ट्रंप की टीम का आया ऐसा मैसेज, भारत-अमेरिका ट्रेड डील अधर में लटक गई
अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump ने भारत पर 50 प्रतिशत का टैरिफ लगाया है, जो दुनिया भर में किसी भी देश पर लगाया गया सबसे ज्यादा टैरिफ है. रूस से तेल व्यापार के कारण लगाया गया 25 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ लागू होगा या नहीं, ये बात जियोपॉलिटिकल घटनाओं पर निर्भर है. अब इस पर एक और अपडेट आया है.

भारत-अमेरिका ट्रेड डील (US India Trade Deal) पर हो रही बातचीत को फिलहाल रोक दिया गया है. अमेरिकी अधिकारियों को वार्ता के लिए इसी महीने भारत आना था. लेकिन मामले से अवगत एक सूत्र के हवाले से इंडियन एक्सप्रेस ने रिपोर्ट किया है कि अमेरिका ने अपने अधिकारियों की भारत यात्रा को फिलहाल रोक दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के बाद, फरवरी महीने में ये बातचीत शुरू हुई थी. कई दौर की वार्ता के बाद भी, अब तक कोई ठोस समझौता नहीं हो पाया है.
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई को भी एक अधिकारी ने बताया,
‘अमेरिका से समझौते के लिए पांच दौर की बातचीत हो चुकी है और छठे दौर की वार्ता 25 से 29 अगस्त तक भारत में होनी थी… लेकिन इस यात्रा को पुनर्निर्धारित किए जाने की संभावना है.’
अमेरिकी अधिकारियों की इस यात्रा को इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा था, क्योंकि भारत अमेरिका के भारी टैरिफ का सामना कर रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत का टैरिफ लगाया है, जो दुनिया भर में किसी भी देश पर लगाया गया सबसे ज्यादा टैरिफ है. 25 प्रतिशत टैरिफ पहले से लागू हो चुका है. सरकारी अधिकारियों का मानना है कि रूस से तेल व्यापार के कारण लगाया गया 25 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ लागू होगा या नहीं, ये बात जियोपॉलिटिकल घटनाओं पर निर्भर है.
ट्रेड डील पर कहां अटक गया मामला?डॉनल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिकी प्रशासन चाहता है कि उनके कृषि उत्पादों को भारतीय बाजार में पहुंच दी जाए. लेकिन भारत इसके लिए तैयार नहीं है. 15 अगस्त को लाल किले से देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने दोहराया कि भारत अपने किसानों, मछुआरों और पशुपालकों की भलाई के साथ कोई समझौता नहीं करेगा.
ट्रंप ने जब भारत पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की, उसके बाद 7 अगस्त को भी पीएम मोदी ने कहा था कि वो इस तरह का कोई समझौता नहीं करेंगे, भले ही इसके लिए उन्हें बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़े.
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ट्रंप और पुतिन की बैठक से भी थी उम्मीदेंअलास्का में ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई बैठक से भी ऐसी उम्मीदें थीं कि अब जियोपॉलिटिकल घटनाएं भारत के पक्ष में होंगी. क्योंकि भारत पर लगे 25 प्रतिशत के अतिरिक्त टैरिफ में, रूस-यूक्रेन युद्ध का भी स्टेक है. ट्रंप ने जब भारत पर अतिरिक्त पेनल्टी लगाने की घोषणा की, तब आरोप लगाया कि रूस से तेल खरीदकर भारत उसे यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में वित्तपोषित कर रहा है.
ऐसे में उम्मीद जताई गई थी कि अलास्का में हुई बैठक में ट्रंप और पुतिन यूक्रेन पर कोई समझौता करेंगे और युद्ध खत्म हो जाएगा. खुद ट्रंप भी उम्मीदों से भरे हुए थे. एक बयान में तो उन्होंने ये तक कह दिया था कि पुतिन को इस बैठक में यूक्रेन में शांति के लिए राजी होना ही पड़ेगा, और अगर वो ऐसा नहीं करते हैं, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे. लेकिन इसके विपरित, बैठक के बाद न तो सीजफायर और न ही किसी डील की घोषणा हुई. हालांकि, रिपोर्ट है कि भारत के रूस से तेल खरीदने के मामले पर ट्रंप अब थोड़े नरम पड़ गए हैं.
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