नेपाली बनकर बीजेपी को कोसा, फिर इस ट्विटर हैंडल का फर्जीवाड़ा पकड़ा गया!
कभी नेपाली, कभी पंजाबी, कभी कन्नड़, कभी यूक्रेनियन और कभी कुछ का कुछ!

"मैं 20 साल से दिल्ली में रह रही नेपाली मूल की व्यक्ति हूं. पिछले 8 साल में, हमारे खिलाफ सार्वजनिक अपमान और नस्लवाद बढ़ा है. मैंने 2014 और 19 में बीजेपी को वोट दिया था, लेकिन हमारे खिलाफ इस क्रूर नस्लवाद ने मुझे एहसास कराया कि हमारे पास कांग्रेस सबसे अच्छा विकल्प थी. माफ करना, मैंने आपको निराश किया."
ये ट्वीट किया नूर नाम की ट्विटर यूजर ने. हैंडल का नाम @dracarys_08. 4 मई को. मतलब अभी खबर लिखे जाने तक नाम और हैंडल यही है. आगे आने वाला सच पकड़ा जाए तो शायद बदल जाए.
अब ये जो ट्वीट है ऊपर कितना गंभीर लगता है? पढ़ने से लगता है कि बेहद गंभीर मसला है कि कोई इतने साल से नस्लवाद और अपमान झेलने को मजबूर है.
नूर की प्रोफ़ाइल
अब सुबह-सुबह इस ट्वीट का स्क्रीनशॉट हमारे न्यूज ग्रुप में आया. लाइक और रीट्वीट की संख्या देखकर टेंशन थी. भेजने वाले को लगा कि लिखने वाले को दिक्कत है. इस नेपाली लड़की के ट्वीट को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
ट्वीट का स्क्रीनशॉट
लेकिन थोड़ी ही देर में ग्रुप पर इन्हीं मोहतरमा के एक दूसरे ट्वीट का स्क्रीनशॉट आ गया. इसमें इन्होंने खुद को कन्नडिगा (Kannadiga) बताया. आपको बता दें कि कन्नड़ बोलने वाले समूह को कन्नडिगास बोलते हैं. 27 अप्रैल को उन्होंने रिप्लाई किया किच्चा सुदीप को. वही हिन्दी वाला मसला. अपने इस ट्वीट में ये हिंदी भाषी राज्यों में गैर हिंदी भाषियों की पीड़ा व्यक्त करते हुए लिखती हैं,
"मैं कन्नडिगा हूं. यहां हिंदी राज्यों के लोग कमाने आते हैं. हम कभी भी अपनी भाषा या संस्कृति उन पर नहीं थोपते. हम उनकी भाषा का सम्मान करते हैं. लेकिन हिंदी राज्यों के ये लोग हमसे उनकी भाषा बोलने की उम्मीद करते हैं. वे हमारी भाषा या संस्कृति का सम्मान नहीं करते हैं."
ट्वीट का स्क्रीनशॉट
तो मई में ये नेपाली मूल की हैं, अप्रैल में कन्नड़ बोलने वाले मूल की हैं.
लेकिन सिर्फ नेपाल और कर्नाटक से नहीं, पंजाब से भी इनका नाता है. 29 अप्रैल को किए गए एक ट्वीट में कहा,
"बड़े होने के 23 साल में, मैंने पंजाब में इतना तनावपूर्ण माहौल कभी महसूस नहीं किया. AAP राज्य में फिर से खालिस्तानी भावनाओं को पनपने दे रही है. कार्यभार संभालने के लगभग 2 महीनों में, AAP ने हमारे शांतिपूर्ण राज्य में लोगों को विभाजित करने का असली चेहरा दिखाया है. अफसोस ! अफसोस !"
ट्वीट का स्क्रीनशॉट
इतना ही नहीं 8 मार्च को किए गए ट्वीट में इन्होंने खुद को यूक्रेन का बता दिया और कहा कि ये यूक्रेन में फंसी हैं. इस तरह इनके ट्वीट्स का इतिहास खंगालने से पता चला कि इनका तो हर जगह से नाता है.
ट्वीट का स्क्रीनशॉट
7 मार्च को किए गए ट्वीट में खुद को यूक्रेन का बताते हुए लिखा कि वो मॉस्को (रूस की राजधानी) में फंसी हैं.
इतना तो साफ है कि ये अकाउंट फेक है. लेकिन इस पर बाकी यूजर्स के रिप्लाई मिल-जुले हैं. किसी ने इन्हें सीरयसली लिया है, तो जिन लोगों ने सच्चाई जान ली है, उन्होंने मौज ली है. एक यूजर ने लिखा,
"पहले डिसाइड कर लो, कहां से हो."
pehle decide karlo kahan se hohttps://t.co/bgoJnXvJbB
— मां-ई-हवा (@Akashdeep19961) May 4, 2022
चेरीपिकल नाम के एक यूजर ने बोला,
"आपके वायरल ट्वीट के बाद ये आप हैं"
this is you after your viral tweets 😁 pic.twitter.com/Ercx2Fxsa9 — Cherrypickle (@Cherrypickle5) May 4, 2022
अब न्यूज़रूम में चल रहा है बवाल. आधे लोग कह रहे हैं कि फेक अकाउंट है, आधे लोग कह रहे हैं कि कोई ऐसे ही बैठे-बैठे मौज ले रहा है. और एक और बंदा है. न्यूज़ वाला. कह रहा है कि अपने को ऐसाइच लाइफ चाइए. कर्नाटक और काठमांडू के बीच वाली.
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