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UP Police कॉन्स्टेबल भर्ती का पेपर लीक? भर्ती बोर्ड ने बयान तो जारी किया, मगर..

60 हज़ार पदों के लिए 48 लाख से ज़्यादा अभ्यर्थी. लटक-लटक कर गिरते-पड़ते इम्तेहान देने आए और शिफ़्ट के बीच में पता चला कि पेपर लीक हो गया.

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upp paper leak
60 हज़ार पदों के लिए 48 लाख से ज़्यादा अभ्यर्थी हैं. (फ़ोटो - आजतक)
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सोम शेखर
19 फ़रवरी 2024 (Published: 10:57 IST)
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यूपी पुलिस में भर्ती आई है. 'मिशन रोज़गार' के तहत राज्य सरकार पुलिस के लिए 60,244 पुलिस कॉन्स्टेबलों की भर्ती कर रही है. भर्ती बोर्ड ने 17 और 18 फ़रवरी को इम्तेहान करवाया. राज्य के 75 ज़िलों में क़रीब 48 लाख अभ्यर्थी इम्तेहान के लिए बैठे थे. 60 हज़ार पदों के लिए 48 लाख से ज़्यादा अभ्यर्थी हैं. राज्य में अलग से ट्रेनें और बस चल रही हैं. लटक-लटक कर गिरते-पड़ते 'भावी सिपाही' इम्तेहान में बैठने के लिए आ रहे हैं और शिफ़्ट के बीच में पता चलता है कि पेपर लीक हो गया है. शायद यहां तक आना निरर्थक हो जाए. ऐसा ही इस पेपर में भी हुआ.

सोशल मीडिया पर कई पोस्ट्स में दावा किया गया है कि 17 फ़रवरी को हुई परीक्षा का पेपर लीक हो गया है. हालांकि, उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड (UPPRB) का कहना है कि उन्होंने इस मामले की जांच करवाई और पेपर लीक की ख़बरें ग़लत हैं; कोई पेपर लीक नहीं हुआ.

पेपर लीक हुआ है या नहीं?

अलग-अलग सोशल मीडिया प्लैटफ़ॉर्म्स पर छात्रों-अभ्यार्थियों ने एक पन्ने की फ़ोटो ट्वीट की है. इस पन्ने में पॉइंट्स में कुछ-कुछ लिखा हुआ है. जैसे- नई दिल्ली, भारत रत्न, 26 नवंबर, तेलंगाना, आदि. संभवतः ये सवालों के जवाब हैं. छात्रों ने टेलीग्राम समेत और सोशल मीडिया वेबसाइट्स पर बताया कि ये पेपर दूसरी सिटिंग की परीक्षा से पहले ही उनके पास आ गया था. इसी मसले पर कई वीडियो भी आए, हैशटैग्स चलने लगे #UPP, #UPP_Paper_Leak. इससे छात्रों के बीच एक कन्फ़्यूज़न और निराशा के बीच की स्थिति पसर गई.

इस मामले में यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड ने पोस्ट किया कि कुछ अराजक तत्व सोशल मीडिया पर पेपर लीक से संबंधित भ्रम फैला रहे हैं. पुलिस इनकी जांच कर रही है.

न्यूज़ एजेंसी PTI से जानकारी आई है कि पुलिस ने 244 लोगों को अनुचित तरीक़ों का इस्तेमाल करने या किसी ऐसी गतिविधि में शामिल होने के आरोप में हिरासत में लिया है. उत्तर प्रदेश पुलिस के मुताबिक़, ज़िलों की पुलिस और स्पेशल टास्क फ़ोर्स की टुकड़ियों ने ये सारी गिरफ़्तारियां और नज़रबंदी की हैं. 15 फरवरी से 18 फ़रवरी के बीच. सूबे के पुलिस प्रमुख प्रशांत कुमार ने PTI को बताया,

"गिरफ़्तार या हिरासत में लिए गए आरोपियों के ख़िलाफ़ FIR दर्ज कर उनसे पूछताछ की जा रही है. अनुचित साधन अपनाने वाले लोगों और गिरोहों को पकड़ा जाएगा और उनके ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाएगी. ये आरोपी परीक्षा की पवित्रता को भंग करने की अपनी नापाक योजना को अंजाम दे पाते, इससे पहले ही पुलिस ने इन्हें पकड़ लिया."

पेपर लीक के बाद या तो सेंटर कैंसिल कर दिया जाता है या पूरा पेपर ही. ये देखते हुए कि कितने लोगों तक लीक्ड पेपर पहुंचा था. इस मामले में अभी तो बोर्ड कह रहा है कि पेपर लीक की ख़बरें फ़र्ज़ी हैं. मगर पेपर लीक की इतनी घटनाएं हैं, हर राज्य में इतने प्रकरण हैं कि छात्रों के लिए मानना मुश्किल है. बाक़ी जैसा जांच में आएगा, दी लल्लनटॉप आप तक पहुंचा देगा.

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