उन्नाव रेप केस के दोषी कुलदीप सिंह सेंगर को क्या राहत मिल गई?
सबूतों के अभाव की वजह से मिल गया फायदा.
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सबूतों के अभाव की वजह से सुनाया गया फैसला
कुलदीप सिंह सेंगर. पूर्व बीजेपी विधायक. उन्नाव रेप के दोषी हैं. उम्रकैद की सज़ा भी काट रहे हैं. हालांकि इसी घटना से जुड़े एक मामले में उन्हें मामूली राहत मिली है. मामूली इसलिए कहा क्योंकि इससे कुलदीप सिंह सेंगर की रेप की सजा में कोई कमी नहीं होने वाली. वो जेल में चक्की पीसते रहेंगे.
दरअसल दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर को पीड़िता के एक्सिडेंट के मामले में बरी कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि उसे सेंगर के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला, इसलिए उसे निर्दोष करार दिया जाता है.
क्या था एक्सिडेंट वाला पूरा मामला?
घटना जुलाई 2019 की है. उन्नाव रेप पीड़िता रायबरेली जा रही थी. रास्ते में एक ट्रक ने उसके वाहन को जोरदार टक्कर मार दी. उस वक्त लड़की के साथ उसकी दो मौसी और वकील मौजूद थे. घटना में पीड़िता की एक मौसी की मौत हो गई थी. जबकि वो खुद और उसका वकील गंभीर रूप से घायल हो गए थे.
एक्सिडेंट की घटना के बाद पीड़िता के चाचा ने कुलदीप सिंह सेंगर और उसके भाई समेत कई लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया था. बाद में मामले की जांच सीबीआई द्वारा की गई थी. जांच के बाद सीबीआई ने एक्सिडेंट को महज एक हादसा बताया था.
चूंकि पीड़िता के रेप का आरोपी उन्नाव का दबंग नेता और बीजेपी का (पूर्व) विधायक था, ऐसे में इस घटना को लेकर काफी हंगामा मचा. इसको लेकर बीजेपी की काफी किरकिरी भी हुई थी. लेकिन अब इस मामले में कुलदीप सिंह सेंगर को राहत मिल गई है.
रेप केस में काट रहे उम्रकैद
वहीं रेप वाले मामले की बात करें तो कोर्ट ने 16 दिसंबर, 2019 को कुलदीप सेंगर को आईपीसी की धारा 120बी (आपराधिक साजिश), 363 (अपहरण), 366 (शादी के लिए मजबूर करने के लिए एक महिला का अपहरण या उत्पीड़न), 376 (बलात्कार और अन्य संबंधित धाराओं) और POCSO के तहत दोषी ठहराया था. चार दिन बाद 20 दिसंबर 2019 को उसे आजीवान कारावास की सज़ा सुनाई गई और 25 लाख का जुर्माना लगाया गया.
चलते-चलते साफ कर दें कि कुलदीप सिंह सेंगर को सिर्फ दुर्घटना वाले मामले में बरी किया गया है. रेप वाले मामले में वो उम्रकैद काटेंगे.