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श्रीश्री रविशंकर अग्निपथ योजना पर 'मौका मौका' कर रहे थे, लोग '40 रुपये प्रति डॉलर' वाला ट्वीट ले आए

श्रीश्री रविशंकर बोले- अग्निपथ युवाओं के लिए सुअवसर

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Sri Sri Ravi Shankar gets trolled
बायीं ओर श्रीश्री रविशंकर (फोटो: ट्विटर) और दायीं ओर मेरठ में प्रदर्शनकारी (फोटो: पीटीआई)
20 जून 2022 (Updated: 20 जून 2022, 21:49 IST)
Updated: 20 जून 2022 21:49 IST
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'आर्ट ऑफ लिविंग' के संस्थापक श्री श्री रविशंकर (Sri Sri Ravi Shankar) ने सेना में भर्ती की नई योजना 'अग्निपथ' (Agnipath) को युवाओं के लिए बेहतरीन मौका बताया है. उन्होंने कहा है कि 'अग्निपथ' योजना बहुत अच्छी है और युवाओं को किसी बहकावे में नहीं आना चाहिए. श्री श्री रविशंकर ने सोमवार, 20 जून को 'अग्निपथ' योजना को लेकर दो ट्वीट किए. इनमें उन्होंने लिखा,

'दुनिया भर में, यहां तक कि स्विट्जरलैंड और सिंगापुर जैसे छोटे देशों में भी एक से दो वर्ष सेना में सर्विस देना अनिवार्य है. इनकी तुलना में भारत की नई सैन्य सेवा योजना (अग्निपथ) अति उत्तम है…देश की रक्षा के लिए समर्पित और त्याग के मनोभाव से निकले हुए युवाओं के लिए यह एक सुअवसर है. बहकावे में न आएं, इसे ठीक-ठीक समझें और मिलने वाली सुविधाओं और प्रक्षिशण से अपना और राष्ट्र का हित करें!'

फिर ट्विटर यूजर्स ने रविशंकर से क्या कहा?

श्री श्री रविशंकर के इन ट्वीट्स को लेकर उन्हें जमकर ट्रोल किया गया. कुछ यूजर्स ने उन्हें स्विटजरलैंड और सिंगापुर की तुलना में भारत की जनसंख्या याद दिलाई. कई ने उन्हें उनके कुछ पुराने ट्वीट्स की याद दिलाई, जिसमें रविशंकर ने मोदी के सत्ता में आने पर रुपया मजबूत होने की बात कही थी.

हंसराज मीणा नाम के एक ट्विटर यूजर ने लिखा,

देश का कोई भी नागरिक इस रविशंकर की लिखी बात पर बिल्कुल विश्वास ना करे. संदेश जनहित में जारी. प्रमाण नीचे है.

हंसराज मीणा रविशंकर के उस ट्वीट की बात कर रहे थे जिसमें रविशंकर ने एक न्यूज शेयर करते हुए लिखा था,

यह जानना अच्छा है कि मोदी के सत्ता में आने पर रुपया 40 रुपये प्रति डॉलर पर मजबूत होगा.

एक यूजर ने तो तंज कसते हुए श्री श्री रविशंकर से 40 रुपये में पेट्रोल की मांग कर दी.

राज सहोटा नाम के यूजर ने ट्वीट किया,

किनसे तुलना कर रहे विशाल भारत वर्ष की? भाजपा के लिए जनसंख्या या संसाधन कोई तर्क विचाराधीन है भी या नहीं! छोटे देश जो हमारे एक राज्य में समा जाएं, अब उनके सिद्धांत भारत क्यों माने या वो लागू ही क्यों हों भारतवर्ष पर!

रोशन लाल बिट्टू नाम के यूजर ने ट्वीट किया,

क्या आप संत हैं? आपको सही जानकारी होनी चाहिए.

लगता है आपने भी बीजेपी के व्हॉट्सएप से सीख ली है. स्विट्जरलैंड-सिंगापुर में एक-दो साल की सर्विस ट्रेनिंग लेना अनिवार्य है, सर्विस नहीं.

ट्रेनिंग और सर्विस में जमीन और आसमान का फर्क है.

वहीं, कई यूजर्स ने श्री श्री रविशंकर का पक्ष भी लिया. नीरव रावल नाम के यूजर ने ट्वीट किया,

सच है. यह (अग्निपथ योजना) देश के लिए बेहद मददगार होगा. उम्मीदवारों को सरकार और सेना की ओर से दिए गए स्पष्टीकरण को पढ़ना चाहिए.

राजेश अग्रवाल ने लिखा,

हर घर से सैनिक निकलेगा. जय हो नरेंद्र मोदी.

विकास खेतान नाम के यूजर ने भी श्री श्री रविशंकर की बात पर सहमति जताते हुए लिखा कि ये स्कीम देश बदल सकती है,

युवाओं को चाहिए वे बुद्धिमानी से चीजों को समझें और परखें. किसी के बहकावे में ना आएं. 21 और 22 साल के युवा के पास 20 लाख हो, ये बहुत बड़ी बात है. ये स्कीम देश बदल सकती है. काबिलियत होगी तो सेना समेत 100 चांस मिलेंगे.

रविशंकर ने इससे पहले 17 जून को भी अग्निपथ योजना पर ट्वीट करते हुए प्रदर्शन कर रहे युवाओं से बातचीत के जरिए विवाद सुलझाने की अपील की थी. उन्होंने ट्वीट किया था,

हम भारत में आंदोलन कर रहे विद्यार्थियों से अनुरोध करते है कि वे विवाद को बातचीत द्वारा सुलझाएं. ध्यान रखें कि राष्ट्रीय संपत्ति और जनसामान्य को किसी प्रकार की हानि न पहुंचे.

केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने 14 जून को 'अग्निपथ' योजना का ऐलान किया था. लेकिन, सेना में भर्ती की इस नई योजना का देश के कई राज्यों में विरोध शुरू हो गया.

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