3 अगस्त 2016 (Updated: 3 अगस्त 2016, 11:29 AM IST) कॉमेंट्स
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पुलिस. नाम सुनते ही एक फिगर हमारे दिमाग में बन जाता है. इस फिगर की अपनी कुछ खासियत भी होती है. उन खासियतों में उसका करप्ट होना, खूसट होना, बदतमीज होना तो ज़रूर ही शामिल होता है. ये एक मेजर वजह है, जिसकी वजह से आज आधे से ज़्यादा लोग एक पुलिस वाले से डरते हैं. उनके 'चक्कर' में पड़ना नहीं चाहते. वो पुलिस, जिसे हमारी सुरक्षा के लिए ही तैनात किया गया है, हम उससे ही बचते फिरते हैं. खुद ही नहीं बचते बल्कि अगले को बचने की सलाह भी देते हैं.
कट टू - चेन्नई. एक पुलिसवाला. ट्रैफिक पुलिस वाला. चौराहे पर खड़ा रहता है. लेकिन ये हमारी धारणा से उल्टा मालूम देता है. ये हमेशा मुस्कुराता रहता है. लोगों से बात करता है. उनसे हाथ मिलाता है. लोगों को सड़क पार करवाता है. इधर से उधर जाने के इशारे तो ऐसे करता है जैसे डांस कर रहा हो. लोकल लोग इसे सुपरकॉप कहते हैं.
मिस्टर कुमार के नाम से जाना जाने वाला ये सुपरकॉप मानता है कि इसके सिग्नल से जो भी लोग आते-जाते हैं, वो सुबह अच्छे से अपने-अपने काम पर जायें और साथ ही शाम को वापस एकदम अच्छे से घर आयें. यही उसकी प्रार्थना है, जिसके साथ उसकी हर सुबह की शुरुआत होती है. वो, जो अपने काम को अपनी ज़िम्मेदारी समझता है, उससे पूरे दिल से प्यार करता है और पूरी ईमानदारी से उसे निभाता है. 22 साल से हर दिन यही काम करते हुए मिस्टर कुमार आज तक 0 एक्सीडेंट का रिकॉर्ड मेन्टेन करके चल रहे हैं. कहते हैं कि इस बात से मुझे बहुत संतोष मिलता है कि आज सब लोग अच्छे से ऑफिस पहुंच गए और वापस घर आ गए. एकदम वैसे, जैसे एक बाप अपने बच्चों के बारे में सोचा करता है.
https://www.youtube.com/watch?v=Djl6cAZpSv8