The Lallantop
Advertisement

UP Police भर्ती में छात्रों का दावा - 'बहुत सारे शहरों में लीक हुआ था पेपर, 500-500 में बिके'

छात्रों का दावा है कि जो पेपर फैला है, उसमें परीक्षा में कुल 150 प्रश्नों में से 147 प्रश्न और उनके जवाब बिल्कुल मैच कर रहे हैं.

Advertisement
up police paper leak
पेपर लीक के दावों के साथ छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं. (फ़ोटो - आजतक)
font-size
Small
Medium
Large
23 फ़रवरी 2024 (Updated: 23 फ़रवरी 2024, 14:15 IST)
Updated: 23 फ़रवरी 2024 14:15 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

उत्तर प्रदेश पुलिस सिपाही भर्ती (UP Police Constable Recruitment) का जो पेपर 17 और 18 फ़रवरी को हुआ था, वो लीक हो गया – ऐसा छात्रों का दावा है. अभ्यर्थी परीक्षा दोबारा करवाने की मांग कर रहे हैं. भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड (UPPRPB) ने पेपर लीक के सबूत मांगे. बोर्ड का कहना है कि जिन अभ्यर्थियों को लगता है कि पेपर पहले लीक हुआ है, वो बोर्ड की ई-मेल आईडी पर सबूतों सहित शिकायत दर्ज करा सकते हैं.

'500-500 में बिके पेपर'

'मिशन रोज़गार' के तहत उत्तर प्रदेश सरकार ने 60,244 पुलिस कॉन्स्टेबलों की भर्ती निकाली थी. अनुमान है कि 17-18 फ़रवरी को हुए इम्तेहान में 45 लाख से ज़्यादा अभ्यर्थी बैठे थे. सोशल मीडिया पर ऐसे दावे चले कि पहली पाली का पेपर लीक हो गया है. और, ये आया कहां से? दरअसल, अभ्यर्थियों ने टेलीग्राम पर बने एक ग्रुप में स्क्रीनशॉट शेयर किए कि, पेपर लीक हो गया है. इस ग्रुप का नाम है, 'अरुण सर रीज़निंग'. 18 फ़रवरी को सुबह 9:16 मिनट पर इसी ग्रुप में पेपर लीक होने का दावा किया गया. फिर सोशल मीडिया ने अपना काम कर दिया: ख़बर आग की तरह फैल गई.

अरुण सर कौन हैं? अरुण कुमार पेशे से शिक्षक हैं. यूट्यूब पर छात्रों को पढ़ाते हैं. इंडिया टुडे से बातचीत में उन्होंने बताया 18 फ़रवरी की सुबह 8:57 बजे उनके एक छात्र ने उन्हें एक PDF फ़ाइल भेजी, और कहा कि ये पेपर वही है जो मॉर्निंग शिफ्ट में चल रहा है. हालांकि, उन्होंने साफ़ कहा कि वो छात्र की बात को ही आगे बढ़ा रहे हैं. ख़ुद कोई स्पष्ट दावा नहीं कर रहे. आगे उन्होंने बताया,

जो पेपर मुझे छात्र ने सुबह भेजा था, संयोग से वो पेपर मॉर्निंग शिफ़्ट का नहीं था. लेकिन वही पेपर हूबहू शाम की शिफ़्ट में आ गया. दूसरी पाली की परीक्षा होने के बाद शाम 6:55 में मेरे पास मैसेज आया कि सेम पेपर है.

वो पेपर वायरल भी हो गया था और उसी वायरल पेपर की एक और हाथ ले लिखी कॉपी हमें कहीं और से भी मिली. यानी ये पेपर कई और जगहों पर भी फैला था. ये पेपर अलग-अलग हैंड राइटिंग में था.

अरुण कुमार का दावा है कि हाथ से लिखी जो कॉपी जगह-जगह पहुंची है, उसमें कुल 150 प्रश्नों में से 147 प्रश्न और उनके जवाब बिल्कुल मैच कर रहे हैं. इसीलिए कथित तौर पर ये पेपर धड़ल्ले से बिक भी रहा था. 500-500 में पेपर बेचने वाले दलाल गारंटी तक ले रहे थे कि अगर पेपर मैच न हुआ, तो पूरा पैसा वापस.

पैसे लेने के लिए टेलीग्राम पर वायरल हो रहे QR कोड को जब स्कैन किया गय़ा, तो उस पर अभिनाश कुमार रंजन नाम लिखा आया.

ये भी पढ़ें - पहले भ्रम बताया, अब पेपर लीक मामले में जांच कमेटी बनाई गई

अरुण एक और चीज़ की ओर इशारा कर रहे हैं. उनका कहना है कि कई बच्चों ने उनसे शिकायत की कि पेपर में जो सील लगती है, बहुत सारे प्रश्न पत्रों की सील ग़ायब थी.  हो सकता है कि ये मिसप्रिंट हो या फिर इनसे छेड़छाड़ की गई है.

अरुण कुमार और छात्रों के दावों की जांच होनी है. इसके लिए वो UPPRB को अपनी शिकायत board@uppbpb.gov.in पर भेज सकते हैं. आवेदन की आख़िरी तारीख़ 23 फ़रवरी, 2024 की शाम 6 बजे तक है.

thumbnail

Advertisement

Advertisement