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Adani मामले में सील बंद लिफाफा लेकर पहुंची सरकार, सुप्रीम कोर्ट बोला- ऐसे नहीं चलेगा

लिफाफा देख सुप्रीम कोर्ट ने कहा- 'अब हम डिसाइड करेंगे, जांच कमेटी में कौन रहेगा'

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adani hindenburg supreme court news
सुप्रीम कोर्ट अब खुद एक जांच कमेटी बनाएगा | प्रतीकात्मक फोटो: आजतक
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अभय शर्मा
17 फ़रवरी 2023 (Updated: 17 फ़रवरी 2023, 06:41 PM IST) कॉमेंट्स
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सुप्रीम कोर्ट ने अडानी-हिंडनबर्ग मामले की जांच के लिए एक्सपर्ट्स के नाम सीलबंद लिफाफे में लेने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि कमेटी का गठन वो खुद करेगा. इंडिया टुडे से जुड़ीं अनीशा माथुर की रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट में अडानी-हिंडनबर्ग मामले को लेकर चार अलग-अलग याचिकाएं दायर हुई हैं. शुक्रवार, 17 फरवरी को चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने मामले की सुनवाई की.

सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के वकील सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि वो जांच कमेटी में शामिल होने वाले एक्सपर्ट के कुछ नाम सील बंद लिफाफे में लाए हैं. 

लाइव लॉ की खबर के मुताबिक इसपर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ बोले,

'हम आपकी ओर से सीलबंद लिफाफे में दिए जा रहे नामों को स्वीकार नहीं करेंगे. यदि हम आपके सुझावों को सीलबंद लिफाफे में लेते हैं, तो इसका सीधा मतलब है कि दूसरे पक्ष को पता नहीं चलेगा और लोग सोचेंगे कि ये कमेटी सरकार ने बनाई है. हम निवेशकों की सुरक्षा के लिए पूरी पारदर्शिता चाहते हैं. हम खुद एक कमेटी बनाएंगे, इससे कोर्ट-कचहरी पर विश्वास की भावना बनी रहेगी.'

इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज को इस जांच कमेटी का हिस्सा नहीं बनाया जाएगा. यानी सुप्रीम कोर्ट एक पूर्व जस्टिस की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन करेगा.

कोर्ट ने क्या सुझाव दिया था?

इससे पहले इस मामले पर 10 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी. तब कोर्ट ने अडानी-हिंडनबर्ग मामले को लेकर सरकार को एक सुझाव दिया था. कोर्ट ने पूछा था कि क्या सरकार इस मामले में एक जांच कमेटी बनाने का सुझाव स्वीकार करने को तैयार है? इसका नेतृत्व एक पूर्व जस्टिस करेंगे. कोर्ट ने आगे कहा कि अगर सरकार इसके लिए तैयार है, तो समिति के गठन पर अपने सुझाव पेश कर सकती है. सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि ये कमेटी ये भी देखेगी कि अडानी-हिंडनबर्ग मामले के बाद क्या स्टॉक मार्केट के रेगुलेटरी मैकेनिज्म में फेरबदल की जरूरत है या नहीं?

सुप्रीम कोर्ट के सुझाव पर 13 फरवरी को केंद्र सरकार ने कहा था कि वो केस की जांच एक्सपर्ट कमेटी से करवाने को तैयार है. उस समय सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कमेटी के सदस्यों के नाम सीलबंद लिफाफे में देने की बात कही थी. यही लिफाफा वो शुक्रवार को कोर्ट में लेकर पहुंचे. लेकिन, कोर्ट ने बोल दिया- 'ना'.

वीडियो: अडानी-हिंडनबर्ग विवाद पर कांग्रेस ने की JPC की मांग, जांच कमेटी का इतिहास ये है

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