कहानी देखी थी? अब कहोगे कि कहानी तो सुनी जाती है. लेकिन ये वाली कहानी फ़िल्म है. विद्या बालन वाली. कलकत्ता की कहानी थी. उसमें नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी भी थे. हमको एकदम वही फ़िल्म याद आ गयी. भगवान कसम. हम देख रहे थे तीन का ट्रेलर. अभी अभी आया है. एकदम कहानी जैसा लग रहा है. वही कलकत्ता, वही टैक्सियां, वही सड़कें, वही बिद्या...आई मीन विद्या बालन, वही नवाज़ुद्दीन, वही थ्रिलर, वही सस्पेंस, वही किसी का खो जाना और वही उस खोये हुए को ढूंढना.
बस इसमें अमिताभ बच्चन हैं. स्कूटर पर घूमते हुए. अपनी खोई हुई पोती को ढूंढ रहे हैं. या उनको चुराने वालों को. पूरे कलकत्ता में. नवाज़ुद्दीन इस फ़िल्म में एक पादरी हैं जबकि बिद्या...आई मीन विद्या बालन पुलिस वाली बनी हुई हैं.
कहानी मालूम चल ही चुकी है. अमिताभ बच्चन की एक पोती थी जिसे कई बरस पहले किसी ने उनसे दूर कर दिया था. किडनैप हुई थी शायद. आठ बरसों से अमिताभ उसे ढूंढ रहे हैं. अब एक और बच्ची किडनैप हुई है. अमिताभ इसी के पीछे लग लिए हैं. अपनी पोती के किडनैपर को पकड़ेंगे या नहीं, मालूम चलेगा फ़िल्म देखने पर. अभी तो ट्रेलर देखो.
और हां, हमको तो बहुत सही लगा है. आपको कैसा लगा, बताना.
https://www.youtube.com/watch?v=SeBCB5ERnps