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सुप्रीम कोर्ट की समिति की सख्त चेतावनी, मणिपुर सरकार को धार्मिक इमारतों के लिए ये करना होगा

सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को नहीं माना तो कोर्ट की अवमानना के लिए जिम्मेदार होंगे...

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Supreme Court Committee directs Manipur Government to protect religious places, properties of displaced.
सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हिंसा के मानवीय पहलुओं को देखने के लिए 3 पूर्व जजों की एक समिति का गठन किया था. (फोटो क्रेडिट - पीटीआई)
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प्रज्ञा
29 सितंबर 2023 (Published: 12:59 PM IST) कॉमेंट्स
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सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की समिति ने मणिपुर सरकार (Manipur Government) से राज्य की सभी धार्मिक इमारतों की बिना देर किए पहचान करने के लिए कहा है. साथ ही इन्हें नुकसान और अतिक्रमण से बचाने के लिए भी कहा गया है.

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट की समिति ने 8 सितंबर को राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ एक बैठक की. इसी दौरान ये सिफारिशें की गईं. समिति ने कहा कि राज्य सरकार को तुरंत राज्य में सभी धार्मिक इमारतों की पहचान करनी चाहिए (इसमें चर्च, हिंदू मंदिर, मस्जिद और बाकी किसी भी धर्म की इमारतें शामिल हैं). इसके साथ ही विस्थापित लोगों की संपत्तियों और हिंसा में बर्बाद या जलाई गईं संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए. उनके अतिक्रमण को भी रोका जाए.

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'नहीं मानने पर होगी SC की अवमानना'

समिति ने ये भी साफ किया कि भले ही ये इमारतें अभी सही-सलामत हों या 3 मई 2023 से शुरू हुई हिंसा में इन्हें जलाया या नुकसान पहुंचाया गया हो. सबकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए. समिति ने सुप्रीम कोर्ट को दिए अपने नोट में कहा कि कोर्ट इसके लिए आदेश जारी करे. अगर आदेश को नहीं माना जाता है तो संबंधित व्यक्ति भारत के सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को नहीं मानने और कोर्ट की अवमानना करने के लिए जिम्मेदार होगा.

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386 धार्मिक इमारतों में आगजनी

मणिपुर पुलिस ने सितंबर की शुरुआत में इस बारे में एक बयान जारी किया था. उन्होंने बताया था कि राज्य में हिंसा के दौरान 386 धार्मिक इमारतों में आग लगा दी गई. इनमें से 254 चर्च और 132 मंदिर हैं. पूरे राज्य में आगजनी के 5,132 मामले दर्ज किए गए. धार्मिक इमारतों में आगजनी की ये घटनाएं इन्हीं में से हैं.  

सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हिंसा के मानवीय पहलुओं को देखने के लिए पूर्व जजों की तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था. इसकी अध्यक्षता जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट की पूर्व चीफ जस्टिस गीता मित्तल कर रही हैं. समिति में बॉम्बे हाई कोर्ट की पूर्व जज शालिनी पी. जोशी और दिल्ली हाई कोर्ट की पूर्व जज आशा मेनन भी शामिल हैं.

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वीडियो: ग्राउंड रिपोर्ट: दिल्ली से आई कुकी महिला ने मणिपुर हिंसा के सवाल पर गुस्से में क्या कह दिया?

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