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किसान सालों तक अजनबियों के मेडिकल बिल भरता रहा, कहानी दिल को छू लेगी

किसान की मौत हुई तब शहर वालों को पता चला कि दवाओं के पैसे कौन चुका रहा था

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Farmer used to pay for medical bills of strangers for years died recently
होडी अपनी पत्नी के साथ (फोटो- ट्विटर)
27 जनवरी 2023 (Updated: 27 जनवरी 2023, 22:35 IST)
Updated: 27 जनवरी 2023 22:35 IST
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स्कूल में एक सब्जेक्ट पढ़ाया जाता था. मॉरल साइंस. इसमें हमको ये सिखाया जाता है कि नेक काम करने चाहिए. लोगों की मदद करनी चाहिए. वो भी बिना किसी स्वार्थ के. यानी ऐसे काम करने पर कुछ भी बदले में पा लेने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए. ऐसा ही नेक काम एक किसान ने अपनी मृत्यु तक जारी रखा.

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के अलबामा शहर के रहने वाले एक किसान ने ये काम किया. किसान अपने पड़ोसी की दवाओं के बिल का भुगतान करता रहा. और ये बात उसने पड़ोसी से गुप्त रखी. रिपोर्ट के मुताबिक किसान का नाम होडी चाइल्ड्रेस था. होडी ने 1 जनवरी के दिन इस दुनिया को अलविदा कह दिया. लेकिन, उनके इस नेक काम की शहर भर में चर्चा है.

दरअसल, होडी के पड़ोसी 15 वर्षीय एली श्लागेटर का एक डंक लगने से मुंह और गाल सूज गया था. एली के माता-पिता तुरंत डॉक्टर के पास गए. डॉक्टर ने एलर्जी ठीक करने वाली एपीपेन नाम की एक दवा लाने की बात कही. लेकिन एली के माता-पिता दवा का दाम सुनकर ये सोचने लगे की कैसे ये दवा ले पाएंगे. दवा का दाम लगभग 65 हजार रुपये था.

इसके कुछ दिन बाद इलाके के मेडिकल स्टोर गेराल्डिन ड्रग्स पर 8 हजार रुपये से भरा एक लिफाफा पहुंचा. रुपये से भरे लिफाफे के आने का सिलसिला 10 साल से ज्यादा चलता रहा. अलबामा के रहने वाले किसान होडी चाइल्ड्रेस द्वारा ये लिफाफे भेजे जा रहे थे. अमेरिकी वायुसेना में काम कर चुके होडी ने साल 2012 में पैसे भेजने का ये सिलसिला शुरू किया था. इससे वो अपने इलाके को लोगों को मेडिकल सपोर्ट देते थे. गुरुवार, 26 जनवरी को वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार गेराल्डिन ड्रग्स के मालिक ब्रुक वॉकर ने होडी चाइल्ड्रेस को याद करते हुए बताया,

“चाइल्ड्रेस ने मुझसे कहा था कि किसी को भी ये मत बताना कि पैसे कहां से आ रहे हैं. कोई पूछे तो कह देना कि ये भगवान का आशीर्वाद है.”

लोगों ने बनाया फंड

होडी चाइल्ड्रेस का 1 जनवरी के दिन 80 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. इससे पहले होडी ने अपनी बेटी को इस बात की जानकारी दी थी. होडी ने अपनी बेटी से कहा था कि वो मेडिकल स्टोर में पैसे भेजती रहे. ताकि इलाके के लोगों की सेवा जारी रहे.  

होडी की मौत के बाद इलाके के लोगों ने एक फंड भी बनाया है. इस फंड में होडी के चाहने वालों ने, घर के लोगों ने और दोस्तों ने पैसा डोनेट किया है. 

वीडियो: मास्टर क्लास: क्या है इच्छा मृत्यु के लिए नियम-कानून?

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