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सेंथिल बालाजी मंत्री बने रहेंगे, गवर्नर आरएन रवि ने अपना ही फैसला पलटा, इसके पीछे कौन?

आरएन रवि ने सेंथिल को कैबिनेट से हटा दिया था.

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 Senthil Balaji will remain as cabinet minister in Tamil Nadu, RN Ravi takes back decision
अटॉर्नी जनरल की सलाह पर गवर्नर आरएन रवि ने बदला फैसला (फ़ोटो/आजतक)
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मनीषा शर्मा
29 जून 2023 (Updated: 30 जून 2023, 08:17 AM IST) कॉमेंट्स
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तमिलनाडु के गवर्नर आरएन रवि ने सेंथिल बालाजी को कैबिनेट से हटाने के अपने फैसले को वापस ले लिया है. यानी बालाजी मंत्री पद पर बने रहेंगे. इंडिया टुडे ने राजभवन के सूत्रों के हवाले से बताया है कि गवर्नर के फैसले की खबर आने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मामले में हस्तक्षेप किया. गृह मंत्री अमित शाह की सलाह के बाद आरएन रवि ने स्टालिन सरकार को पत्र लिखकर फैसला पलटने की जानकारी दी. उन्होंने इस मामले में अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमनी से राय भी मांगी है. पत्र में गवर्नर ने सरकार को बताया है कि तब तक सेंथिल मंत्री पद पर बने रहेंगे. 

आजतक से जुड़े हिमांशु मिश्रा की रिपोर्ट के मुताबिक गृह मंत्री की सलाह के बाद राज्यपाल ने अटॉर्नी जनरल की क़ानूनी राय आने तक अपने फ़ैसले पर रोक लगाई है. इससे पहले गुरुवार शाम को ख़बर आई थी कि आरएन रवि ने सेंथिल को कैबिनेट से हटा दिया है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक एक बयान में राज्यपाल आरएन रवि ने ये कहते हुए बालाजी को कैबिनेट से हटा दिया था,

"मंत्री सेंथिल बालाजी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में कई केसों का सामना कर रहे हैं. इनमें नौकरी के बदले पैसा लेने और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे आरोप शामिल हैं. अपने पद का गलत इस्तेमाल करते हुए वे जांच को प्रभावित कर रहे हैं और कानून-न्याय व्यवस्था की प्रक्रिया में बाधा डाल रहे हैं. वर्तमान में वो एक आपराधिक मामले में न्यायिक हिरासत में हैं और प्रवर्तन निदेशालय इसकी जांच कर रहा है. भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के तहत उनके खिलाफ कुछ और आपराधिक मामलों की जांच राज्य पुलिस द्वारा की जा रही है."

आरएन रवि के इस फैसले पर सीएम एमके स्टालिन ने आपत्ति जताई थी. इंडिया टुडे के मुताबिक उन्होंने कहा कि गवर्नर के पास किसी मंत्री को इस तरह हटाने का अधिकार ही नहीं है. स्टालिन ने ये भी कहा था कि वे इस फैसले को कानूनी तरीके से चुनौती देंगे.

क्या गवर्नर सरकार से पूछे बिना मंत्री को हटा सकते हैं?

इंडिया टुडे से बात करते हुए इस सवाल पर पूर्व लोकसभा सचिव पीडीटी आचार्य ने बताया,

“संविधान के 164 (1) अनुच्छेद के अनुसार मुख्यमंत्री को राज्यपाल अपॉइंट करता है. बाकी मंत्रियों को मुख्यमंत्री की राय पर नियुक्त किया जाता है. राज्य के मंत्रियों को मुख्यमंत्री के सुझाव पर ही नियुक्त या हटाया जा सकता है. बालाजी इस मामले में हाईकोर्ट जा सकते हैं. ये फैसला संविधान के खिलाफ है.”

आरएन रवि के इस कदम को किसी गवर्नर द्वारा लिया गया दुर्लभ फैसला बताया जा रहा है. इस पर हंगामा शुरू हो चुका है. सत्तारूढ़ डीएमके के विधायक थोल. थिरुमावलवन ने ट्विटर पर लिखा कि राज्यपाल का ये फैसला मानसिक रूप से अस्थिर व्यक्ति जैसा लग रहा है.

वीडियो: तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी को ED ने किया अरेस्ट, रोते हुए फोटो वायरल, भड़का विपक्ष

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