जुलाई में पड़ी भयंकर गर्मी पर आया UN चीफ का बयान, जो कहा वो परेशान कर देगा!
गुटेरेस ने कहा कि दुनिया के बढ़ते तापमान को अभी भी 1.5 डिग्री सेल्सियस पर रोका जा सकता है. जलवायु परिवर्तन के खतरनाक प्रभावों से बचना अभी भी संभव है. लेकिन उसके लिए तुरंत तेज़ी से इस दिशा में काम करना होगा.

"ग्लोबल वॉर्मिंग का युग खत्म हो गया है. और ग्लोबल बॉयलिंग (उबाल) का युग आ गया है. मानवता के इतिहास का ये सबसे गर्म समय है. उत्तरी अमेरिका, एशिया, अफ्रीका और यूरोप के बड़े हिस्से इस समय भयंकर गर्मी से जूझ रहे हैं. पूरी दुनिया के लिए ये मुसीबत का समय है."
ये कहना है संयुक्त राष्ट्र (UN) के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस का. उन्होंने कहा कि सभी वैज्ञानिक इस पर एकमत हैं कि इन हालात के लिए इंसान ही ज़िम्मेदार हैं. गुटेरेस का ये बयान 28 जुलाई को की गई वैज्ञानिकों की एक घोषणा के बाद आया. इसमें उन्होंने बताया था कि जुलाई के पिछले तीन हफ्ते दुनिया में अभी तक के सबसे गर्म हफ्ते रहे हैं. इसके चलते जुलाई दुनिया का सबसे गर्म महीना होने की राह पर है.
'आ गया है जलवायु परिवर्तन'द गार्जियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक गुटेरेस ने कहा,
"दुनिया में जलवायु परिवर्तन आ गया है. ये डराने वाला है. और अभी तो ये केवल शुरूआत है. बार-बार दी गई चेतावनियों और भविष्यवाणियों के बावजूद ये स्थिति है. बस अब ये देखना है कि जलवायु परिवर्तन कितनी तेज़ी से होगा?"
UN के महासचिव ने दुनियाभर के नेताओं से तुरंत कार्रवाई करने का निवेदन किया. उन्होंने आगे कहा,
देर नहीं हुई है, लेकिन…"हवा सांस लेने लायक नहीं बची है. गर्मी सहन करने से बहुत ज़्यादा है. फॉसिल फ्यूल से मुनाफा कमाना और जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए कुछ भी नहीं करना, इन्हें स्वीकार नहीं किया जा सकता. नेताओं को आगे आना चाहिए. अब कोई झिझक या बहाना नहीं चल सकता. दूसरों के कुछ करने का इंतज़ार नहीं कर सकते. उसके लिए समय खत्म हो गया है."
गुटेरेस ने कहा कि दुनिया के बढ़ते तापमान को अभी भी 1.5 डिग्री सेल्सियस पर रोका जा सकता है. जलवायु परिवर्तन के खतरनाक प्रभावों से बचना अभी भी संभव है. लेकिन उसके लिए तुरंत तेज़ी से इस दिशा में काम करना होगा.
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने बताया कि इस महीने तापमान ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. यूरोपीय संघ के कॉपरनिकस अर्थ ऑबज़र्वेशन प्रोग्राम ने भी ऐसा ही कहा है. दोनों संस्थाओं का कहना है कि, फॉसिल फ्यूल जलाने और खतरनाक मौसम के कारण ऐसा हो रहा है.
वीडियो: दुनियादारी: PM मोदी ने ग्लोबल वॉर्मिंग से निपटने को लेकर क्या प्लान बताया?