ये 7 साल की छोरी इतना वजन उठा लेती है कि देखकर आंखें फटी रह जाएंगी
कनाडा की रोरी वान ने दुनिया को हैरान कर दिया है
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रोरी ने मजाक-मजाक में वजन उठाए और सबको इंप्रेस कर दिया.
कुदरती है रोरी का स्टाइल ब्रिटिश अखबार डेली मेल के अनुसार, रोरी वान उल्फ ने 5 साल की उम्र में वजन उठाने की शुरुआत की. वह गईं तो जिमनास्टिक्स की क्लास में थीं, लेकिन वहां रखे वजन को उन्होंने मजाक में उठा लिया. इसकी तरफ जब ट्रेनर का ध्यान गया तो उन्हें ट्रेनिंग देना शुरू किया गया. वह रोज ही वजन उठाकर लोगों को हैरान करने लगीं. जब उनसे इतना वजन उठाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बस इतना कहा -
मैं अपने दिमाग को क्लियर करती हूं और वजन उठा लेती हूं.

रोरी ने मजाक-मजाक में वजन उठाए और सबको इंप्रेस कर दिया. (फोटो रोरी वॉन उल्फ्ट के इंस्टाग्राम अकाउंट से)
अमेरिका की सबसे कम उम्र की चैंपियन रोरी को हाल ही में वेटलिफ्टिंग की 11 साल और 13 से साल से कम कैटेगिरी के 30 किलोग्राम वर्ग में नेशनल यूथ चैंपियन चुना गया है. ऐसा करने वाली वह सबसे कम्र उम्र की चैंपियन बन गई हैं. उनके पिता कावन कहते हैं -
यह कहना सही होगा कि रोरी दुनिया की सबसे छोटी और ताकतवर लड़की हैं.हालांकि बाकी पिताओं की तरह उनकी चिंता भी अपनी बेटी की सेफ्टी को लेकर बनी रहती है. उनके पिता का कहना है कि हमारे लिए रोरी की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है. वह अपनी ट्रेनिंग और खेल में बहुत ही सावधानी और खास तरीके से आगे बढ़ रही है. कावन का कहना है कि फिलहाल रोरी न सिर्फ सबसे ताकतवर लड़की बल्कि सभी बच्चों में सबसे ताकतवर है. किसी लड़के के नाम पर भी इस तरह का रिकॉर्ड दर्ज नहीं है.

रोरी खुद को वेटलिफ्टर से ज्यादा जिमनास्ट मानती हैं. (फोटो-रोरी वान उल्फ के इंस्टाग्राम अकाउंट से)
लेकिन रोरी खुद को वेटलिफ्टर नहीं मानतीं दुनिया भले ही उनकी ताकत का लोहा मान रही हो, लेकिन रोरी खुद को वेटलिफ्टर से ज्यादा जिमनास्ट मानती हैं. वह इसके लिए हर हफ्ते 9 घंटे प्रैक्टिस भी करती हैं, जबकि वजन उठाने की प्रैक्टिस वह हफ्ते में सिर्फ 4 घंटे ही करती हैं. जब उन्होंने जिमनास्टिक्स के लोकल कंपिटीशन में ब्रॉन्ज मेडल जीता, तो अपने पैरेंट्स से कहा कि उन्हें जिमनास्टिक्स में ज्यादा मजा आता है क्योंकि कुछ भी सिर पर नहीं उठाना पड़ता.
हालांकि हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि इतने छोटे बच्चे के लिए भारी वजन उठाना सही नहीं होता. उसे यह काम उम्र बढ़ने के बाद ही करना चाहिए. लेकिन रोरी के माता-पिता का कहना है कि खेल से जुड़े डॉक्टर लगातार रोरी पर नजर रखते हैं. उनकी सलाह पर ही रोरी का ध्यान रखा जाता है.