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'सिंगम' के डायरेक्टर ने तमिलनाडु की घटना पर कहा- पुलिस को हीरो दिखाती पांच फ़िल्में बनाने का अफ़सोस

कौन सी पांच फ़िल्में हैं वो?

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तमिल 'सिंगम' बनाने वाले डायरेक्टर हरी. इसी फिल्म की हिंदी रीमेक 'सिंघम' बनी थी, 2011 में, इसमें अजय देवगन लीड रोल में थे. (फोटो- फेसबुक/@ravikyuvan/इंडिया टुडे)
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लालिमा
29 जून 2020 (Updated: 29 जून 2020, 07:47 AM IST) कॉमेंट्स
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डायरेक्टर हरी. तमिल सिनेमा के बड़े डायरेक्टर हैं. अभी खबरों में हैं. क्यों? क्योंकि उन्हें अपनी पांच फिल्मों पर अफसोस हो रहा है. दरअसल, हरी ने पुलिस को ग्लोरिफाई करती हुई पांच फिल्में बनाई थीं. लेकिन जयराज और जे बेनिक्स की पुलिस की कस्टडी में हुई मौत के बाद उन्हें इन फिल्मों पर अफसोस हो रहा है. 'दी न्यूज़ मिनट' के मुताबिक उन्होंने 28 जून को एक लेटर लिखा, उसमें कहा,

'सांताकुलम वाली घटना तमिलनाडु में अब किसी और के साथ नहीं होनी चाहिए. इसका एक ही रास्ता है कि इस घटना में शामिल सभी लोगों को ज्यादा से ज्यादा सज़ा दी जाए. पुलिस फोर्स में कुछ लोगों की हरकतों की वजह से पूरी की पूरी फोर्स का अपमान हुआ है. मुझे दुख हो रहा है कि मैंने पुलिस को गौरवान्वित करती हुई पांच फिल्में बनाईं.'

ये लेटर फिल्म संवाददाता राजासेकर ने ट्विटर पर पोस्ट किया.

कौन-सी पांच फिल्में हैं?

पांचों में सबसे पहली है 'साम्य'. 2003 में आई थी. सफल तमिल फिल्मों में आती है. 2018 में इसका सिक्वल यानी अगला पार्ट बना, 'साम्य स्क्वेयर' के नाम से.

इन दो फिल्मों के अलावा तमिल की 'सिंगम (Singam)' फिल्म और उसके सिक्वल भी हरी ने ही डायरेक्ट किए थे. 'सिंगम' 2010 में आई थी. हिट तमिल फिल्मों में शामिल है. इसी की हिंदी रीमेक डायरेक्टर रोहित शेट्टी ने बनाई थी, उसमें लीड रोल में अजय देवगन थे. फिल्म का नाम 'सिंघम' था. 2011 में आई थी.

तमिल 'सिंगम' के अगले पार्ट 'सिंगम-2' और 'सिंगम-3' 2013 और 2017 में आए थे. इन पांचों फिल्मों में हीरो पुलिसवाला होता है.

क्या हुआ था सांताकुलम में?

सांताकुलम तमिलनाडु के तूतिकोरिन के अंदर आने वाला एक टाउन है. 19 जून को तूतिकोरिन पुलिस ने सांताकुलम में पी जयराज (59) और उनके बेटे जे बेनिक्स (31) को गिरफ्तार किया था. दोनों को लॉकडाउन के उल्लंघन के आरोप लगे थे. इन पर आरोप था कि इन्होंने तय समय से ज़्यादा देरी तक मोबाइल एक्सेसरी की दुकान खुली रखी. पुलिस ने मैजिस्ट्रेट से इनकी रिमांड मांगी. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मैजिस्ट्रेट ने बिना आरोपियों को देखे ही रिमांड दे दी, जबकि नियमों के मुताबिक रिमांड पर भेजने से पहले मैजिस्ट्रेट आरोपियों को खुद देखते हैं कि कहीं उन्हें किसी तरह की चोट तो नहीं लगी है.

22 जून को बेनिक्स को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया. एक दिन बाद उसके पिता की भी मौत हो गई. आरोप है कि इन दोनों के साथ पुलिस स्टेशन में मारपीट हुई. घटना के विरोध में तूतीकोरिन में एक प्रदर्शन हुआ. प्रदर्शन में शामिल 50 लोगों को भी लॉकडाउन तोड़ने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. ट्विटर पर बाप-बेटे को न्याय दिलाने के लिए #JusticeForJeyarajAndFenix ट्रेंड करने लगा.


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