The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • US President Donald Trump thre...

शपथ लेते ही ट्रंप BRICS देशों पर क्यों भड़के? भारत के लिए क्या संदेश छिपा है?

US President Donald Trump ने अपनी धमकी दोहराते हुए कहा है कि अमेरिका BRICS देशों पर 100% टैरिफ लगा सकता है.

Advertisement
US President Trump
डॉनल्ड ट्रंप दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति बैठे हैं. (India Today)
pic
सौरभ
21 जनवरी 2025 (Updated: 21 जनवरी 2025, 03:27 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने शपथ ग्रहण के साथ ही BRICS देशों को एक बार फिर से धमकाया है. उन्होंने अपनी धमकी दोहराते हुए कहा कि अगर BRICS देशों ने डॉलर की सर्वमान्यता के साथ कोई छेड़छाड़ करने की कोशिश की तो अमेरिका के साथ व्यापार पर 100 प्रतिशत टैरिफ देना होगा. ओवल ऑफिस में अपने साइनिंग सेरेमनी के दौरान मीडिया से बात करते हुए, राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा,

अगर ब्रिक्स राष्ट्र ऐसा (डॉलर के प्रभाव को कम) करने के बारे में सोचते भी हैं, तो 100 प्रतिशत टैरिफ लगाएंगे, और इसलिए वे इस ख्याल को तुरंत छोड़ देंगे.

ट्रंप ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा की गई टिप्पणियों का भी संदर्भ दिया. बाइडन ने अंदेशा जताया था कि अमेरिका इस मामले में कमजोर स्थिति में है. जिस पर ट्रंप ने असहमति जताते हुए कहा कि अमेरिका का ब्रिक्स देशों पर प्रभाव है और वे करेंसी को अपनी योजनाओं के साथ आगे नहीं बढ़ पाएंगे.

ट्रंप ने चुनाव जीतने के बाद दिसंबर में भी इस तरह की धमकी दी थी. उन्होंने सोशल मीडिया साइट ट्रुथ पर बिक्स देशों पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की बात कही थी.  उन्होंने लिखा था-

हमें इन देशों से यह प्रतिबद्धता चाहिए कि वे न तो नई ब्रिक्स मुद्रा बनाएंगे और न ही शक्तिशाली अमेरिकी डॉलर की जगह किसी अन्य मुद्रा का समर्थन करेंगे, अन्यथा उन्हें 100% टैरिफ का सामना करना पड़ेगा.

ट्रंप ने ये बाद शपथ लेने से एक महीने पहले कही थी. और शपथ लेने के बाद कुछ ही घंटों में उन्होंने डॉलर को लेकर अमेरिकी असुरक्षा की भावना को एक बार फिर से उजागर कर दिया.

ट्रंप ने धमकी क्यों दी?

2023 में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र के दौरान, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने डी-डॉलराइजेशन की बात रखी. उन्होंने इस बात पर जोर दिया गया कि ब्रिक्स देशों को करेंसी में बस्तियों का विस्तार करना चाहिए और बैंकों के बीच सहयोग बढ़ाना चाहिए. इसके बाद ब्रिटिश अखबार द गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक 2023 की BRICS की बैठक में ब्राज़ील के राष्ट्रपति लूला डिसिल्वा ने भी डॉलर के बदले वैकल्पिक करेंसी पर जोर दिया.

हाल के वर्षों में विशेषकर रूस और चीन को अमेरिका की नाराजगी का सामना करना पड़ा है. द प्रिंट की रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन के साथ युद्ध शुरू होने के बाद रूस को सोसाइटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्युनिकेशन (SWIFT) नेटवर्क से बाहर कर दिया गया और मॉस्को के डॉलर परिसंपत्तियों को फ्रीज भी कर दिया गया.

फरवरी 2022 में रूसी सैनिकों के यूक्रेन में हमला करने के बाद मॉस्को के केंद्रीय बैंक की लगभग 50 प्रतिशत संपत्तियां (करीब 300 बिलियन डॉलर) फ्रीज कर दी गईं. यूरो संपत्ति में लगभग 207 बिलियन डॉलर, यूएस डॉलर संपत्ति में 67 बिलियन डॉलर और यूके पाउंड स्टर्लिंग संपत्ति में 37 बिलियन डॉलर जमा थे. हाल ही में ब्रिक्स में शामिल हुए एक अन्य सदस्य ईरान को भी अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर कई प्रतिबंधों के कारण अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली में मुश्किलों का सामना करना पड़ा.

रूस के कज़ान से हाल ही में ब्रिक्स घोषणापत्र में किसी नई मुद्रा का ज़िक्र नहीं किया गया. पर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर "अवैध प्रतिबंधों सहित एकतरफ़ा दबावपूर्ण उपायों" पर चिंता व्यक्त की गई. ब्रिक्स देशों में शामिल भारत पर इन प्रतिबंधों का असर पड़ता है. रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से, भारत और रूस के बीच व्यापार में काफी विस्तार हुआ है. खासकर तब जब नई दिल्ली को मास्को से सस्ता तेल से मिलने लगा. द प्रिंट की रिपोर्ट के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2023-24 में यह व्यापार 50 बिलियन डॉलर को पार कर गया.

भारत ने अमेरिका की असुरक्षा पर अपना रुख साफ किया है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पिछले साल अक्तूबर में अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान यह स्पष्ट किया था कि नई दिल्ली ने “कभी भी अमेरिकी डॉलर को सीधा निशाना नहीं बनाया है”. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह भारत की “आर्थिक नीति, राजनीतिक या रणनीतिक नीति” का हिस्सा नहीं है.

वीडियो: दुनियादारी: डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में कौन-कौन पहुंचा?

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement