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केन्या के नागरिक रहे उर्जित बनेंगे RBI गवर्नर

पढ़िए नए गवर्नर के बारे में.

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ऋषभ
20 अगस्त 2016 (Updated: 20 अगस्त 2016, 03:10 PM IST) कॉमेंट्स
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रिजर्व बैंक को नया गवर्नर मिल गया है. उर्जित पटेल. डिप्टी गवर्नर थे उर्जित पटेल. रघुराम राजन के करीबी माने जाते हैं. शानदार आदमी हैं. रिजर्व बैंक में मॉनीटरी पॉलिसी का काम संभाला है इन्होंने. 4 सितम्बर को रघुराम राजन रिटायर होंगे. फिर उर्जित का काम शुरू हो जायेगा. आइये पढ़ते हैं उर्जित के बारे में: 28 अक्टूबर 1963 जो जन्म हुआ था उर्जित का. परिवार में पढ़ाई-लिखाई का माहौल था. London School of Economics से BA किया. ऑक्सफ़ोर्ड से M. Phil. येल यूनिवर्सिटी से PhD की. सब इकोनॉमिक्स से. बाद में IMF में काम किया. उस वक़्त जब इंडिया में क्राइसिस चल रहा था. 1991 वाला. IMF इंडिया डेस्क पर थे उर्जित. 2009 से उर्जित Brookings Institution में सीनियर फेलो हैं. ये संस्था अमेरिका की रिसर्च संस्था है. इकोनॉमिक्स, सोसाइटी पर बड़ा काम होता है यहां. दुनिया की गतिविधियों पर नज़र रखती है. नए रास्ते सुझाती है. आज के बदलते दौर में उर्जित का अनुभव काफी सही समय पर काम आएगा. RBI से उर्जित का पुराना नाता है. IMF में काम करते हुए RBI के साथ काम करने का मौका मिला था. फिर वो 1998-2001 के बीच Ministry of Finance में भारत सरकार के कंसलटेंट भी रहे. 2001 से 2004 तक भारत सरकार के कई डिपार्टमेंट में काम किया. कम्पटीशन कमीशन, कैबिनेट मंत्रियों के ग्रुप के साथ, प्राइम मिनिस्टर के बनाये ग्रुप के साथ. ये सभी ग्रुप टैक्स, इंफ्रास्ट्रक्चर, हवाई उड़ान सेवा में सुधार, बिजली में सुधार, पेंशन योजना आदि से जुड़े हुए थे. 11 जनवरी 2013 को उर्जित पटल को RBI में डिप्टी गवर्नर बनाया गया. तब से मॉनीटरी पॉलिसी का काम देख रहे हैं. इन्फ्लेशन को टारगेट करने का प्लान उर्जित पटेल कमिटी का ही था. इसके बाद से RBI अपनी पॉलिसी इन्फ्लेशन पर फोकस रखती है. रघुराम राजन के जाने के खबर के बाद मार्केट में थोड़ा प्रेशर आ गया था. सरकार उर्जित को चुन के सन्देश देना चाहती है कि पॉलिसी लेवल पर ज्यादा बदलाव नहीं होगा. उर्जित पटेल से जुड़ी तीन रोचक बातें:1.
  2009 में मनमोहन सरकार 100 Day Action Plan लायी थी. ये 2008 के मुंबई हमलों, नक्सली समस्या सबसे जुड़ा हुआ था. NSG कमांडो की यूनिट लगाने का प्रस्ताव इसी में था. उर्जित पटेल मीडिया में मनमोहन सरकार की तरफ से इस प्लान के बारे में बता रहे थे. उस वक़्त ये लगातार टीवी पर बने रहते थे. सबको डर था कि अंग्रेजी वातावरण में रहे उर्जित हिंदी चैनलों पर कैसे बहस करेंगे. पर 6 एपिसोड हुए और उर्जित ने सबका दिल जीत लिया. 2.
  एक और बात बड़ी रोचक है. जब उर्जित IMF में काम करने गए थे तब ये केन्या का नागरिक बन के गए थे. रघुराम राजन पर 'अमेरिकी' होने का इल्जाम लगाने वाले सुब्रमनियम स्वामी अब क्या कहेंगे? फिर एक 'बाहरी' गवर्नर बन गया RBI का. 3.
  इस नियुक्ति में भी एक मजेदार बात है. उर्जित पटेल को गवर्नर चुनने वाली कमिटी के हेड भारत सरकार के कैबिनेट सेक्रेटरी हैं. मजेदार बात ये है कि भारत सरकार की RBI गवर्नर से खींच-तान चलती रहती है. ये किसी क्लेश के चलते नहीं होता, बल्कि काम का ही नेचर ऐसा है. इस बात का जिक्र पूर्व RBI गवर्नर डॉक्टर सुब्बाराव ने अपनी किताब में किया है. सुब्बाराव पहले फाइनेंस मिनिस्ट्री में सेक्रेटरी थे. वित्त मंत्री चिदंबरम ने उनको RBI गवर्नर के लिए चुन लिया. पर बाद में बड़े पंगे हुए. गवर्नर की हैसियत से वो सरकार की कई बातें काट देते थे. पंगा इतना हुआ कि चिदंबरम बाद में सुब्बाराव को एक-दो जगह इग्नोर भी कर दिए थे.

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