वायरस महामारी के दौरान भी वापस ली गई थी.

क्यों छोड़ना पड़ा गठबंधन

26 सितंबर 2020 को बीजेपी की पुरानी सहयोगी पार्टी शिरोमणि अकाली दल तीन कृषि बिल के विरोध में NDA से अलग हो गया.  सुखबीर सिंह बादल ने अलग होने के बाद कहा था कि हम एनडीए का हिस्सा नहीं रह सकते क्योंकि केंद्र सरकार MSP बचाए रखने की विधायी गारंटी ना देने पर अड़ी है. करीब 23 साल पुराना गठबंधन टूटने के बाद हरसिमरत कौर बादल ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.  

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