चीन को जवाब देने की बात कर रहा था, ताइवान के बड़े मिसाइल वैज्ञानिक की लाश होटल में मिली!
मिसाइल वैज्ञानिक की मौत संदिग्ध हालात में हुई है.

ताइवान (Taiwan) के रक्षा मंत्रालय के रिसर्च और डेवलपमेंट यूनिट के डिप्टी हेड होटल के कमरे में मृत पाए गए हैं. ये खबर ऐसे वक्त आई है, जब ताइवान और चीन (China) के बीच तनाव काफी बढ़ गया है. अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 6 अगस्त की सुबह नेशनल चुंग-शान इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के डिप्टी हेड ओ यांग ली-सिंग (Ou Yang Li-hsing) दक्षिणी ताइवान के एक होटल रूम में मृत पाए गए. अधिकारियों ने कहा कि मौत के कारणों की जांच की जा रही है.
ली सिंग ताइवान के मिसाइल डेवलपमेंट टीम को लीड कर रहे थे. रिपोर्ट के मुताबिक सिंग दक्षिणी ताइवान के पिंगटुंग में एक बिजनेस ट्रिप पर थे. इस साल की शुरुआत में उन्हें कई मिसाइल प्रोडक्शन प्रोजेक्ट्स की देखरेख की जिम्मेदारी दी गई थी. फिलहाल उनकी मौत को लेकर और अधिक जानकारी नहीं मिली है.
मिसाइल प्रोडक्शन बढ़ा रहा ताइवानरॉयटर्स की रिपोर्ट बताती है चीन के सैन्य खतरों के बीच ताइवान अपनी मिसाइल उत्पादन क्षमता को लगातार बढ़ा रहा है. इस साल ताइवान ने अपने मिसाइल प्रोडक्शन को दोगुना कर 500 करने का टारगेट रखा है. इधर, हाल में अमेरिकी संसद की स्पीकर नैन्सी पेलोसी के ताइवान दौरे के बाद चीन ने उसके खिलाफ आक्रामक रुख अपना लिया है. ताइवान ने चीन पर हमले की कोशिश का भी आरोप लगाया है.
6 अगस्त को ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने ट्विटर पर बताया,
"ताइवान स्ट्रेट के आसपास चीनी सेना के कई विमान देखे गए हैं. कई विमान ताइवान सीमा को भी पार कर गए. संभावित हमले जैसी कोशिश की गई है. ऐसी स्थिति के जवाब में हमारे सशस्त्र बलों ने अलर्ट ब्रॉडकास्ट, एयरक्राफ्ट, पैट्रोलिंग जहाज और मिसाइलों को तैयार रखा है."
उधर, ताइवान के आसपास के क्षेत्रों में चीन का सैन्य अभ्यास जारी है. यह 7 अगस्त तक चलने वाला है. चीन ने इसकी घोषणा नैन्सी पेलोसी के ताइवान दौरे के दिन की थी. पेलोसी के दौरे को लेकर चीन ने काफी आक्रामक प्रतिक्रिया दी थी. कहा था कि इसके जवाब में 'टारगेटेड मिलिट्री कार्रवाई' करेगा.
ताइवान ने जताई नाराजगीवहीं ताइवान ने नैन्सी पेलोसी के दौरे का समर्थन किया था. ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वु ने बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में चीन की मिलिट्री कार्रवाई को लेकर नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि पेलोसी के दौरे का मुख्य मकसद इस द्वीप की तरफ अंतरराष्ट्रीय जगत का ध्यान खींचना था. उन्होंने कहा कि चीन लंबे समय से ताइवान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करना चाह रहा है, इसलिए नैन्सी पेलोसी के दौरे के बाद उसने आक्रामक रुख अपनाया है.
ताइवान चीन के दक्षिण-पूर्वी तट पर बसा एक स्वतंत्र देश है. लेकिन चीन इसे अपने ही एक प्रांत के रूप में देखता है. वो ताइवान की स्वायत्ता को नहीं मानता है. जबकि ताइवान का अपना संविधान है और चुनी हुई सरकार है. इसके बावजूद चीन लगातार उसे अपने नियंत्रण में लेने की कोशिश करता रहा है.
दुनियादारी: नैन्सी पेलोसी के ताइवान दौरे का जिनपिंग कैसे लेंगे बदला?