'मेडल नहीं, तो कोयले की खदान में जाओ'
31 एथलीट्स को 5 गोल्ड मेडल के साथ कम से कम 17 मेडल लाने का टारगेट.
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फोटो - thelallantop
हारने के बाद खिलाड़ियों की सबसे बुरी गत उत्तर कोरिया में होती है. ऐसी रिपोर्टें हैं कि रियो ओलंपिक में उत्तर कोरिया के हारने वाले खिलाड़ियों को कोयले की खदानों में भेजा जाएगा. वो भी 1-2 साल के लिए. साथ ही इन खिलाड़ियों का राशन बंद कर दिया जाएगा. और खबरों की मानें तो खिलाड़ियों और उनके रिश्तेदारों को खराब घरों में रहने के लिए भेज दिया जाएगा.
उत्तर कोरिया में सब कुछ सरदार किम-जोंग-उन के तले आता है. खाना, पीना, रहना सब कुछ. 2010 फुटबॉल वर्ल्ड कप में उत्तर कोरियाई टीम पुर्तगाल से 7-0 से हार गई थी. घरवापसी पर किम-जोंग-उन ने टीम के खिलाड़ियों और कोचों को पुनर्शिक्षण केंद्र भेज दिया था. इन केंद्रों में पुनर्शिक्षण का मतलब कोयले की खदानों में काम भी था. उस दौरान कोच-खिलाड़ी ठंडे मौसम में कई बार बाहर रहते थे.
उत्तर कोरिया के 31 एथलीट रियो गए थे. उनमें से 7 ने मेडल जीते. कुल मिलाकर उत्तर कोरिया के खाते में आए 2 गोल्ड, 2 सिल्वर और 3 ब्रॉज मेडल. तानाशाह किम-जोंग-उन चाहता था कि रियो ओलंपिक में लंदन ओलंपिक से ज्यादा गोल्ड मेडल आएं. उसने एथलीट्स को 5 गोल्ड मेडल के साथ 17 मेडल लाने को कहा था. लंदन में उत्तर कोरिया के खाते में केवल 6 मेडल थे. 4 गोल्ड और 2 सिल्वर. देखा जाए तो जोंग की चाहत उत्तर कोरिया के एथलीट्स ने पूरी की जरूर है. पूरे 1 मेडल का इजाफा हुआ है पिछली बार से.

मेडल न लाने वाले जाएंगे कोयले के खदान में
सूत्रों के मुताबिक जीतने वाले एथलीट्स का झक्कास वेलकम होगा. साथ ही उन्हें बढ़िया घर, गाड़ी और गिफ्ट्स मिलेंगे. और हारने वालों को बेकार पड़े घरों में भेजा जा सकता है. साथ ही उनके राशन में कटौती करने के साथ ही उन्हें काम करने के लिए कोयले की खदानों में भी भेजा जा सकता है. पदक न लाने वाले 24 खिलाड़ी हैं. जोंग और भी ज्यादा खौराया हुआ इसलिए है क्योंकि दक्षिण कोरिया के खाते में 9 गोल्ड मेडल के साथ कुल 21 मेडल हैं. पदक लाने वालों में भी जिम्नास्ट होंग-उन-जोंग को जोंग की सजा झेलनी पड़ सकती है. क्योंकि उसने एक दक्षिण कोरियाई खिलाड़ी के साथ सेल्फी ली थी. और आप तो जानते ही हैं दक्षिण और उत्तर कोरिया में कितना याराना है.