1 अगस्त 2016 (Updated: 1 अगस्त 2016, 10:37 AM IST) कॉमेंट्स
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गुड़गांव बेस्ड कंपनी के दो मैकेनिकल इंजीनियर. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में पिछले पांच साल से पोस्टेड. ये करेंसी वेरिफिकेशन मशीन CVPS के सहारे 24 लाख रुपए पार कर रहे थे. गार्ड ने चेकिंग करा ली. बस धरा गए. फिलहाल ससुराल अर्थात हवालात में सेवा करा रहे हैं.
अब सुनो पूरा किस्सा, विस्तार से. RBI के डिप्टी जनरल मैनेजर एके मुद्गल ने कंप्लेन लिखाई. 38 साल के सिया शरण त्रिपाठी और 26 साल के अमित शर्मा के खिलाफ. पुलिस को बताया कि पांच साल पहले ये CVPS मशीन लगी थी यहां. काम तेज और आसान करने के लिए. एक घंटे में 50 से 60 हजार नोट्स का वेरिफिकेशन करके डेटा स्टोर करती है. इस मशीन के लगने के साथ ही इन दोनों की पोस्टिंग यहां हो गई. मेंटेनेन्स के लिए.
कुछ दिन पहले मशीन में गड़बड़ हो गई. डेटा कार्ड रीड करना बंद कर दिया. इन लोगों को उसे सही करना था. तो इन्होंने बिना किसी को बताए कार्ड बदल दिया. और मशीन में छिपा दिए 23.99 लाख रुपए. उसके बाद बीते सनीचर को रुपए निकाले. बैग में सजाया और निकल रहे थे. सिक्योरिटी वाले ने कहा रुको, चेकिंग कराओ. वो पहले तो अकबक किए, फिर स्कैनिंग मशीन में बैग डाल दिए. बस कांड हो गया. अरेस्ट होकर 14 दिन के लिए तिहाड़ चले गए हैं.