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हाई कोर्ट ने रद्द की थीं पश्चिम बंगाल में 24 हजार शिक्षक नियुक्तियां, SC ने रोक लगा दी

कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने के अलावा सुप्रीम कोर्ट ने CBI से कहा है कि वो पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले मामले में अपनी जांच जारी रखे. हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा है एजेंसी किसी भी अधिकारी या कैंडिडेट के खिलाफ दंडात्मक कदम नहीं उठाएगी.

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supreme court stays calcutta high court order decision cancelling recruitment of teachers
West Bengal Teachers Recruitment को लेकर विरोध प्रदर्शन. (फोटो: सोशल मीडिया)
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7 मई 2024 (Updated: 7 मई 2024, 22:40 IST)
Updated: 7 मई 2024 22:40 IST
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सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाई कोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी है, जिसके तहत पश्चिम बंगाल की हजारों शिक्षक और गैर-शैक्षणिक स्टाफ की नियुक्ति (West Bengal Teachers Recruitment) को रद्द कर दिया गया था. ये नियुक्तियां साल 2016 में वेस्ट बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन द्वारा की गई थीं. पश्चिम बंगाल सरकार ने 22 अप्रैल को कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.

कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने के अलावा सुप्रीम कोर्ट ने CBI से कहा है कि वो पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले मामले में अपनी जांच जारी रखे. हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा है कि एजेंसी किसी भी अधिकारी या कैंडिडेट के खिलाफ दंडात्मक कदम नहीं उठाएगी. सर्वोच्च अदालत ने कहा कि पूरी की पूरी नियुक्ति प्रक्रिया को रद्द करना ठीक नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पादरीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच 16 जुलाई को इस मामले की अगली सुनवाई करेगी. इससे पहले, पश्चिम बंगाल सरकार ने सर्वोच्च अदालत में कहा था कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने मनमाने तरीके से शिक्षकों की नियुक्ति को रद्द किया है.

ये भी पढ़ें- हाई कोर्ट ने एक बार में 36 हजार टीचर्स की नियुक्ति रद्द कर दी, ऐसा क्या हो गया?

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वैध और अवैध नियुक्तियों को अलग-अलग करने की जरूरत है. कोर्ट ने कहा कि यह कैसे किया जाएगा इसके तौर-तरीके पश्चिम बंगाल सरकार तय करे. इस दौरान कोर्ट ने यह भी साफ किया कि केवल उन ही कैंडिडेट्स को सैलरी रिफंड करनी होगी, जिनकी नियुक्ति अवैध पाई गई है. इससे पहले कलकत्ता हाई कोर्ट ने सभी 25,753 शिक्षकों और गैर-शैक्षणिक स्टाफ को 12 प्रतिशत के वार्षिक ब्याज के साथ सैलरी रिफंड करने का आदेश दिया था.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य में सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा कि सत्य की जीत हुई है. उन्होंने कहा कि सर्वोच्च अदालत ने BJP के एजेंडे की हवा निकाल दी है. बनर्जी ने कहा कि BJP राज्य सरकार को अस्थिर और पश्चिम बंगाल को बदनाम करना चाहती है. उन्होंने कहा कि हम अपनी आखिरी सांस तक लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं. इधर, कोर्ट के फैसले को लेकर अभी तक BJP की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: पश्चिम बंगाल में 24 हज़ार शिक्षकों की भर्ती में हुए खेल की पूरी कहानी

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