3 जून 2016 (Updated: 3 जून 2016, 05:59 AM IST) कॉमेंट्स
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अमेरिका में एक यूनिवर्सिटी है, यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया लॉस एंजेल्स (UCLA). जहां एक प्रोफेसर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हत्या करने वाले लड़के की पहचान हो गई है. ये भारतीय-अमेरिकी मैनक सरकार था. ये लड़का वहां रिसर्च कर रहा था. पिछले बुधवार, इसने UCLA के प्रॉफेसर विलियम क्लग की गोली मारकर हत्या कर दी थी. जिसके बाद उसने खुद को भी गोली मार ली थी. ये लड़का दिमागी परेशानी से गुजर रहा था.
38 साल का मैनक सरकार आईआईटी खड़गपुर का छात्र रह चुका है. मैनक ने प्रोफेसर क्लग पर उसका रिसर्च चुराकर, किसी और स्टूडेंट को देने का आरोप लगाया था. पुलिस ने कहा है कि मैनक सरकार क्लग के रिसर्च ग्रुप में शामिल था. और मिनेसोटा से गाड़ी चलाकर लॉस एंजिलिस उन्हें मारने के लिए आया था.
यूसीएलए आने से पहले मैनक ने स्टेनफर्ड यूनिवर्सिटी से पोस्टग्रेजुशन किया था. पुलिस वालों का मानना है, मैनक मानसिक रूप से बीमार था. मैनक के पास एक सूची मिली है. जिसमें उसने उन लोगों के नाम लिख रखे हैं, जिन्हें वो मारना चाहता था. इस सूची के नामों में से एक, मिनेसोटा में रहने वाली औरत का शव भी पुलिस बरामद कर चुकी है. इस सूची में यूसीएलए के एक दूसरे प्रोफेसर का नाम भी था, हालांकि वो सुरक्षित हैं.
पुलिस को घटनास्थल से एक बंदूक और एक सुसाइड नोट भी मिला है. मैनक सरकार के मार्च में लिखे एक ब्लॉग में उसने कहा था कि उसके और यूसीएलए के प्रोफेसर बिल क्लग के बीच निजी मतभेद हैं.
लॉस एंजलिस टाइम्स अखबार के मुताबिक मैनक कंप्यूटराइज वर्चुअल हार्ट बनाने की कोशिश कर रहा था. मैनक ने पिछले कुछ महीनों से क्लग के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभियान भी चला रखा था. ब्लॉग में प्रोफेसर क्लग पर आरोप है, 'उन्होंने मुझे बहुत परेशान कर दिया है.' ब्लॉग के अंत में लिखा है, 'दुश्मन तो दुश्मन होता है. लेकिन आपका दोस्त ज्यादा नुकसान करता है. किसका भरोसा करना है इस पर सतर्क रहना चाहिए.'
लॉस एंजलिस के पुलिस अध्यक्ष चार्ली बेक ने बताया कि UCLA गोलीबारी के पीछे मैनक का ये शक था कि क्लग ने उसका रिसर्च चुरा लिया है. बेक के मुताबिक, यूसीएलए ने कहा कि ये सब मैनक की झूठी कल्पना थी.
यूसीएलए में लगभग 43 हजार छात्र पढ़ते हैं. इस घटना के बाद यूनिवर्सिटी को एक दिन के लिए बंद कर दिया गया था.