2 अगस्त 2016 (Updated: 2 अगस्त 2016, 06:17 AM IST) कॉमेंट्स
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एक वकील को सुप्रीम कोर्ट में सोनिया गांधी का नाम लेना भारी पड़ गया. सुप्रीम कोर्ट ने वकील को खूब लताड़ लगाई, क्योंकि वकील ने सुनवाई के दौरान कह दिया, 'वकील साहब नहीं आ सकते, सोनिया गांधी का फोन आ गया था.'
यूपी में चीफ सेक्रेटरी रह चुकीं नीरा यादव नोएडा प्लॉट अलॉटमेंट में गड़बड़ी की दोषी हैं. करप्शन का आरोप साबित हो चुका है और कोर्ट ने उन्हें 4 साल की सजा सुनाई है. इसके खिलाफ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील डाली है. सोमवार को केस की सुनवाई थी. उनके वकील प्रकाश कुमार सिंह ने मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख मांगी. और इसके लिए जो दलील दी, वो बड़ी ही दिलचस्प थी. उन्होंने कहा, 'केस की पैरवी कर रहे दो सीनियर एडवोकेट मौजूद नहीं हैं. गोपाल सुब्रमण्यम की तबियत ठीक नहीं है. इसलिए वो नहीं आ सकते और दूसरे सीनियर वकील को सोनिया गांधी का फोन आ गया, इस वजह से उन्हें कोर्ट से जाना पड़ा.'
वकील की ये बात सुनने के अगले कुछ मिनट जस्टिस जेएस खेहर और जस्टिस अरुण मिश्रा ने आपस में बातचीत की. इसके बाद प्रकाश कुमार सिंह को खरी-खरी सुना दीं.
जस्टिस खेहर ने कहा, 'तुम क्या समझते हो कि सोनिया गांधी का नाम लेने से हम पर कोई असर होगा ? तुम हमें क्या बताना चाहते हो ? क्या तुम शो ऑफ करना चाहते हो या हमें प्रभाव में लेना चाहते हो ? ये बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.' उन्होंने कहा कि ये पूरी तरह अनुचित और गलत है. कोर्ट को इस केस में सोनिया गांधी का नाम सुनने में कोई इंटरेस्ट नहीं है.
जस्टिस मिश्रा ने कहा कि प्रकाश कुमार सिंह का ये स्टेटमेंट कोर्ट की अवमानना करता है. उन्होंने वकील से पूछा क्या तुम ये सब कहकर कोर्ट को प्रभावित करना चाहते हो. ऐसा करके तुम पब्लिक में क्या मैसेज देने की कोशिश कर रहे हो. तुम्हें ऐसा नहीं करने दिया जा सकता. इसके बाद कोर्ट ने केस की सुनवाई करने से इनकार कर दिया और प्रकाश कुमार सिंह को किसी और बेंच के पास जाने को बोल दिया.