The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • Twitter war between Congress l...

'तुम निक्कर में घूमते थे तब से मैं कांग्रेस में', 'अग्निपथ' पर ट्विटर पर भिड़े दो कांग्रेसी सांसद

कांग्रेस सांसद सप्तगिरी शंकर उल्का ने ऐसा क्या कहा जो मनीष तिवारी ने उन्हें 'निक्कर' वाले दिन याद दिला दिए

Advertisement
Manish Tewari and Saptagiri Ulaka
मनीष तिवारी और सप्तगिरी उल्का (फाइल फोटो)
pic
सुरभि गुप्ता
17 जून 2022 (Updated: 17 जून 2022, 06:07 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

कांग्रेस नेता और सांसद मनीष तिवारी (Manish Tewari) पर उनकी ही पार्टी के एक सांसद सप्तगिरी शंकर उल्का ने निशाना साधा है. सप्तगिरी उल्का (Saptagiri Ulaka) ने कहा है कि 'अग्निपथ' योजना पर मनीष तिवारी और कांग्रेस पार्टी का रुख अलग-अलग है. उनके मुताबिक 'अग्निपथ' योजना के संदर्भ में 'कांग्रेस के मनीष तिवारी' कहने की बजाए सिर्फ 'मनीष तिवारी' कहना काफी होगा.

बता दें कि 'अग्निपथ' योजना (Agnipath Scheme) को मनीष तिवारी ने मोदी सरकार का सही दिशा में उठाया गया कदम बताया था. 

मनीष तिवारी और सप्तगिरी उल्का के बीच ट्विटर वॉर

'अग्निपथ' योजना के समर्थन में मनीष तिवारी के बयान को लेकर इंडिया टुडे के एक ट्वीट पर जवाब देते हुए सप्तगिरी उल्का ने ट्वीट किया, 

नीचे दिए गए (इंडिया टुडे के) ट्वीट में कांग्रेस के मनीष तिवारी की बजाय सिर्फ मनीष तिवारी लिखना इस संदर्भ में पर्याप्त होगा. स्पष्ट है कि अग्निपथ योजना पर हमारा (मनीष तिवारी और कांग्रेस का) रुख अलग है और (कांग्रेस का रुख) जिम्मेदार लोगों द्वारा पहले ही जाहिर किया जा चुका है.

उल्का के इस ट्वीट पर मनीष तिवारी ने उन्हें जवाब दिया,  

प्रिय सप्तगिरी उल्का जी, आप लोकसभा में अहम सहयोगी हैं. हालांकि, क्या मैं सम्मानपूर्वक यह बता सकता हूं कि मेरे प्रिय मित्र जब आप अपने निक्कर में इधर-उधर भाग रहे होंगे, तब मैं सक्रिय रूप से कांग्रेस के लिए काम कर रहा था. मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि कृपया इन तुच्छ ट्वीट्स से दूर रहें.

‘अग्निपथ’ पर मनीष तिवारी का रुख कांग्रेस से अलग

सेना में भर्ती के लिए केंद्र सरकार द्वारा लाई गई 'अग्निपथ' योजना का कई राज्यों में विरोध हो रहा है. विपक्षी दलों ने भी इसे लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. इस बीच कांग्रेस नेता और सांसद मनीष तिवारी ने कहा है कि उन्हें प्रदर्शनकारियों से सहानुभूति है, लेकिन सशस्त्र बलों को रोजगार गारंटी कार्यक्रम के रूप में नहीं देखा जा सकता है.

उन्होंने ट्वीट किया था,

मैं अग्निपथ प्रक्रिया को लेकर चिंतित युवाओं के प्रति समानुभूति रखता हूं. वास्तविकता यह है कि भारत को अत्याधुनिक हथियारों से लैस प्रौद्योगिकी के लिए युवा सशस्त्र बल की आवश्यकता है. सशस्त्र बलों को रोजगार गारंटी कार्यक्रम नहीं बनाया जा सकता है.

मनीष तिवारी ने इसी मामले को लेकर एक इंटरव्यू में इंडिया टुडे से कहा,

“हमें ये समझने की जरूरत है कि पिछले एक या डेढ़ दशकों से युद्ध के तरीके बिल्कुल बदल गए हैं. सशस्त्र बल रोजगार गारंटी योजना नहीं हैं. ज्यादातर सशस्त्र बलों में अब काफी परिवर्तन आ गया है, जहां जमीन पर लड़ने के लिए सैनिकों की कमी आई है. और तकनीक और नए तरह के हथियारों में काफी बढ़ोतरी हुई है. अगर ऐसी स्थिति में देश को युवा सशस्त्र बल की जरूरत है, तो आपको नई जरूरतों के हिसाब से बदलाव लाना होगा.”

मनीष तिवारी ने आगे कहा,

इसलिए सरकार जो ये नई योजना लेकर आई है, इसे देखने की जरूरत है कि धरातल पर इसका कैसा रिजल्ट निकल कर आता है. अगर इसमें कोई समस्या आती है, तो उसका समाधान निकाला जा सकता है. सरकार को स्पष्टीकरण देने की जरूरत है कि 4.5 साल के बाद कैसे नियुक्ति की अगली स्टेज को लागू किया जाएगा. क्योंकि ये जायज सी बात है कि युवाओं को अपने भविष्य की चिंता जरूर होगी.

मनीष तिवारी का ये बयान उनकी पार्टी के रुख के विपरीत है. कांग्रेस ने इस योजना को स्थगित करने की मांग की है. कांग्रेस का कहना है कि संबंधित स्टेकहोल्डर्स और विशेषज्ञों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श के बाद ही अगला कदम उठाया जाना चाहिए.

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement