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टीचर ने पढ़े-लिखे लोगों को वोट देने की बात की, Unacademy ने नौकरी से निकाला, पूरा मामला क्या है?

सस्पेंड हुए टीचर करण सांगवान और Unacademy दोनों ने अपनी बात सामने रखी है, किसने क्या कहा?

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Viral video of Unacademy teacher Karan Sangwan
Unacademy के टीचर करण सांगवान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसके बाद उनके खिलाफ कार्रवाई हुई (फोटो: Unacademy इंस्टाग्राम/वायरल वीडियो स्क्रीनशॉट)
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मनीषा शर्मा
18 अगस्त 2023 (Updated: 18 अगस्त 2023, 12:44 PM IST) कॉमेंट्स
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एजुकेशनल कंपनी Unacademy ने अपने एक टीचर को सस्पेंड कर दिया है. टीचर का नाम करण सांगवान है. कुछ दिन पहले करण का पढ़ाते समय का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. जिसमें उन्होंने स्टूडेंट्स से आने वाले चुनावों में एक पढ़े-लिखे व्यक्ति को वोट देने की बात कही थी.

क्या है वीडियो में?

करण का वीडियो 13 अगस्त को X पर शेयर किया गया था. वीडियो में पढ़ाते हुए उन्होंने कहा, 

“मुझे भी ऐसा ही लग रहा था कि मैं रोऊं या हंसू, क्योंकि बहुत सारे बेयर एक्ट्स, बहुत सारे केसलोड्स, बहुत सारे नोट्स हमने भी बनाए थे. हर किसी के लिए बहुत मेहनत है, आप लोगों को भी काम मिल गया. लेकिन, एक चीज याद रखना अगली बार जब भी अपना वोट दो तो किसी पढ़े-लिखे इंसान को अपना वोट देना ताकि ये सब दोबारा जीवन में ना झेलना पड़े. ठीक है चलो, नेक्स्ट टाइम ध्यान रखिएगा. ऐसे इंसान को चुनें जो पढ़ा-लिखा हो. जो समझ सके चीजों को, ऐसे इंसान को न चुने जिन्हें सिर्फ बदलना आता हो, नाम चेंज करना आता हो. तो अपना फैसला सोच-समझकर लें."

वीडियो वायरल होने के बाद कई लोगों ने इस वीडियो में कही गई बातों पर आपत्ति जताई. उन्होंने कॉमेंट्स कर करण को सस्पेंड करने की बात कही. इसके बाद 17 अगस्त को X यूजर शांतनु ने एक पोस्ट शेयर किया. जिसमें लिखा था, 

“Unacademy ने एक फैकल्टी को पद छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया क्योंकि उन्होंने स्टूडेंट्स से एक पढ़े-लिखे नेता को वोट देने के लिए कहा था. नरेंद्र मोदी के शासन में भारत में चीजें कितनी अजीब हो सकती हैं.”

करण ने क्या कहा? फिर Unacademy का जवाब आया

दी लल्लनटॉप ने करण सांगवान से 17 अगस्त को बात की. उन्होंने इस बात की पुष्टि की है कि उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया है. उनके टर्मिनेशन लेटर में नौकरी से निकालने की वजह वायरल वीडियो और उसपर आए ट्वीट्स को बताया गया है.

इस मामले में Unacademy की तरफ़ से भी ऑफिशियल बयान सामने आया है.

Unacademy के सह संस्थापक रोमन सैनी ने लिखा, 

“हम एक एजुकेशन प्लेटफॉर्म हैं जो क्वालिटी एजुकेशन देने के लिए प्रतिबद्ध है. और ऐसा करने के लिए हमने अपने सभी टीचर्स के लिए एक सख्त कोड ऑफ़ कंडक्ट लागू किया है, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हमारे स्टूडेंट्स को बिना किसी पूर्वाग्रह के जानकारी (नॉलेज) मिले. हम जो कुछ भी करते हैं उसके केंद्र में हमारे स्टूडेंट्स होते हैं. क्लास रूम व्यक्तिगत राय और विचार शेयर करने की जगह नहीं है क्योंकि वे स्टूडेंट्स को गलत तरीके से प्रभावित कर सकते हैं. वर्तमान स्थिति में हमें करण सांगवान से हटाने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि उन्होंने संस्था के तय कोड ऑफ़ कंडक्ट का उल्लंघन किया."

राजनीति शुरू!

इस मामले में अब राजनीति ने भी तूल पकड़ लिया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने X पर लिखा,

“क्या पढ़े लिखे लोगों को वोट देने की अपील करना अपराध है? यदि कोई अनपढ़ है, व्यक्तिगत तौर पर मैं उसका सम्मान करता हूं, लेकिन जनप्रतिनिधि अनपढ़ नहीं हो सकते. ये साइंस और टेक्नोलॉजी का ज़माना है. 21वीं सदी के आधुनिक भारत का निर्माण अनपढ़ जनप्रतिनिधि कभी नहीं कर सकते.”

इस पूरे मामले पर सबसे ताज़ा अपडेट ये है कि करण सांगवान ने 17 अगस्त को रात 9 बजे के आसपास अपने यू ट्यूब चैनल लीगल पाठशाला पर 1 मिनट 7 सेकेंड का वीडियो शेयर करते हुए कहा है कि 19 अगस्त को वो इस विवाद और Unacademy से निकाले जाने के पीछे की पूरी कहानी बताएंगे.

वीडियो: खर्चा पानी: अनअकेडमी ने फिर 350 लोगों को निकाल दिया

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